मंगलवार, 25 नवंबर 2025

Nazir Benarasi को भारत रत्न देने की उठी मांग

मशहूर शायर नज़ीर बनारसी की जयंती पर हुई केंद्र सरकार से मांग

...मस्जिद मंदिर है सामने, एक एक दीप दोनों में पहले जला के चल

F. Farouqi (Babu)

dil india live (Varanasi). जन कल्याण परिषद् उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में मशहूर शायर नज़ीर बनारसी की जयंती रामकटोरा स्थित अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट के सभागार में, संस्था के प्रदेश अध्यक्ष गंगा सहाय पाण्डेय की अध्यक्षता में धूम-धाम से मनाई गई। इस अवसर पर नगर के सम्मानित कवि व शायरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई व अपने कलाम से श्रद्धा सुमन अर्पित कर अपनी काव्यांजलि दी ।

संस्था के प्रदेश अध्यक्ष गंगा सहाय पाण्डेय ने केन्द्र सरकार से नज़ीर बनारसी को भारत रत्न देने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने अहिंसा, प्रेम, शान्ति और साम्प्रदायिक सौहार्द को रबाईयो का विषय बनाया। सन् १९०३ में २१ वर्ष की उम्र में उनके द्वारा लिखित ग़ज़ल " इक रात में सौ बार जला और बुझा हूं " , मुफ़लिस का दीया हूं मगर आंधी से लड़ा हूं। सौदागर हूं उजाले का अंधेरे में खड़ा हूं, कभी नफ़रत की आग बढ़ने न पाए, बुझा के चल, उठ और प्यार की गंगा बहा के चल। जो राह रोकती है वो दीवार ढहा के चल, रास्ता अगर नहीं है तो, तो रास्ता बना के चल। होती है शाम मस्जिद मंदिर है सामने, एक एक दीप दोनों में पहले जला के चल। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के प्रदेश महासचिव सिद्धनाथ शर्मा ने व धन्यवाद शमशुल आरफीन ने किया।

इनकी रही खास मौजूदगी 

इस अवसर पर जमाल बनारसी, मुहक्कम बनारसी, सिद्धनाथ शर्मा, सिद्ध, दिनेश दत्त पाठक, भुलक्कड़ बनारसी, विजय चन्द्र त्रिपाठी, शमीम गाजीपुरी, रामानंद दीक्षित, वहीद इकबाल, हाजी सगीर, विजय शंकर पाण्डेय, डा. अंजनी मिश्रा, शमशुल आरफीन, एस पी श्रीवास्तव आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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