मंगलवार, 18 नवंबर 2025

Education: आंख के बदले आंख की परंपरा से तो पूरी दुनिया हो जायेगी अंधी

युद्ध से कभी नही होगा स्थायी समाधान - डॉ. प्रशांत


dil india live (Varanasi)। डीएवी पीजी कॉलेज में मंगलवार को राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में मालवीय सेंटर फॉर पीस रिसर्च में सहायक आचार्य डॉ. प्रशांत कुमार ने 'राजनीति विज्ञान में शांति और संघर्ष समाधान की अवधारणा' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि युद्ध कभी स्थायी समाधान नही देता, युद्ध की परिणीति में हमेशा शोक और करुणा का भाव ही दिखलाई पड़े़गा। अनादि काल में हुआ महाभारत का युद्ध इसका सबसे बड़ा प्रमाण है जहां जीत के बावजूद पाण्डव हर्षित नहीं थे। युद्ध हिंसा सिर्फ तात्कालिक सुख जरूर प्रदान कर सकती है परन्तु आंख के बदले आंख की परंपरा से तो पूरी दुनिया ही अंधी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास दो ही रास्ते उपलब्ध है पहला गांधी का रास्ता जिसमें हम पूरी दुनिया मे शांति स्थापित कर सकते है या फिर हिंसा का जिससे पूरी दुनिया विनाश के रास्ते पर चल निकले।

 

इसके पूर्व डॉ. स्वाति सुचरिता नन्दा एवं डॉ. प्रतिमा गुप्ता ने डॉ. प्रशांत का स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान कर उनका स्वागत किया। विषय स्थापना डॉ. रविशंकर राज, संचालन डॉ. विकास कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गौरव मिश्र ने दिया। इस मौके पर बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

विजिट : अमूल व कैम्पा में डीएवी के स्टूडेंट्स 

वाराणसी के डीएवी पीजी कॉलेज के वाणिज्य विभाग के विद्यार्थियों का दल मंगलवार को इंडस्ट्रियल विजिट के अंतर्गत करखियांव स्थित अमूल (बनास डेयरी) और कैम्पा कोला प्लांट पहुँचा। बीकॉम अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं के साथ 50 सदस्यीय दल ने पहले अमूल प्लांट पहुँचकर वहाँ की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली का बारीकी से अवलोकन किया। छात्रों ने दूध पैकेजिंग एरिया, बटर मिल्क, आइस क्रीम एवं दही प्रोडक्शन एरिया, स्वीट विभाग के साथ साथ एडमिन ऑफिस, लैब एवं कंट्रोल रूम आदि जगहों पर जाकर सम्पूर्ण तकनीक को करीब से समझा। इसके बाद समूह कैम्पा कोला के प्लान्ट पहुँचा जहाँ प्रोडक्शन, बॉटलिंग और पैकेजिंग आदि के बारे में विस्तार से जानकारी ली। 


विजिट का संयोजन डॉ. साक्षी चौधरी एवं डॉ. प्रियंका बहल ने किया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष प्रो. विजय नाथ दुबे, डॉ. तरु सिंह, डॉ. शान्तनु सौरभ, डॉ. ऋचा गुप्ता, डॉ. रश्मि त्रिपाठी, डॉ. श्रुति अग्रवाल, डॉ. सत्यार्थ बाँधल, मितिन आहूजा, डॉ. सोनल कपूर, डॉ. गोपाल चौरसिया उपस्थित रहें।

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