सोमवार, 18 अप्रैल 2022

हैप्पी ईस्टर... की चर्चेज़ में गूंजी सदाएं

प्रभु यीशु के जी उठने पर खुशियों में डूबे मसीही


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। प्रभु यीशु मसीह के जी उठने की खुशियों में इतवार को देश-दुनिया के साथ ही अपने शहर बनारस का मसीही समुदाय भी डूबा नज़र आया। चर्चेज़, गिरजाघरों व प्रार्थना स्थलों पर हैप्पी ईस्टर...की सदाएं गूंजती रही। संडे को जहां ईस्टर बन और एग खिला कर लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी वहीं गरीबों और मजलूमों की मदद की गई।

प्रभु ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में चर्चेज से लेकर घरों तक आकर्षक सजावट की गयी थी। हर तरफ लोग खुशियां मनाते-बांटते दिखेंगे। सडे को जहां ईस्टर बन खिला कर लोग एक दूसरे को मुबारकबाद दिया। यूं तो ईस्टर का जश्न शनिवार की रात सेंट मेरीज महागिरजा में यीशु के जी उठने कि खुशी में भव्य आयोजन संग शुरू हो गया था। वहां इस्टर नाइट का आयोजन किया गया। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में फेस्टिवल का उत्साह दिख रहा था। इस दौरान जी उठा, जी उठा, मौत गयी हार...गीत महागिरजा में गूंजने लगे। कलवारी का हुबहू पहाड़ पर कब्र खुली और उसमें प्रभु यीशु जी उठें। पूरा गिरजाघर बिशप यूज़ीन जोसेफ की अगुवाई में गीत गाता हुआ उठ खड़ा हुआ। प्रभु यीशु के जी उठने का जश्न जो शनिवार की देर रात शुरू हुआ वो समाचार लिखे जाने तक इतवार को अपने शबाब पर था।


ईस्टर संडे को चर्जेज में स्पेशल प्रेयर का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग शामिल हुए। वे सुबह सुबह अपने हाथों में कैंडिल लेकर चर्च गए और वहां प्रेयर किया। सेंट मेरीज महागिरजा में फादर विजय शांतिराज, लाल गिरिजाघर में पादरी संजय दान, सेंट पाल चर्च में पादरी सैमजोशुआ सिंह, सेंट थॉमस चर्च में पादरी न्यूटन, बेथेलफुल गोस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, ईसीआई चर्च सुंदरपुर में पास्टर नवीन ज्वाय व पास्टर दशरथ पवार, चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जॉन, रामकटोरा चर्च में पादरी आदित्य कुमार सहित अन्य चर्चेज में लोग प्रार्थना करने जुटे हुए थे। घरों और चर्चेज में लोगों ने प्रभु के जी उठने की खुशी में एक से बढ़कर एक कैरोल गीत गाये। मसीही समुदाय के लोग अपने प्रियजनों की कब्रों पर श्रद्धा के फूल अर्पित करने भी पहुंचे हुए थे।

दरअसल हजारों साल पहले इंसानियत के दुश्मनों ने यीशु को क्रूस पर लटका दिया था। हर कोई इस क्रूर हादसे से सहम गया था। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद अचानक रविवार यानी ईस्टर को प्रभु यीशु फिर से जी उठे थे। मातम की घड़ियां खत्म हुई और हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गयी। प्रभु जी उठे हैं। अब हमारे दुखों का अंत होगा। कहीं भी कोई रोता बिलखता नहीं दिखेगा। हर किसी के मन में ऐसे ही जज्बातों का समंदर उमड़ता दिखा।

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