Jain Mandir's में 108 रजत कलशों से हुआ महामस्तकाभिषेक
निर्जला व्रत कर किया नमन पाठ-जैन मंदिरो में उमड़ी भीड़
Varanasi (dil India live). 29.09.2023. अंनत चतुर्दशी के पावन पर्व पर गुरुवार को अंनत नाथ एवं देवाधिदेव पार्श्वनाथ जी का 108 रजत कलशों से मस्तकाभिषेक भक्तो ने किया। पर्युषण पर्व के अन्तिम दिन जैन मन्दिरो में भक्तो की भारी भीड़ रही। मुख्य आयोजन ग्वाल दास लेन स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर में सकल जैन समाज की उपस्थिती में सायंकाल 4 बजे व्रतधारी केशरिया शुद्ध वस्त्रो मे इन्द्र के रूप मे वाद्य यंत्रो एवं शहनाई की मंगल ध्वनि के बीच सैकड़ो मतावलंबी ने मंत्रोच्चारण के साथ रजत पाण्डुक शिला के कमल सिंहासन पर विराजमान कर तीर्थंकर द्वय का बारी-बारी से पंचाभिषेक से महामस्तकाभिषेक किया। भक्तो ने नमन पाठ पढकर इच्छुक रसधारा, दुग्ध धारा, घृत धारा, केशर एवं गंगाजल के 108 कलशो से तीर्थंकरो का प्रक्षाल किया।
भाद्र शुक्ल पंचमी से अंनत चतुर्दशी तक 10 दिनो तक चलने वाले पर्युषण पर्व पर जैन धर्मावलंबी प्राचीन परम्परा के अनुसार अंनत चतुर्दशी पर्व पर विभिन्न जैन मन्दिरो में भगवान पार्श्वनाथ जन्म स्थली भेलूपुर, सुपार्श्वनाथ जन्म स्थली भदैनी, श्रेयांस नाथ जन्म स्थली सारनाथ, चन्द्र प्रभु जन्म स्थली चौबेपुर के अलावा नरिया, खोजंवा, मैदागिन, हाथीबाजार, मझवा, भाट की गली एवं चैत्ययालयों में जाकर दर्शन पूजन किया। भक्त समूह परिक्रमा, वंदना के बाद ग्वाल दास लेन पहुंच कर मुख्य आयोजन मे भाग लेते है। पंचायती मन्दिर में चौबीसी पूजन, देव शास्त्र, गुरु पूजा, विनय पाठ, अंनत नाथ पूजा व शान्ति पाठ किया। भगवान वासु पूज्य के मोक्ष कल्याणक पर 48 दीपको से भक्तामंबर दीपार्चना समर्पित किया गया। श्रद्धालुओ ने पंचामृत में भीगोकर अंनत सूत्र को अपनी बांहो में बांधा। सायं
पर्व के 10वें अध्याय उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पर बोलते हुए पं सुरेंद्र शास्त्री ने कहां- पर द्रव्यों से रहित शुद्ध बुद्ध आत्मा में चर्या अर्थात लीनता होती है उसे ब्रह्मचर्य कहते हैं। इस प्रकार दसों दिन आत्मा के 10 धर्मो की भावपूर्ण आराधना करने वाला शीघ्र ही आत्मा अनुभूति को प्राप्त करता है। सायंकाल जिनेन्द्र भगवान की आरती, विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन,संजय जैन, विनोद जैन, प्रधान मंत्री अरूण जैन, तरूण जैन, विनय जैन, रत्नेश जैन, राजेश भूषण जैन, सौमित्र जैन उपस्थित थे।
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