जाति जनगणना से इंकार करके सरकार देश के साथ कर रही है अन्याय
Varanasi (dil India live).10.09.2023. "जाति को जनगणना से जोड़ो वरना मोदी-योगी सरकार गद्दी छोड़ो." जैसे नारे के साथ पूरे पूर्वांचल में और उत्तर प्रदेश में जाति जनगणना अभियान चलाने का फैसला आज पूर्वांचल भर से आए सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने लिया. नेपाली कोठी, वरुणापुल विश्व ज्योति केंद्र पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार जाति जनगणना से इनकार करके केवल ओबीसी या पसमांदा ही नहीं पूरे देश के साथ भारी अन्याय कर रही है और अगर जाति जनगणना सरकार नहीं कराती है तो 2024 के चुनाव में सबक सिखाने का काम जनता जरूर करेगी. वक्ताओं ने कहा कि संसाधनों पर अभी भी देश में किन तबको का कब्जा है यह जानने के लिए और उसके न्याय पूर्ण बंटवारे के लिए भी जाति जनगणना बेहद जरूरी है, ऐसे में यह बेहद शर्म की बात है और चिंताजनक है कि यह सरकार जिन लोगों ने संसाधनों को दबा के रखा है उनके पक्ष में बेशर्मी से खड़ी है. बैठक के निर्णय के अनुसार अगले 20 दिनों तक पूर्वांचल के हर जिले में बैठकों और सम्मेलनों का सिलसिला चलेगा और जल्दी ही लखनऊ में लखनऊ के आसपास के 10-15 जिलों के सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता इकट्ठा होंगे और फिर यही अभियान उन इलाके में भी चलाया जाएगा. इस तरह-तरह 2024 तक जाति जनगणना अभियान लगातार भिन्न-भिन्न रूप में चलता रहेगा, इसी दौरान बनारस और लखनऊ में दो बड़ी रैलियों की योजना भी बनाई गई.
बैठक में मुख्य रूप से जदयू ,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, पूर्वांचल बहुजन मंच, कम्युनिस्ट फ्रंट, रिहाई मंच, स्वराज अभियान, राष्ट्रीय समानता दल, भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा, समाजवादी जन परिषद के पदाधिकारी, पत्रकार, वकील व नागरिक कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की. बैठक में मुख्य रूप से अनुप श्रमिक, राजीव यादव, मनीष शर्मा, रफीक भाई, मोती लाल शास्त्री, जयशंकर सिंह, रामजनम, संजीव सिंह, वीरेंद्र यादव, नाहिद अकील, आरपी गौतम, निशांत,विनय कुमार, प्रज्ञा सिंह, नंदनी यादव, शिवदास, फादर आनंद, राजेन्द्र यादव, इश्तियाक, सरफराज आदि उपस्थित रहे.
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