सोमवार, 18 अप्रैल 2022

कई जगहों पर तरावीह मुकम्मल



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मस्जिद सम्मन खां गौरीगंज में तरावीह की नमाज़ हाफिज़ अमजद ने मुकम्मल करायी। इस दौरान जैसे ही तरावीह पूरी हुई तमाम लोगों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया। आखिर में मौजूद लोगों ने नबी पर सलाम पेश किया। इसके बाद रोज़ेदार तबर्रुक लेकर अपने घरों को लौटें। ऐसे ही उल्फत कम्पाउंड में सैयद तसलीमुद्दीन की सरपरस्ती व जमाल आरिफ के संयोजन में 15 दिनी तरावीह हाफिज़ तैहसीन रज़ा ‘ग़ालिब’ ने मुकम्मल करायी। यहां तरावीह होने पर मौलाना अज़हरुल क़ादरी ने फातेहा व दुआख्वानी का एहतमाम किया। मो.ज़ैद, इब्तेसाम अख्तर, इसार अख्तर, इस्माईल रज़ा आदि ने हाफिज़ ग़ालिब का ज़ोरदार खैरमक़दम किया। इस मौके पर हाफिज ग़ालिब ने कहा कि अल्लाह के रसूल (स.) ने फरमाया कि इस माहे मुबारक में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। इस महीने में दस दस दिन के तीन अशरे होते हैं। पहला अशरा खत्म हो चुका है और दूसरा अशरा भी खत्म होने में 4 दिन बाकी हैं। यानी रमज़ान का आधा सफर मुकम्मल हो गया है। इस अशरे मगफिरत में रब रोज़ेदारों की दुआएं कुबुल करता है और उनके गुनाहों से तौबा करने पर रब उन्हें माफ कर देता हैं। इसी क्रम में दालमंडी की मस्जिद मिर्जा बिस्मिल्लाह में तरावीह मुकम्मल हुई। इस मुकद्दस मौके पर अकीदतमंदों ने मुल्क में अमन चैन की दुआ रब की बारगाह में करते हुए अपनी अपनी जायज तमन्नाओ की तलब रब से किया और तमाम आलमीन की खैर अल्लाह रब्बुल आलमीन से मांगी। तरावीह मुकम्मल होने के बाद नामाजियों ने एक दूसरे से मुसाफा करके उन्हें बधाई दी और हाफिज शोएब नोमानी को फूल मालाओं से लाद दिया। साथ ही सभी नमाजियो में बतौर तबर्रुख मिठाई तकसीम की गई।

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