रविवार, 24 सितंबर 2023

Imam ki yaad : दर्द भरे नौहों के बीच साठे का निकला जुलूस

ग़म का आखिरी जुलूस निकला, जंजीर का हुआ मातम, जुटा हुजूम







Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live).24.09.2023. नौहों की दर्द भरी सदाओं के बीच इतवार को साठे का कदीमी जुलूस निकला। जुलूस में शहीदाने कर्बला को आंसुओं और लहू का नजराना अजादारों ने जंजीर का मातम पेश करके किया। जुलूस में  अलम, दुलदुल, तुरबत और अमारी की जियारत की गई और लोगों ने मन्नतें उतारीं। रास्ते भर अंजुमन हैदरी के दर्द भरे नौहें अकीदतमंदों की आंखें नम करते रहे। कमा और जंजीर से खूनी मातम किए गए। इतवार की देर शाम दरगाह फातमान पहुंच कर जुलूस समाप्त हुआ। इससे पूर्व हुईं मजलिसों में कर्बला की शहादत के मंजर बयान किए गए।

ग्यारहवें इमाम हसन अस्करी की शहादत पर इतवार को दालमंडी की पुरानी अदालत स्थित शब्बीर और सफदर के अजाखाने से अंजुमन हैदरी की देखरेख में जुलूस निकाला गया। इससे पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना इरशाद अब्बास लखनऊ ने कहा कि कुर्बानी से बड़ा कोई जज्बा नहीं होता। इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ कर्बला के मैदान में यह कर दिखाया। कहा कि इमाम हुुसैन की शहादत ने हम सब में वहीं जज्बा भर दिया है कि दुश्मन के आगे सिर न झुकाया जाए और हक की आवाज बुलंद करने में कोई कोताही न की जाए। नई सड़क पर अंजुमन हैदरी के नौहे, हम क्यों न करें मातम शाहे जमन तेरा, सुनते है रहा लाशा बेगोरो कफन तेरा... पर जहां लोग रो पड़े वहीं नौजवानों ने कमा और जंजीर का मातम किया। फाटक शेख सलीम, काली महाल, पितरकुंडा, लल्लापुरा में भी मातम हुआ। जिस्म से निकलते खून शहीदाने कर्बला को खिराजे अकीदत पेश कर रहे थे। जुलूस में हजारों की संख्या में स्त्री, पुरुष और बच्चे शामिल रहे। मकानों की छतों पर भी भीड़ लगी रही।

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...