गुरुवार, 7 अप्रैल 2022

भूल कर ब्रश करने से नहीं टूटेगा रोज़ा

रमज़ान हेल्प लाइन: मुफ्ती साहब रमज़ान का रोज़ा कब हुआ था फर्ज़ ?

वाराणसी (दिल इंंडिया लाइव)। रमज़ान का रोज़ा उम्मते मोहम्मदिया पर कब फर्ज़ हुआ ? यह सवाल बही बाज़ार से मो. शमीम ने रमज़ान हेल्प लाइन में किया। इस पर उलेमा ने कुरान और हदीस की रौशनी में जवाब देते हुए कहा कि 10 शाबान सन् 2 हिजरी को कुरान की आयते नाज़िल हुई, जिसमें हुक्म हुआ कि ऐ मुसलमानों तुम पर रोज़ा फर्ज़ हो गया है। तभी से मुसलमान रोज़ा रख रहे हैं।

 रेवड़ीतालाब से मो. ज़फर ने फोन किया कि सहरी में नींद नहीं खुली, सुबह उठे तो भूलकर ब्रश कर लिया जब याद आया कि रोज़ा हैं तो ब्रश निकाल कर मुंह धो लिया, इस पर रोज़ा होगा या नहीं? मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी व सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी एवं मौलाना अज़हरूल क़ादरी ने जवाब दिया रोज़ा हो जायेगा क्यों कि आपको याद नहीं था और आपने फौरन ब्रश निकाल कर मुंह धो लिया। अगर आप याद आने के बाद भी ब्रश करते रहते तो रोज़ा नहीं होता। बजरडीहा से सलीम ने फोन किया कि रोज़ा क्या खाकर खोला जाये? इस पर उलेमा ने कहा कि इफ्तार यूं तो कुछ भी खाकर किया जा सकता है मगर नबी की सुन्नत खजूर है इसलिए खजूर या पानी से रोज़ा इफ्तार करना अफजल है। उसके बाद कोई भी इफ्तारी करें।

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