वाराणसी ०७ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। मुकद्दस रमज़ान नेकी और दुआओ की कुबुलियत का महीना है रमज़ान में रब रहमत, बरकतों की जहां बारिश करता है वहीं गुनाहों से हम सबको दूर करता है। यह महीना हमें पाक और पवित्र बना कर एक बेहतरीन जिंदगी जीने का रास्ता दिखात। है।
रमज़ान का महीना हर मुसलमान के लिए अज़ीज़ और बेहद ख़ास होता है। रमज़ान को तीन भागों में बाटा गया है। दस दस दिन के रमज़ान के तीन अशरे होते है। पहला अशरा रहमत का जिसमे अल्लाह की रोज़ादारो पर रहमत बरसती है। दूसरा अशरा मगफिरत का होता है। जिसमें अल्लाह रोज़ेदारों की हर गुनाहों को माफ कर देता है। तीसरे और आखिरी अशरे में रब रोज़ा रखने वाले को जहन्नम की आग से बचाता है। इस महीने में हर गरीब जरूरतमंदों मदद का इस्लाम ने बेहद खूबसूरत सिस्टम बनाया है। जिसे जकात कहा जाता है। जकात का मतलब अपनी कमाई हुई दौलत का ढाई प्रतिशत गरीबों को बांटना होता है।इस्लाम में नमाज, रोजा, हज, जकात फर्ज है।
रमज़ान बरकतो वाला पवित्र महीना हैं इस माह के शुरू होते ही अल्लाह शैतान को कैद कर लेता है। बुरे काम रमज़ान में बंद हो जाता है। यह वही महीना है जिसमें मुसलमानो की सबसे पवित्र किताब कुरान नाजिल हुई थी।
खाते हम सब अल्लाह का शुक्र अदा करें की पिछले 2 वर्ष कोरोना की वजह से हम सब कोई त्यौहार ठीक से नहीं मना पाए थे। रब ने इस वर्ष हम सभी को पूर्व की भांति आपसी भाईचारे के साथ सभी त्यौहार मना रहे हैं। या अल्लाह तू अपने हबीब के सदके में हमारे रोज़ा, नमाज और इबादतों को कुबुल कर ले... आमीन।
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