आस्था और अकीदत का मरकज़ है हज़रत बहादुर शहीद का आस्ताना
हज़रत बहादुर शहीद के दर पर उमड़ा जनसैलाब
Varanasi (dil India live). वाराणसी में कैंटोंमेंट के सद्भावना पार्क स्थित हजरत बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह का दर लोगों की अकीदत का मरकज़ है। यह दर लोगों की बिगड़ी बनाने के लिए मशहूर है। जो परेशानहाल हैं या फिर भूत प्रेत ने जिन्हें घेर रखा है, या जिसे औलाद नहीं हो रही है ऐसे लोग बाबा के आस्ताने पर दस्तक देते हैं और यहां से सुकुन पाकर, अपनी झोली भर कर वापस लौटते हैं। गद्दीनशीं मो. सग़ीरुल्लाह खां दावा करते हैं कि यह आस्ताना मिल्लत का मरकज़ है यहां सभी मज़हब के लोग बिना किसी भेदभाव के हाजिरी लगाने उमड़ते हैं। वो दिखाते हैं कि ये देखिये भूतों से छुटकारा पाने के लिए झूमती औरतें, पुरुष और बुजुर्ग दिन भर यहां आते हैं और बाबा के फैज़ से ठीक हो कर यहां से जाते हैं। यहां आने वालों का भरोसा बाबा में है जो उन्हें इस आधुनिक युग में भी जिसमें साइंस भूत-प्रेत जैसी बातों को नहीं मानता, फिर भी तमाम लोग हज़ारों की संख्या में यहां से फ़ैज़ उठाने आते हैं। पूर्वांचल के साथ ही बिहार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मुंबई तक से लोग यहां अपनी परेशानी दूर करने पहुंचते है। बाबा के उर्स में तो यहां जैसे मेला लगता है। आम दिनों में भी यहां काफी भीड़ होती है। हर जुमेरात व नवचंदी जुमेरात को भूत, प्रेत से छुटकारे के लिए जायरीन आते हैं। लोगों का दावा है कि शैतान (भूत) कितना भी शक्तिशाली हो बाबा के गुस्ल का पानी पड़ते ही वो पनाह मांगता है। यहां चार दशक से आ रहे बुजुर्ग शिव प्रसाद की माने तो बाबा के अंदर बहुत शक्ति है। वह भूत प्रेत सब खत्म कर देते है। बिहार के पटना से आए सुब्हान ने बताया पत्नी कई सालों से अस्वस्थ्य थी। यहां आने के बाद अब वह पूरी तरह ठीक हो गई है। पप्पू दरगाह पर हाजिरी लगाने आएं थे बताया बेगम की मानिसक स्थिति ठीक नहीं थी, काफी इलाज भी करवाया था, वह चार साल पहले मजार पर दुआ करने आई थी, अब वह धीरे-धीरे ठीक हो गयी। मज़ार के सज्जादानशीन बाबू भाई ने बड़ी सहजता से इसे गंगा जमुनी तहज़ीब का नायाब उदाहरण बताया। उन्होंने इस दरगाह के बारे में बताया कि जो लोग नजिस और नापाक होते है और हराम मौत मारे जाते है, उनकी रूह भटकती रहती है। वह लोगों को अपना शिकार बनाती है। साथ ही आज की दुनिया में लोग हसद और बदला लेने के लिए तमाम लोग जादू टोना करवाते है। ऐसे लोगों को इन बिमारियों व जादू टोने से छुटकारा मिलता है।
हज़रत बाबा बहादुर शहीद का उर्स शुरू
हज़रत बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह का उर्स गुस्ल के साथ जुमेरात की मध्यरात्रि शुरू हो गया । इस मौके पर गुस्ल का पानी सभी जायरीन में तकसीम किया गया। इसे लेने के लिए लोग दूर दराज़ से बाबा के दर पर जुटे हुए थे। माना जाता है कि गुस्ल के पानी से तमाम लोगों को अचूक फायदा होता है। इस दौरान सदर काजी ए शहर मौलाना हसीन अहमद हबीबी की सदारत में पहले रोज़ जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जलसा हुआ । उन्होंने औलिया कराम की ज़िंदगी और उनकी रहनुमाई की चर्चा की। मौलाना ने कहा कि नबी और सहाबा के मिशन को औलिया-ए-कराम ने आगे बढ़ाया। हज़रत बहादुर शहीद के रास्ते पर उन्होंने लोगों से चलने की वकालत की तो मशहूर शायरों ने अपने कलाम से लोगों को देर रात तक बांधे रखा।
हाफिज नौशाद आज़मी के लिए दुआएं
इस मौके पर मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने सेंट्रल हज कमेटी के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद आज़मी के इंतकाल का बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह के उर्स में आए हजारों लोगों के बीच ऐलान किया। उनकी हज की खिदमात पर उन्होंने रौशनी डाली। मरहूम हाफिज नौशाद आज़मी के लिए इस दौरान हजारों हाथों ने रब से दुआएं मगफिरत मांगी।
आज चढ़ेगी चादर
उर्स के दूसरे रोज़ जुमा की शाम चादर गागर का जुलूस बाबू भाई के दौलतखाने से निकलेगा जो मगरिब की नमाज़ के बाद बाबा के दर पर पहुंचेगा जहां बाबा की चादरपोशी की जायेगी व देर रात महफिले समां का आयोजन होगा।
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