दमदार अभिनय सदा रही पहचान
सिने प्रेमियों के दिलों में बसे हैं ट्रेजडी किंग
दिलीप कुमार के जन्मदिवस 11 दिसंबर पर खास
वाराणसी11 दिसंबर (dil india live)। बॉलीवुड में दिलीप कुमार ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने दमदार अभिनय और जबरदस्त संवाद अदायगी से सिने प्रेमियों के दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।11 दिसंबर 1922 को पेशावर अब पाकिस्तान में जन्में युसूफ खान उर्फ दिलीप कुमार अपनी माता-पिता की 13 संतानों में तीसरी संतान थे।उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुणे और देवलाली से हासिल की ।इसके बाद वह अपने पिता गुलाम सरवर खान कि फल के व्यापार में हाथ बंटाने लगे। कुछ दिनों के बाद फल के व्यापार में मन नही लगने के कारण दिलीप कुमार ने यह काम छोड़ दिया और पुणे में कैंटीन चलाने लगे।
वर्ष 1943 में उनकी मुलाकात बांबे टॉकीज की व्यवस्थापिका देविका रानी से हुयी जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान मुंबई आने का न्यौता दिया।पहले तो दिलीप कुमार ने इस बात को हल्के में लिया लेकिन बाद में कैंटीन व्यापार में भी मन उचट जाने से उन्होंने देविका रानी से मिलने का निश्चय किया। देविका रानी ने युसूफ खान को सुझाव दिया कि यदि वह अपना फिल्मी नाम बदल दे तो वह उन्हें अपनी नई फिल्म.ज्वार भाटा बतौर अभिनेता काम दे सकती है ।देविका रानी ने युसूफ खान को वासुदेव,जहांगीर और दिलीप कुमार में से एक नाम को चुनने को कहा ।वर्ष 1944 में प्रदर्शित फिल्म ज्वार भाटा से बतौर अभिनेता दिलीप कुमार ने अपने सिने करियर की शुरूआत की।
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Sahi h
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