गुरुवार, 13 नवंबर 2025

Education: Munshi Premchand ने शुरू की Urdu अफसाने की रवायत

प्रेमचंद ने जिस तरह से समाज को देखा उसे हु-ब-हू अपने अफसाने में उतारा



dil india live (Varanasi). वाराणसी के डीएवी पीजी कॉलेज में उर्दू विभाग के तत्वावधान में गुरुवार को 'उर्दू में अफसाना निगारी की रवायत' विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मुशर्रफ अली ने कहा कि उर्दू में अफसाना (कहानी) लेखन का श्रेय सर्वप्रथम मुंशी प्रेमचंद को जाता है, जिनका शोबे वतन मील का पहला पत्थर है। प्रेमचंद ने जिस तरह से समाज को देखा उसे ही अपने अफसाने में उतारा, उर्दू अफसाने में शुरू की गई उनकी रिवायत पर ही आज समूचा उर्दू अफसाना चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रेमचंद का साहित्य हमे संयुक्त परिवार के चलन की ओर प्रेरित करता है। डॉ. मुशर्रफ अली ने उर्दू निगारी की रवायत के आगाज से लेकर वर्तमान तक के तीनों दौर प्रगतिशील, आधुनिक और उत्तर आधुनिक दौर और समकालीन उर्दू रवायत पर भी प्रकाश डाला।

अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि इंसानी जिंदगी और इंसानियत पर उर्दू निगारी की रवायत बहुत प्रभावशाली रही है। इसके पूर्व प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने मुख्य अतिथि डॉ. मुशर्रफ अली का शॉल और स्मृति चिन्ह देकर उनका इस्तकबाल किया। संचालन डॉ. शमशीर अली एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नजमुल हसन ने दिया।


इनकी रही खास मौजूदगी 

इस मौके पर प्रो. प्रशांत कश्यप, प्रो. राकेश राम, डॉ. ज़ियाउद्दीन, डॉ. मयंक कुमार सिंह, डॉ. ओमप्रकाश कुमार, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ. नीलम सिंह, डॉ.  विजय यादव, डॉ. संजीव प्रियदर्शी, डॉ.श्वेता मिश्रा,डॉ. अनुराग चौरसिया, प्रताप बहादुर सिंह सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल रहे।

कोई टिप्पणी नहीं: