शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

ज़कात और खैरात में क्या फर्क है?


रमज़ान हेल्प लाइन: आपके सवालों का जवाब दे रहे हैं मुफ्ती

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। ज़कात और खैरात में क्या फर्क हैगैर मुस्लिम को इसमें से क्या दिया जा सकता है? पुुरानाापुल के वकील अंसारी के इस सवाल पर मुफ्ती बोर्ड के उलेमाओ ने जवाब दिया कि ज़कात मज़हबी टैक्स है इसलिए उसे अपने ही मज़हब के साहिबे निसाब को दिया जाना चाहिए। ज़कात गैर मुस्लिम को नहीं दिया जा सकताजबकि खैरात मुस्लिम व गैर मुस्लिम दोनों को दिया जा सकता है।

 ईद का चांद अगर कोई ख्वातीन देखे तो क्या वो चांद कमेटी के सामने गवाह बन सकती हैयह सवाल था मिर्जापुर से कुलसुम का। जवाब में उलेमा ने कहा कि ख्वातीन अगर चांद देखती है तो वो गवाह हो सकती है। ईद के चांद के लिए हुक्म है कि कम से कम दो लोग गवाह हों। अगर एक ही ने देखा तो वो गवाह नहीं हो सकती चाहे वो मर्द हो या ख्वातीन। अगर दो ख्वातीन ने चांद देखा है तो गवाह बन सकती है। 

रमज़ान हेल्प्लाइन में आये सवालो का जवाब दिया मुफ्ती बोर्ड के सदर मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानम जान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी ने

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