सोमवार, 10 नवंबर 2025

Education: DAV PG College में 'राष्ट्रीय आंदोलन के दौर में बनारस का क्रांतिकारी आंदोलन' पर व्याख्यान

स्वाधीनता आंदोलन में सेतु की तरह थी काशी- डॉ. कौशिक


dil india live (Varanasi)। डीएवी पीजी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में सोमवार को 'राष्ट्रीय आंदोलन के दौर में बनारस का क्रांतिकारी आंदोलन' विषयक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता बलिया, एससी कॉलेज के सहायक आचार्य डॉ. शुभनीत कौशिक ने कहा कि 1942 के आंदोलन में बंगाल, महाराष्ट्र और पंजाब के जैसे बड़े केंद्र में काशी एक सेतु के रूप में स्थापित था।

उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के लिए भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं था अपितु वह उस शोषण के खिलाफ था जिसका शिकार भारत के नागरिकों को बनाया जा रहा था। भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी हिन्दुस्तान में बदलाव के पोषक थे। काशी का उल्लेख करते हुए डॉ. कौशिक ने कहा कि यहां सचीन्द्र नाथ सान्याल ने आंदोलन का नेतृत्व किया, उन्होंने अपनी पीढियां लगा दी, उनके चारों भाई आंदोलन में सक्रिय रहे। बाद में रास बिहारी बोस भी आकर आंदोलन से जुड़े। वे बनारस में धुरी के तरह थे। उनके बनाये अनुशीलन केंद्र पर अंग्रेजी हुकूमत द्वारा लगाए प्रतिबंध के बाद उन्होंने युवक सम्मेलन की स्थापना की, जिससे काफी सहयोग मिला। उस दौर में बंगाली टोला, कारमाइकल लाइब्रेरी, सीएम एंग्लो बंगाली जैसे स्थान क्रांतिकारियों के स्थल रहे। 

   अध्यक्षता कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने किया। स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. स्वाति सुचरिता नन्दा, संचालन डॉ. विकास सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रतिमा गुप्ता ने दिया। इस मौके पर मुख्य रूप से डॉ. रविशंकर राज, डॉ. गौरव मिश्रा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल रहे।


एआई टूल्स पर संगोष्ठी का आयोजन

डीएवी पीजी कॉलेज में आइक्यूएसी के अंतर्गत संचालित यूजीडीसीए पाठ्यक्रम द्वारा सोमवार को कॉमर्स लैब में एआई और मशीन लर्निंग विषय पर विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन ने कहा कि एआई का चलन जिस प्रकार से बढ़ रहा है उसमें एआई टेक्निक का प्रयोग अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए करना है ना कि उसकी आलोचना करनी है। डॉ. सिद्धार्थ सिंह ने शोध कार्य मे एआई टूल्स की मदद पर प्रकाश डाला। कावेरी शर्मा ने गामा, मर्लिन, चैटजीपीटी  जैसे एआई टूल्स के वारे में विस्तार से समझाया। अतिथियों का स्वागत समन्वयक डॉ. शान्तनु सौरभ, संचालन नजम उज्ज जमान एवं धन्यवाद ज्ञापन रोजिना बानो ने दिया। 

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