मोहम्मद न होतें तो कुछ भी न होता...
Varanasi (dil India live). लच्छीपुरा कॉलोनी में जश्ने ईद मिलादुन्नबी धूमधाम से मनाई गई। जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी की महफिल में नबी की शान में मोहम्मद रशीद ने नात पढ़कर महफिल का आगाज़ किया। इस दौरान मौलाना हकीमुद्दीन ने नबी की सुन्नत और मिलाद के बारे में तकरीर करते हुए तमाम लोगों को नबी के बताए और दिखाएं रास्ते पर चलने की वकालत की। महफिल में लच्छीपुरा के सभी लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और नबी की मोहब्बत का इज़हार किया।
महफिल में मौजूद लोगों ने नबी की शान में कसीदे पढ़े और उनकी तारीफ में सदाएं बुलन्द की। मौलाना हकीम की तकरीर से लोगों को नबी की सुन्नत और मिलाद के महत्व के बारे में पता चला। इस दौरान जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी की इस महफिल में लच्छीपुरा कॉलोनी के लोगों ने एकजुट होकर नबी की मोहब्बत और इज़हार किया।
नबी की शान में सजी महफिलें
१२ रबी उल अव्वल बरोजे जुमा सरकार ए दो आलम हजरत मोहम्मद के जन्मदिन के सिलसिले से यौम उन नबी के साथ जश्न ए इमाम ए सादिक मनाया गया। इस दौरान कलाम गूंजा, मोहम्मद न होते तो कुछ भी न होता...शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी सय्यद फरमान हैदर ने बताया कि शिया जामा मस्जिदों में नमाज के बाद उलमा ने नूरानी तकरीर से हजरत मोहम्मद (स.) और इमाम जाफर सादिक के जीवन में प्रकाश डाला। सभी ने एक ज़बान से नबी और इमाम के बताए हुए रस्ते पर चलने का पैगाम दिया। जामा मस्जिद दारा नगर में मौलाना अमीन हैदर हुसैनी, जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बा अर्दली बाजार में मौलाना तौसीफ अली, जामा मस्जिद बजरडीहा में मौलाना इश्तियाक हुसैन , हैदरी जामा मस्जिद रामनगर में मौलाना बदरुल हसन , दुल्हीपुर me तकरीर ka सिलसिला जारी रहा। बड़ी तादाद में नारे तकबीर , नारे रिसालत , दुरूद o सलाम, ke साथ लोगों ने देश में सेहत और सलामती के लिए दुआ ख्वानी भी की। श्री हैदर ने बताया कि महफिलों का ये सिलसिला १३ सितंबर तक जारी रहेगा। ये साल नबी की विलादत का १५०० वा साल है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें