कांग्रेस के लिये सम्मान मगर अमेठी और रायबरेली भी नहीं छोड़ेंगे
रायबरेली 17 दिसंबर (dil india live) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर उत्तर प्रदेश की जनता को दिक्कत, किल्लत और जिल्लत का सामना करने के लिये विवश करने का आरोप लगाते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ अमेठी और रायबरेली समेत प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और पूर्ण बहुमत की सरकार का गठन करेगी।
कांग्रेस के गढ़ में विजय रथ यात्रा से पहले पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस और सपा सम्मान और शिष्टाचार के नाते एक दूसरे के लिये लोकसभा की सीटें छोड़ते आये है लेकिन यह विधानसभा का चुनाव है जिसे सपा हमेशा से पूरी ताकत से लड़ती आयी है और यहां पर सपा को बड़ी जीत मिली है और इस बार भी अपील करने निकले है कि यहां शत प्रतिशत सीटों पर यहां की जनता सपा प्रत्याशियों को जिता दे।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के साथ सीटों की बातचीत को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि उनकी पार्टी ने इस बार तभी गठबंधन की घोषणा की जब सीटों पर चर्चा हो गयी। जब कौन कैसी सीट पायेगा, यह बात होने के बाद ही गठबंधन का एलान किया गया। उनकी कोशिश क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की रही है और उसी कडी में प्रसपा को साथ लेने का फैसला लिया गया। उनको भी गठबंधन में जगह दी है। उनका भी क्षेत्रीय दल है। उनको भी साथ लेकर चलेंगे। जिस जिस दल का जिन क्षेत्रों में प्रभाव है, वहां उनको उसी हिसाब से सीटें दी जायेंगी।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोगों को अपने पांच साल के कार्यकाल में दिक्कत,किल्लत और जिल्लत के सिवा और कुछ नहीं दिया। भाजपा की कोशिश रही कि जनता के लिये दिक्कत कैसे पैदा की जाये और उनका समय समय पर अपमान किया गया। समाजवादी पार्टी (सपा) की पिछली सरकार की योजनाओं को अपना बताना और झूठ बोलना भाजपा सरकार की फितरत रही है।
उन्होने कहा कि सपा गठबंधन की सरकार आने पर पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों को भी मानदेय देने की घोषणा की जायेगी। जनप्रतिनिधि रह चुके वे लोग भी सम्मान के हकदार हैं। पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय देने की शुरूआत पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने की थी। जनता को सपा के घोषणा पत्र का इंतजार करना चाहिये जिसमें वह बेरोजगारों के लिए भत्ता और राेजगार के अवसर पैदा करने की बात करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोई खेल नहीं आता, इसलिये खेल को प्रोत्साहन देने मे उनकी कोई रूचि नहीं है जबकि उनकी सरकार में वह खुद अधिकारियों के साथ मैच खेलते थे और नेता जी (मुलायम) की कुश्ती के बारे में तो सभी को पता है। उनकी सरकार ने राज्य में खेल को प्रोत्साहन देने के लिये कई खेल स्टेडियमों का निर्माण कराया।
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