जिले में एड्स मरीजों के मुफ्त इलाज की सुविधा
मिथक,भ्रांतियों को तोड़ना जरूरी
Himanshu rai
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार, स्वास्थ्य विभाग, ग़ैर सरकारी संगठन और अन्य समाजसेवी एड्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जागरूकता फैला रहे हैं। इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन संगोष्ठी तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन उन जगहों पर होना चाहिए जहां पर मरीजों की संख्या अधिक हो जिससे जन जागरूकता के माध्यम से लोगों को एड्स से बचाव व पहचान के बारे में बताया जाए और जागरूकता के माध्यम से मिथक व भ्रांतियों को तोड़ा जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि विश्व एड्स दिवस को मनाने का उद्देश्य एचआईवी/एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना है । शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था, जबकि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। एचआईवी एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है।
जनपद गाजीपुर में एचआईवी के 1704 मरीजों का जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर में निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। एड्स के मरीजों के नाम और पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती | इसके अलावा टीबी के साथ एचआईवी के मरीजों की संख्या 28 है जिनका निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में भेजा जा रहा है। क्षय रोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक मिथिलेश सिंह ने बताया कि जनपद गाजीपुर में सबसे अधिक एड्स के मरीज जनपद के बिरनो ब्लॉक का गांव है जहाँ मतिजो की संख्या करीब 78 है और सभी लोगों का नि:शुल्क इलाज चल रहा है। इसके साथ वहाँ लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। आज के कार्यक्रम में डॉक्टर के के वर्मा, डॉ डीपी सिन्हा, डॉ एसडी वर्मा ,डॉ मनोज सिंह डॉ उमेश कुमार के साथ ही एआरटी सेंटर, क्षय रोग विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
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