मंगलवार, 12 सितंबर 2023

Bareilly में उर्से Aala Hazrat से बड़ा कोई त्योहार नहीं

उर्से आला हज़रत में हो रही अमन, मिल्लत और तरक्की की दुआएं 


Barely (dil india live). बरेली शरीफ में उर्से आला हज़रत से बड़ा कोई त्योहार नहीं है। उर्से आला हज़रत Bareilly के लिए एक इंटरनेशनल इवेंट है। उर्स में शिरकत करने देश दुनिया के किस हिस्से से, कौन कब आ जाएगा ये न तो आयोजक जानते हैं और न ही वहां का प्रशासन। ये दुनिया का ऐसा आयोजन है जिसमें तीनों दिन देश-दुनिया में अमन, मिल्लत और तरक्की की ही दुआएं मांगी जाती है। यह आयोजन कभी किसी भी विवादों में नहीं रहा। अमन कि रिपोर्ट...

2 बज कर 38 मिनट पर कुल शरीफ आज

इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी का 105 वां तीन रोजा उर्स-ए-रजवी आज अपने शबाब पर है. देश दुनिया से आला हजरत के दीवाने वहां न सिर्फ जुटे हुए हैं बल्कि सभी अकीदतमंदों ने जौहर की नमाज़ के बाद दोपहर में 2 बज के 38 मिनट पर कुल शरीफ में हिस्सा लेंगे. इस दौरान देश दुनिया में अमन, मिल्लत और देश की तरक्की के लिए लोग हाथ उठायेंगे.

पता हो कि आला इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान पर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) की सदारत, सैयद आसिफ मियां व उर्स प्रभारी राशिद अली खान की निगरानी में उर्स की रस्में अदा की जाएंगी। अहसन मियां की कयादत में परचम का जुलूस आजमनगर स्थित अल्लाह बक्श के निवास से शाम चार बजे रवाना हुआ. निर्धारित मार्ग से होते हुए यह जुलूस दरगाह पहुंचा, वहां सलामी देने के बाद जुलूस सुब्हानी मियां की कयादत में उर्स स्थल इस्लमिया काॅलेज मैदान पर पहुंचा. यहां देश-विदेश के उलमा की मौजूदगी में सुब्हानी मियां ने परचम कुशाई की रस्म अदा करायी.

सड़कों पर रजवी परचम लेकर आला हजरत के दीवाने चले तो कारवां बनता गया. रजा के दीवानों ने आला हज़रत जिंदाबाद के नारे लगाए. इसके बाद परचम कुशाई की रस्म अदायगी पूरी की गई. परचम कुशाई जुलूस का जगह-जगह फूलों से स्वागत किया गया था. इस्लामियां ग्राउंड के मुख्य गेट पर परचम जुलूस का झंडा लहराया गया. इस तीन दिवसीय उर्स में जायरीन देश विदेश से आये हुए हैं. कुरान की तेलावत, दुआखवानी व चादरपोशी का सिलसिला पहले दिन से ही जारी है. इस दौरान उलेमा की तकरीर हुई. देश-दुनिया के लाखों अकीदतमंद उर्स-ए-रजवी में हाजिरी के लिए बरेली पहुंचे हुए हैं. तीन दिन से शहर में अकीदत और रूहानियत का अनूठा नजारा दिखाई दे रहा है. मोहल्ला सौदागरान में दरगाह से लेकर उर्स स्थल तक, मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडी सेंटर और बाकरगंज मदरसा जामिया नूरिया रजविया में उर्स की रौनक देखते ही बन रही है.

बरेली में अकीदतमंदों की भीड़

इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी का 105 वां तीन रोजा उर्स-ए-रजवी का आगाज 10 सितंबर को परचम कुशाई की रस्म के साथ हुआ. सड़कों पर रजवी परचम लेकर चले रजा के दीवानों ने जिंदाबाद के नारे लगाए. परचम कुशाई जुलूस का जगह-जगह फूलों से स्वागत किया गया. इस्लामियां ग्राउंड के मुख्य गेट पर परचम जुलूस का झंडा लहराया गया.

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