सेवानिवृत्त उर्दू विभागाध्यक्ष को दी गयी विदाई
अब रिटायर्ड कर्मियों को भी मिलेगी कैशलेश इलाज की सुविधा
Varanasi (dil India live)। डीएवी पीजी कॉलेज की यूजीसी से पीयर रिव्यूड रेफेर्ड मल्टीडिसिप्लीनरी रिसर्च जर्नल 'प्रभा' के संयुक्तांक का लोकार्पण मंगलवार को हुआ। महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव, कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल, उपाचार्य द्वय प्रो. संगीता जैन, प्रो. राहुल एवं प्रभा के संपादक डॉ. दीपक शर्मा ने जर्नल के 2023-24 के संयुक्तांक (7-8) का लोकार्पण किया। महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित इस प्रतिष्ठित जर्नल में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं अकादमिक विद्वानों को परामर्श समिति में स्थान दिया गया है। इस संयुक्तांक में 36 रिसर्च पेपर प्रकाशित किया गया है जिनमें सामाजिक विज्ञान के अलावा मानविकी, कला, वाणिज्य अन्य विषयों के मल्टीडिसिप्लिनरी पेपर प्रकाशित किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजीत कुमार सिंह यादव ने कहा कि निश्चित तौर पर यह जर्नल हर वर्ग को लाभान्वित करेगी, प्रभा सिर्फ एक जर्नल मात्र नही है बल्कि यह महाविद्यालय के गौरव को दर्शाने का मुखपत्र भी है। अध्यक्षता करते हुए प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि शिक्षा ही राष्ट्र के उन्नयन की नींव डालती है, एक अच्छे शिक्षक की सबसे बड़ी भूमिका पठन पाठन के माहौल को बनाये रखते हुए स्वयं को रचनात्मक कार्यो में क्रियाशील रखें ताकि छात्र भी प्रगति के मार्ग पर बढ़ सके। कार्यक्रम में महाविद्यालय से ही प्रकाशित जर्नल ऑफ इकोनॉमिक्स एवं कॉमर्स के 16 वें अंक का भी विमोचन किया गया। इसका संपादन प्रो. अनूप कुमार मिश्र ने किया है।
उर्दू विभागध्यक्ष डा. हबीबुल्लाह को दी विदाई
कार्यक्रम में उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. हबीबुल्लाह को सेवानिवृत्त होने पर भावभीनी विदाई दी गयी। प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव एवं कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने उन्हें दुशाला, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनकी सेवा के लिए उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर प्रो. सत्यगोपाल, प्रो. सतीश कुमार सिंह, प्रो.अनूप कुमार मिश्रा आदि ने उनसे जुड़े संस्मरण को भी साझा किया।
सेवानिवृत्त को मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा
डीएवी के प्रबंधक एवं प्राचार्य ने सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों एवं कर्मचारियों के लिए चयनित अस्पतालों में कैशलेश इलाज की सुविधा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मेडिकल सुविधाओं की आवश्यकता सबसे अधिक 50 वर्ष की अवस्था के बाद ही होती है जिससे अब उन्हें संबल मिलेगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपक कुमार शर्मा, स्वागत डॉ. श्रुति अग्रवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजेश कुमार झा ने दिया। इन मौके पर प्रो. सत्यगोपाल जी, प्रो. ऋचारानी यादव, प्रो.सतीश कुमार सिंह, प्रो.विजयनाथ दुबे, प्रो. अनूप कुमार मिश्र, प्रो. मीनू लाकड़ा, प्रो. प्रशांत कश्यप आदि सहित अन्य विभागों के प्राध्यापक उपस्थित रहे।
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