रमज़ान हेल्पलाइन: मुफ्ती साहब दे रहे हैं आपके सवाल का जवाब
वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। पीलीकोठी से कलीम अंसारी ने फोन किया फितरे या ज़कात की रक़म अपने सगे भाई या बहन को दिया जा सकता हैं, या नहीं? जवाब दिया उलेमा ने, कहा कि अगर बहन या भाई शरई तौर पर फक़ीर हैं यानी मालिके नेसाब नहीं तो दे सकते हैं। हां अगर वो मालदार है तो उन्हें ज़कात या फितरा देना दुरुस्त नहीं है। मेरे घर में 28 रमज़ान को लड़का हुआ है, उस लड़के पर फितरा ज़रूरी है या नहीं? जवाब में मुफ्ती बोर्ड के सदर मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, मुफ्ती बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी वह मौलाना अजहरुल क़ादरी ने कहा कि ईद की सुबह सूरज निकले से पहले तक अगर कोई बच्चा पैदा हो जाये तो उसका भी फितरा घर वालों को निकालना ज़रूरी है। बेशक आप उस बच्चे का फितरा ज़रूर निकालें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें