यूएस टैरिफ ने टेक्सटाइल और ज्वेलरी इंडस्ट्री को पहुंचायी सबसे ज्यादा चोट - शिशिर सिन्हा
dil india live (Varanasi). वाराणसी में वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार शिशिर सिन्हा ने कहा कि आने वाले समय मे भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमरीकी टैरिफ से होने वाले आर्थिक हानि की भरपाई करना है। यूएस टैरिफ से सबसे ज्यादा नुकसान टेक्सटाइल इंडस्ट्री और जेम्स एवं आभूषण से जुड़े व्यापार को हुआ है।
वो मंगलवार को डीएवी पीजी कॉलेज (DAV PG College) में अर्थशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित 'जीएसटी 2.0 रिफॉर्मं, आगामी बजट एवं विकसित भारत 2047' विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। अपने संबोधन में शिशिर सिन्हा ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ वार से भारत का फार्मा सेक्टर बचा हुआ है जिसका सबसे प्रमुख कारण अमेरिका को स्वयं के लिए जरूरी जेनरिक दवाईयों का निर्यात है। जीएसटी के संदर्भ में विचार रखते हुए सिन्हा ने कहा कि इस रिफार्म का मुख्य उद्देश्य मध्य वर्ग के लिए बचत को बढ़ाना है, कौटिल्य ने अपने अर्थशास्त्र में भी कहा है कि जनता से कर उसी प्रकार लिया जाए, जैसे कोई मधुमक्खी फूल से पराग लेती है। यदि हमें 2027 तक 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था और 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें कीमतों को कम करने पर ज्यादा जोर देना होगा।
अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि राष्ट्र के विकास के आर्थिक पुरुषार्थ की महत्ता सबसे महत्वपूर्ण अंग है, आय व्यय के बीच सामंजस्य बैठाने की कला अर्थशास्त्र के माध्यम से ही सीखी जा सकती है। संयोजन विभागाध्यक्ष प्रो.अनूप मिश्रा ने किया। इस मौके पर मुख्य रूप से उपाचार्य प्रो.संगीता जैन, डॉ. मयंक कुमार सिंह, डॉ. पारुल जैन, डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. आहुति सिंह, डॉ. शान्तनु सौरभ, डॉ. शालिनी सिंह सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।



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