ख्वातीन के मस्जिद में एतेकाफ करने का क्या तरीका हैं?
वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। शमीमा ने बजरडीहा से फोन किया क्या ख्वातीन मस्जिद में एतेकाफ कर सकती हैं? अगर हाँ, तो उसका तरीक़ा क्या है? इस सवाल पर उलेमा ने जवाब दिया कि ख्वातीन को मस्जिद में एतेकाफ का हुक्म नहीं है, खास कर अहले सुन्नत वल जमात से इत्तेफाक रखने वाली ख्वातीन को। ख्वातीन घर के एक हिस्से में एतेकाफ पर बैठ कर परवरदिगार की इबादत कर सकती हैं।जौनपुर से मो. वाज़े ने फोन किया कि रोज़े की हालत में सिर पर तेल का इस्तेमाल किया तो रोज़ा होगा या नहीं? जवाब में उलेमा ने कहा कि तेल लगाने, सुरमा लगाने, खुशबू सूंघने से रोज़ा नहीं टूटता ये पहले भी बताया जा चुका है। चोलापुर से अंसार ने सवाल किया कि रात में सो गया सहरी में नींद नहीं खुली, इसलिए कुछ सहरी नहीं कर सका, आंख खुली तो सुबह हो गयी थी, बिना सहरी के ही मैं रोज़ा रह गया, मेरा रोजा हुआ या नहीं? जवाब था कि, जी हां रोज़ा हो जायेगा, सहरी करना सुन्नत है अनजाने में सहरी छूट गयी तो कोई हर्ज नहीं है। हां जान बूझ कर सेहरी छोड़ना सख्त मना है। रमज़ान हेल्प लाईन में आये सवालो का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया।
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