दुनिया को आज फिर है जरूरत हुसैन की-सैयद फरमान हैदर
Mohd Rizwan
Varanasi (dil india live). रबीउल आखिर के आखिरी जुमेरात (Last Thursday) को आस्तानों व बुजुर्गों के दर पर जायरीन का हुजूम उमड़ा। लोगों ने फातेहा और जियारत के साथ ही लोगों में तबर्रुक भी तकसीम किया।
उधर दरगाहे फातमान (Dargah-fhatmaan) में मजलिस हुई। मजलिस को खिताब करते हुए शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर (Sayad Farman Haidar) ने कहा कि आज भी दुनिया में जिस तरह से हर तरफ जुल्मो-सितम का सिल-सिला जारी है और लोग मासुम व बेगुनाहों का कत्ल कर रहे है ऐसे दौर में शहीदाने कर्बला इमाम हुसैन (Imam Hussain) की याद और भी ताज़ा हो जाती है। जिन्होंने अजीम कुर्बानी पेश की, जुल्म के खिलाफ आवाज बुलन्द कर सारी दुनिया में इंसानियत का परचम लहराया। मजलिस में समर बनारसी, तफसीर जौनपुरी ने कलाम पेश किया। हाजी आलिम, हैदर मौलाई शब्बीर हुसैन, शाहिन हुसैन आदि ने नौहाख्वानी व मातम किया। इस अवसर पर बड़ी सख्या में मर्द और ख्वातिन ने देश और दुनिया में शांति व खुशहाली के लिए दुआख्वानी की।
दूसरी ओर कालीमहाल के अज़ाखाना- इमदाद-फुरकान में मजलिस का आयोजन आबिद नकवी के संयोजन में किया गया। मौलाना युसुफ मशहदी ने इमाम हुसैन व कर्बला वालों का किरदार बताते हुए कहा कि सभी को इमाम हुसैन के नाना हजरत मोहम्मद के बताये हुए रास्ते पर चलना चाहिए। हज़रत मोहम्मद पूरी कायनात के आइडियल हैं। इस अवसर पर कई शायरों ने कलाम पेश किया और अन्जुमनों ने नौहाख्वानी व मातम किया।
जमादिउल अव्वल का चांद दिखा
शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि इस्लामी कैलेण्डर के पांचवी महिने के चांद का दिदार हुआ इस माह में चैथे इमाम जैनुलआब्दीन की जयन्ती तथा बीबी फातिमा के शहादत के सीलसीले से मजलिशों का आयोजन होगा।


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