भारतीय दर्शन में निहित नैतिक मूल्य विश्व समुदाय के लिये मार्ग दर्शक -डा.रचना श्रीवास्तव
dil india live (Varanasi). 20.11.2025 को VKM Varanasi के दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा विश्व दर्शन दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डाॅ. एनीबेसेण्ट एवं पंडित मदन मोहन मालवीय के चित्र पर पुष्पांजलि से हुआ। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव द्वारा इस प्रकार के आयोजन के लिये छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भारतीय धर्म एवं दर्शन में निहित नैतिक मूल्य न केवल भारतीय जनमानस के लिये अपितु वैश्विक स्तर पर विश्व समुदाय के लिये भी मार्ग दर्शक की भूमिका का निर्वहन करने में सक्षम है।
इस अवसर पर समूह चर्चा एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। समूह चर्चा का विषय ‘क्या भारतीय दर्शन विश्व के लिये सार्वभौम नैतिक ढ़ांचा सृजित कर सकता है?’ रहा। इसमें बी0ए0 की छात्राओं में से अदिति, निगार, सुरूचि, जयश्री, काजल, अंशिका, मनस्वी, सपना, अर्पिता आदि छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। साथ ही भाषण प्रतियोगिता का शीर्षक ‘आधुनिक काल में भगवद्गीता के कत्र्तव्य-सिद्धान्त की प्रासंगिकता एवं क्या सत्य और अंहिसा का दर्शन आज के युग में प्रभावी हो सकता है?’ रहा। इसमें भी बी0ए0 की छात्राओं में से फरहत, निगार अंशिका, अर्पिता, आराधना, रिशिका, ऋतु इत्यादि छात्राओं के उत्साहपूर्वक प्रतिभाग ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
कार्यक्रम का सफल संचालन रिया एवं शताक्षी (बी0ए0 द्वितीय वर्ष) ने किया। प्रो. ममता मिश्रा, विभागाध्यक्षा, दर्शन विभाग ने छात्राओं को बधाई देते हुए भविष्य में इस प्रकार के आयोजन हेतु प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में डाॅ. मनोज कुमार सिंह, डाॅ. प्रतिमा सिंह, यशस्वी राय सहित अन्य विभागों के शिक्षक/शिक्षिकायें की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया।




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