रविवार, 19 दिसंबर 2021

क्रिसमस को लेकर बिशप का बड़ा फैसला

इस बार भी नहीं लगेगा क्रिसमस मेला

  • क्रिसमस की तैयारियां हुई तेज़
  • आकार लेने लगी चर्चेज व गिरजाघरों में चरनी

 


वाराणसी 19 दिसंबर (dil india live)। धर्म की नगरी काशी में क्रिसमस के जश्न के लिए शहर को सजाने का काम तेज हो चला है। वाराणसी में क्रिसमस का मुख्य समारोह तो 25 दिसंबर को होगा, मगर काशी ही नहीं बल्कि पूर्वांचलवासियों को इस बार भी निराशा ही हाथ लगेगी यह समाचार पढ़कर कि इस बार भी क्रिसमस मेला नहीं लगेगा। बिशप हाउस के सेक्रेटरी फादर थामस ने बिशप द्वारा लिये गये इस बड़े फैसले की जानकारी प्रशासन को दे दी है। फादर थामस ने दिल इंडिया लाइव को बताया कि कोविड की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए बिशप यूज़ीन जोसेफ ने यह फैसला लिया है। सेंट मेरीज़ महागिरजा में आराधना होगी, चरनाी सजायी जा रही है। बाइबिल प्रदर्शनी आने वालों को दिखाई जायेगी। जिसमें, यीशु जन्म की झांकी दिखेगी मगर महागिरजाघर की ओर से इस बार भी किसी को स्टाल लगाने की कैंम्पस में अनुमति नहीं दी गई है। रविवार को आगमन का आखिरी इतवार था। सेंट मेरीज़ महागिरजा में स्टाल के लिए लगातार फादर विजय शांतिराज के पास लोग सम्पर्क करते रहे मगर फादर विजय शांतिराज ने साफ कर दिया कि इस बार मेला नहीं लगेगा।

आगमन पर हुई विशेष आराधना


उधर सेंट मेरीज़ महागिरजा समेत तमाम गिरजाघरों में चरनी यानी झांकी सजने के साथ क्रिसमस की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके साथ ही प्रमुख आराधना स्थल सेंट थॉमस चर्च, सेंट पाल चर्च, लाल चर्च, तेलियाबाग चर्च, रामकटोरा चर्च, चर्च आॅफ बनारस, सेंट बेथल फुल गाम्स्पल चर्च, सेंट फॉसिसी आफ असीसी चर्च, सेंटा जांस चर्च, ईश माता मंदिर आदि में आगमन के आखिरी इतवार को सुबह विशेष आराधना करायी गयी। इस दौरान चर्च आफ बनारस के पास्टर बेन जॉन ने कहा कि यीशु मसीह दुनिया में शांति का राज स्थापित करने आये थे, उनका हम पर एहसान है कि उन्होंने हमे सही और सच्ची राह दिखाई। वो ऐसे थे जिन्होंने अपने दुश्मनों को भी यह कहते हुए माफ कर दिया कि ऐ प्रभु इन्हे क्षमा करना क्यों कि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।

रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि क्रिसमस हमे जिन्दगी में सच्चाई और उल्लास का रास्ता दिखाता है। क्रिसमस का जश्न हम सब ज़रूर मनाये मगर उन्हें न भूले जो लोग कोरोना काल में असमय इस दुनिया से रुख्सत हो गये। उन घरों और परिवारों में भी लोग जाये जहां कोरोना काल में मौते हुई और वो लोग बेसहारा हो गये। उनकी भी आप लोग सूध लें।

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