शायरी की दुनिया में मील का पत्थर साबित होगी ख्याल अपना - प्रो. चंद्रकलावाराणसी 10 दिसम्बर (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज एवं मन बंजारा कविता सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को पुस्तक ''ख्याल अपना'' का लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ। कॉलेज के न्यू ओबीसी बिल्डिंग स्थित सभागार में शायर हशम तुराबी द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन प्रोफेसर अवधेश प्रधान, प्रोफेसर चंद्रकला पाड़िया, डॉ. सत्यदेव सिंह, प्रोफेसर अनुराधा बनर्जी ने किया।
इस अवसर पर आयोजित पुस्तक चर्चा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूतपूर्व कुलपति प्रोफेसर चंद्रकला पाड़िया ने कहा कि ख्याल अपना पुस्तक आत्मा को स्पर्श करने वाली पुस्तक है। कवि की चेतना जब अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुँचती है तब ऐसी कृति समाज के सामने आ पाती है। उन्होंने कहा कि शायरी करने वालो के लिए यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी। मुख्य वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व आचार्य प्रोफेसर अवधेश प्रधान ने कहा कि इस पुस्तक की सादगी ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। कविता वही है जो व्यक्ति को अंदर से संभालती है, लोकतांत्रिक शायर की लोकतांत्रिक शायरी के रूप में यह पुस्तक समाज मे अपना स्थान बनाएगी। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने कहा कि इंसान को इंसान बनाने वाली पुस्तक है ख्याल अपना, जिसे समाज के आईने के रूप में देखा जा सकता है।
कार्यक्रम में नवगीतकार पण्डित हरिराम द्विवेदी, रामअवतार पाण्डेय, आकाशवाणी के क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार, कावेरी भादुड़ी, रामानंद तिवारी, अशोक सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किया। संयोजन प्रोफेसर अनुराधा बनर्जी ने किया। स्वागत लेखक हशम तुराबी, डॉ. स्वाति सुचरिता नंदा, डॉ. महिमा सिंह, फिरोज नुसरत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन रत्ना मुखर्जी ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. उषा किरण सिंह, डॉ. शहजाद वारसी, डॉ. मंजरी पाण्डेय, डॉ. कमालुद्दीन शेख, रेहानुलहसन आदि उपस्थित रहें।
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