ताबूत और अमारी के जुलूस की जियारत को उमड़ा हुजूम
सरफराज/रिज़वान
Varanasi (dil India live). सोमवार को ग़म ए हुसैन के अंतिम जुलूस में 11 वे इमाम हज़रत इमाम हसन अस्करी की शहादत पर ताबूत और अमारी की ज़ियारत के लिए हुजूम उमड़ पड़ा। बनारस के अलावा बिहार, झारखंड, वेस्ट बंगाल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश जैसे प्रांतों के लोग भी ज़ियारत के लिए बनारस पहुंचे हुए थे। इस दौरान दालमंडी की पुरानी अदालत में अज़ाखाना शब्बीर और सफदर से ताबूत, अलम, दुलदुल और अमारी का जुलूस निकाला गया। अंजुमन हैदरी चौक ने आरंभ से अंत तक नोहाख्वानी व मातम के साथ जंजीर और कमा के ज़रिए नजराना पेश किया।
लगातार 8 वें दिन मौलाना अब्बास इरशाद नकवी लखनऊ ने मजलिस को खिताब किया। मजलिस के बाद अजाखाने से जुलूस निकाला गया जो दालमंडी होकर नयी सड़क चौराहे पर पहुंचा जहां जंजीर और कमा का मातम हुआ। इसके बाद मौलाना नदीम असगर ने तकरीर पेश की तो पितृकुंडा पर मौलाना कैसर अब्बास आज़मी, नई पोखरी पर मौलाना यूसुफ mashhadi ने तकरीर की। इसके बाद जुलूस दरगाहे फातमान पहुंचा जहां पर मौलाना तहज़ीबुल हसन (इमाम ए जुमा रांची) ने तकरीर की, इस मौके पर आखिरी और अलविदाई तकरीर मौलाना अकील हुसैनी ने की। इस दौरान हैदर किरतपुरी, सलीम बलरामपुरी, रशीद मोरानवी, शाद सिवानी, अतहर बनारसी आदि ने शायरों ने कलाम पेश किया। अंजुमन हैदरी के नौजवानों ने दर्द भरे भौहों से लोगो की आँखें नम कर दी। अस्करी रज़ा सईद तथा नायब रज़ा ने जुलूस में शिरकत करने वालों का शुक्रिया अदा किया।
लगातार 8 वें दिन मौलाना अब्बास इरशाद नकवी लखनऊ ने मजलिस को खिताब किया। मजलिस के बाद अजाखाने से जुलूस निकाला गया जो दालमंडी होकर नयी सड़क चौराहे पर पहुंचा जहां जंजीर और कमा का मातम हुआ। इसके बाद मौलाना नदीम असगर ने तकरीर पेश की तो पितृकुंडा पर मौलाना कैसर अब्बास आज़मी, नई पोखरी पर मौलाना यूसुफ mashhadi ने तकरीर की। इसके बाद जुलूस दरगाहे फातमान पहुंचा जहां पर मौलाना तहज़ीबुल हसन (इमाम ए जुमा रांची) ने तकरीर की, इस मौके पर आखिरी और अलविदाई तकरीर मौलाना अकील हुसैनी ने की। इस दौरान हैदर किरतपुरी, सलीम बलरामपुरी, रशीद मोरानवी, शाद सिवानी, अतहर बनारसी आदि ने शायरों ने कलाम पेश किया। अंजुमन हैदरी के नौजवानों ने दर्द भरे भौहों से लोगो की आँखें नम कर दी। अस्करी रज़ा सईद तथा नायब रज़ा ने जुलूस में शिरकत करने वालों का शुक्रिया अदा किया।
ईद ए जहरा आज (२सितंबर)
Hazrat अली समिति के सचिव और मीडिया प्रभारी हाजी फरमान हैदर ने बताया कि २ महीना ८ दिन तक चलने वाले ग़म ए हुसैन का दौर साठे के जुलूस के साथ पूरा हो गया। जुलूस के समापन के बाद महफिलों और खुशियों का दौर शुरू हुआ चला है। मंगलवार को शिया समुदाय ईद ए जहरा की खुशियां मनाएगा। कई जगह महफिलों का आयोजन होगा। 3 सितंबर से यौमुन्नबी वीक का आगाज हो जाएगा।
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