सोमवार, 3 नवंबर 2025

DAV PG College Varanasi में आरएसएस, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद एवं सॉफ्ट पावर पर संगोष्ठी

बिना किसी पूर्वाग्रह के भारतीयों का अंतिम मार्ग दर्शक बन रहा संघ- प्रो.महापात्रा


dil india live (Varanasi)। डीएवी पीजी कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सॉफ्ट पॉवर: उभरते प्रतिमान' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के वरिष्ठ प्रोफेसर और आरएसएस के जानकारअश्विनी महापात्रा ने आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के उत्थान में उनके योगदानों की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रवाद पश्चिमी देशों खासतौर से अमरीकी राष्ट्रवाद से बिल्कुल विपरीत है, वहाँ का राष्ट्रवाद क्षेत्रीय भौगोलिक आधार पर बने राष्ट्र के लिए है जबकि भारतीय राष्ट्रवाद सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आरएसएस भारत की आन्तरिक चेतना को जाग्रत करने वाला संगठन है और आरएसएस द्वारा प्रचारित प्रतिमानों द्वारा भारत ना सिर्फ दक्षिण एशिया अपितु सम्पूर्ण विश्व में सॉफ्ट पॉवर के रूप में स्थापित हों रहा है। प्रोफेसर महापात्रा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर भी आरएसएस के व्यापक प्रभाव दिखलाई पड़ रहा है और यह संगठन बिना किसी पूर्वाग्रह के भारतीयों का अंतिम मार्गदर्शक बन चुका है। 


समापन सत्र में मुख्य वक्ता दीन दयाल उपाध्याय चेयर, बीएचयू के प्रोफेसर टीपी सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों और राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्र की पाश्चात्य अवधारणा को पुरज़ोर तरीके से ध्वस्त किया और कठोर, मृदु और चतुर शक्तियों में भारत की श्रेष्ठता को सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने सदैव भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्य ध्येय में शामिल ‘पंच-परिवर्तन’ से राष्ट्रीय पुनर्निर्माण पर जोर दिया। 

इसके अलावा प्रो. कृष्ण मोहन पाण्डेय, प्रो.जयशंकर झा, प्रो.अनूप कुमार मिश्र आदि विद्वानों ने विभिन्न सत्रों में विचार रखें। अध्यक्षता कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने की।

 इसके पूर्व महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र से किया। विषय स्थापना प्रोजेक्ट निदेशक डॉ. शिव बहादुर सिंह ने किया। संचालन प्रो.अनूप मिश्रा, स्वागत डॉ. स्वाति सुचरिता नन्दा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रतिमा गुप्ता ने दिया। इस मौके पर मुख्य रूप से उपाचार्य प्रो.संगीता जैन, डॉ. विकास सिंह, डॉ. रवि शंकर राज, डॉ. गौरव मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

कोई टिप्पणी नहीं: