वाराणसी16 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। ईसा मसीह के चमत्कारों से डरकर रोमन गवर्नर पिलातुस ने उन्हें येरुशलम के पहाड़ पर फांसी पर चढ़ा दिया था। ऐसी मान्यता है कि इसके तीन दिन बाद वह फिर जीवित हो उठे। बाइबिल के मुताबिक, रोमी सैनिकों ने ईसा को कोड़ों से मारा। उनके सर पर कांटों का ताज सजाया और उन पर थूका। पीठ पर अपना ही क्रॉस उठवा कर, उन्हें उस पहाड़ी पर ले जाया गये, जहां उसी क्रॉस पर उन्हें लटका दिया गया। अंत में क्रूस पर उनकी मौत हो गई, मगर यीशु ने मरने के तीन दिन बाद पुन: जीवित होकर यह दिखा दिया कि सच्चाई कभी मरती नहीं। पवित्र आत्माएं किसी के मारने से अगर मर सकती हैं तो पुन: जीवित भी हो सकती हैं। बिशप हाउस से जुड़े फादर थामस कहते हैं कि सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु इसी दिन जी उठे थे। इसी की खुशी में ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मनाया जाता है। परंपरागत रूप से यह पर्व 40 दिनों तक चलता है। गुड फ्राइडे को लोग जहां शोक मनाते हैं, वहीं ईस्टर पर खुशियां लौट आती हैं। ईस्टर के दिन लोग चर्च और घरों में मोमबत्तियां जलाते हैं और इस दिन ईस्टर लंच का आयोजन भी किया जाता है।
फिर लौटती है खुशियां
हजारों साल पहले इंसानियत के दुश्मनों ने प्रभु यीशु को क्रूस पर लटका दिया था। हर कोई इस क्रूर हादसे से सहम गया। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद अचानक रविवार यानी ईस्टर को प्रभु यीशु फिर से जी उठे। मातम की घड़ियां खत्म हुई और हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गयी। प्रभु जी उठे हैं। अब हमारे दुखों का अंत होगा। कहीं भी कोई रोता बिलखता नहीं दिखेगा। हर किसी के मन में ऐसे ही जज्बातों का समंदर उमड़ता दिखा।
इस बार का संडे इसलिए खास है क्योंकि दुनिया भर में ईस्टर मनाया जायेगा। हालांकि, पिछ्ले दा वर्षो से कोरोना वायरस के कारण इस त्योहार की धूम नहीं देखी गई। सभी लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घरों में बंद थे और घर पर ही ईस्टर मनाया गया था मगर इस बार हालात बदले हैं। ये और बात अलग है कि ईस्टर का जश्न क्रिसमस की तर्ज पर नहीं मनाया जाता, लेकिन इसका ईसाइयों के बीच महत्व क्रिसमस से कम नहीं है।
आज है ईस्टर नाइट
प्रभुके जी उठने की खुशी में चर्चेज से लेकर घरों तक आकर्षक सजावट की गयी है। हर तरफ लोग खुशियां मनाते-बांटते दिखेंगे। सडे को जहा ईस्टर बन खिला कर लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देंगे, वही आज रात सेंट मेरीज महागिरजा में यीशु के जी उठने कि खुशी में भव्य आयोजन इस्टर नाइट होगा। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में फेस्टिवल का उत्साह दिखेगा। वही इस्टर संडे को चर्जेज में स्पेशल प्रेयर का आयोजन होगा। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग शामिल होंगे। वे सुबह सुबह अपने हाथों में कैंडिल लेकर चर्च जायेंगे और वहां प्रेयर किया जायेगा। सेंट मेरीज महागिरजा, लाल गिरिजा, तेलियाबाग चर्च, सेंट पाल चर्च, सेंट थॉमस चर्च, बेथेलफुल गोस्पल चर्च, ईसीआई, चर्च सुंदरपुर, चर्च आफ बनारस, रामकटोरा चर्च सहित अन्य चर्चेज में लोग प्रार्थना करेंगे। घरों और चर्चेज में लोगों ने प्रभु के जी उठने की खुशी में एक से बढ़कर एक कैरोल गायेगे। मसीही समुदाय के लोग अपने प्रियजनों की कब्रों पर श्रद्धा के फूल अर्पित करेंगे।
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