अंजुमन हैदरी ने ईद मिलादुन्नबी पर सजायी महफ़िल
महफ़िल में नबी की शान में पढ़े गए क़सीदे
Sarfaraz Ahmad
Varanasi (dil india live). दालमंडी स्थित शब्बीर व सफ़दर के इमामबाड़े में अंजुमन हैदरी, चौक, बनारस के तत्वाधान में जश्ने रहमतुल्लिल आलमीन का जश्न मनाया गया। अंजुमन हैदरी के ऑफिस सेक्रेटरी ज़ुल्फ़िक़ार ज़ैदी ने बताया कि जनरल सेक्रेटरी नायब रज़ा की देखरेख में आयोजित इस महफ़िल का आग़ाज़ मौलाना इबनुल हसन ने तिलावत से किया।
इस दौरान मौलाना नदीम असग़र ने महफ़िल को ख़िताब करते हुए कहा कि आज नबी की सीरत को पढ़ने, समझने और उस पर अमल करने की ज़रूरत है। इसी में इंसान की भलाई है। नबी ने हमेशा प्यार मोहब्बत का पैग़ाम दिया और इसी पैग़ाम को उनकी आल ने आगे बढ़ाया। अगर इंसान नबी और उनकी आले पाक की सीरत पर अमल करे तो आज दुनिया में हर तरफ़ अमन और शान्ति की फ़िज़ा बन सकती है।
तक़रीर के बाद नज़्म का सिलसिला शुरू हुआ। हिंदुस्तान के मशहूर शोअरा ए केराम जैसे मोहिब मोरानवी, शबरोज़ कानपुरी, मौलाना शम्स तबरेज़, मौलाना फ़ाज़िल जरेल्वी, इब्राहीम ख़लील जलालपुरी, अली जाफ़र व हसन जाफ़र उतरौलवी ने अपने कलाम से ऐसा समां बांधा कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए। साथ ही मोकामी शोअरा जैसे प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर, रेहान बनारसी, मौलाना दिलकश ग़ाज़ीपुरी, अतश बनारसी, मौलाना बाक़र बलयावी ने बेहतरीन कलाम पेश किए। जलसे की सदारत मौलाना सैय्यद मुहम्मद अक़ील हुसैनी ने की और संचालन मौलाना किरतास करबलाई ने किया। महफ़िल रात 9 बजे शुरू होकर सुबह खत्म हुई। इस अवसर पर पूरे बनारस से सैकड़ों की तादाद में लोग शरीक हुए। ज्ञात हो इस वर्ष नबी की विलादत को 1500 साल पूरे हो रहे हैं इसलिए इस साल पूरी दुनिया में आपकी विलादत का जश्न और भी जोश ओ खरोश के साथ मनाया जा रहा है। अंजुमन हैदरी के सद्र सैय्यद अब्बास मुर्तुज़ा शम्सी ने महफ़िल में आए हुए सभी लोगों शुक्रिया अदा किया।
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