आला हज़रत का तीन दिनी उर्स शुरू, सैकड़ों चढ़ेगी बनारस की चादर
Varanasi (dil India live). 10.09.2023.आला हजरत इमाम अहमद रजा खान फाजिले बरेलवी के तीन दिनी उर्स में शिरकत करने के लिए पूर्वांचल भर से हजारों जायरीन Bareilly पहुंचे हुए हैं। Bareilly जाने वाली विभिन्न गाड़ियों व अपने साधनों से अकीदतमंद सवार होकर रवाना हुए। बनारस से भी सैकड़ों अकीदतमंद बरेली (Bareilly) पहुंचे हुए हैं। Bareilly में सैकड़ों अकीदतमंद बनारस की चादरें चढ़ाएंगे.
पता हो कि बरेली (Bareilly) शरीफ में 10 सितंबर से 12 सितंबर तक आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी का तीन दिवसीय सालाना उर्स मनाया जा रहा है. उर्स में शिरकत करने के लिए देश दुनिया से लाखों अकीदतमंद बरेली (Bareilly) शरीफ में उमड़े हुए हैं, हर कोई सुन्नी बरेलवी मसलक के आध्यात्मिक धर्मगुरु आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के आस्ताने पर हाजिरी लगाने को बेचैन है. जो उर्स में नहीं जा सके वह अपने घरों में आला हजरत इमाम अहमद रजा खां की फातिहा कराएंगे.
मदरसों व मस्जिदों में मनेगा उर्स
बनारस के मस्जिदों, मदरसों व घरों में आला हजरत का उर्स पूरी अकीदत के साथ मनाया जा रहा है. मदरसा ख़ानम जान के मौलाना अजहरूल कादरी ने बताया कि बनारस में आला हजरत को मानने वाले लाखों अकीदतमंद है। हर आदमी उर्स में नहीं जा पाता है. इसलिए तीसरे दिन मदरसों और मस्जिदों में कुल शरीफ किया जाता है. इस दौरान आला हजरत का जिक्र भी होता है.
गौरीगंज के इम्तियाज़ खान ने बताया कि आला हजरत वह शख्सियत हैं जिन्होंने अंग्रेजों का सर झुका रहे इसके लिए खामोश आंदोलन छेड़ रखा था. वो डाक टिकटों में रानी विक्टोरिया का टिकट उल्टा लगते थे. इसके पीछे वजह यही थी कि अंग्रेज समझ भी नहीं पाते थे कि टिकट उल्टा क्यों लगा है मगर एक खामोश आंदोलन था जो उस वक्त देश के लाखों लोगों के बीच मजबूती से अंग्रेजों की मुखालफत कर रहा था.
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