“कृत्रिम बुद्धिमत्ता : वैश्विक साक्षरता के लिए वरदान या अभिशाप” पर हुई चर्चा
Varanasi (dil india live). 8 सितम्बर 2025 को वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा में “कृत्रिम बुद्धिमत्ता : वैश्विक साक्षरता के लिए वरदान या अभिशाप” विषय पर अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम समाजशास्त्र विभाग द्वारा उसके सामाजिक-सांस्कृतिक एवं अकादमिक मंच “ओशन शेल” के अंतर्गत आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में साक्षरता के लिए आलोचनात्मक जागरूकता और संतुलित समझ अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने छात्राओं को ऐसे सार्थक विमर्शों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जो एक जागरूक और जिम्मेदार समाज के निर्माण में सहायक हों। समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ. कल्पना आनंद ने प्रतिभागियों एवं निर्णायकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रकार के अकादमिक मंच विद्यार्थियों को वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करने का मूल्यवान अवसर प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम के अंतर्गत दिए गए विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता का मूल्यांकन विशिष्ट निर्णायक मण्डल द्वारा किया गया, जिसमें प्रो. इन्दु उपाध्याय, प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, डाॅ. अंशु शुक्ला, एसोसिएट प्रोफेसर, गृह विज्ञान विभाग, डाॅ. पूर्णिमा सिंह, सहायक प्रोफेसर, अंग्रेज़ी विभाग शामिल थी।
इन्हें किया गया पुरस्कृत
कार्यक्रम का संचालन स्निग्धा यादव एवं सत्या शुभम (बी.ए. अंतिम वर्ष) द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. अखिलेश कुमार राय द्वारा दिया गया। इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग की प्राध्यापिकाएँ डाॅ. सिमरन सेठ, डाॅ. अनुराधा बापुली एवं डाॅ. दिविशा राय सहित अन्य विभागों के शिक्षकगण भी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के लिए उपस्थित थी।
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