मंगलवार, 13 अप्रैल 2021

रमज़ान 2021: सारी कायनात में एक साथ मनती है रमज़ान की खुशियां

रब देता है रमज़ान में गुनाह माफ करने का पूरा पूरा मौका

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव) अल्लाह ने उम्मते मोहम्मदिया को रमज़ान का वो मुबारक महीना अता फरमाया हैजिसमें गुनाहगारों को अपनी गुनाह माफ कराने का पूरा-पूरा मौका मिलता है। दुनिया का ये ऐसा अकेला महीना हैजिसके आने की खुशी एक साथ पूरी दुनिया में रूहानी तौर पर मनायी जाती है। शाबान की 15 तारीख से इसका इंतेज़ार शुरू हो जाता है जो 29 शाबान के चांद रात के दिन अपने शबाब पर होती है। चांद होते ही रमज़ान की तरावीह शुरू होती है और चांद देखकर ही तरावीह खत्म की जाती है। रमज़ान इंसानियत और दूसरों से हमदर्दी रखने की सीख देता है। इस महीने में तिलावते कुरान शरीफ पूरी दुनिया में की जाती है जिससे दुनिया में खुशी और रहमत का आलम होता है। गुनाहगार भी अपने गुनाह दूर करने के लिए मस्जिदों का रुख करते हैं। यह महीना जहन्नुम से छुटकारे का महीना है। इस महीने के आगाज़ पर ही शरकस और शयातीन को कैद कर लिया जाता है। बंदों के अज्र और सवाब बढ़ा दिये जाते हैं। यह एक ऐसा महीना है कि हर इबादत के बदले रब बंदे को इनामात से नवाज़ता है।इस मुकद्दस महीने में अल्लाह को राज़ी करने का वो सारे काम बंदा करता है। जिससे अल्लाह और उसका रसूल खुश हो जाये। यह ऐसा महीना है जिसमें ऐसे मुसलमान जो पूरे साल कुरान की तेलावत नहीं करते वो तरावीह और शबीने के जरिये पूरी कुरान सुनते हैं। इस महीने में हमें ऐसा कोईकाम या हरकत नहीं करनी चाहिए जिससे किसी को कोई नुकसान होकिसी का दिल दुखेकिसी को बुरा लगे। रमज़ान गुनाहों की माफी के साथ ही दुआओं की कबुलियत का भी महीना है और बंदे के दरजात इसमें बुलंद किये जाते हैं। सबसे पहले नबी-ए-करीम हजरत मोहम्मद (स.) ने रमज़ान का रोज़ा रखा था और अपनी उम्मत को इस महीने का रोज़ा रखने का हुक्म दिया। उन्होंने हदीस और कुरान जैसी पाक किताबों में कहा हैकि जो बंदा इस महीने का रोज़ा रखेगा उसके तमाम पिछले गुनाह माफ हो जायेंगे। रोज़ा रखने से बहुत से जिस्मानी और रूहानी फायदे हैं। मसलन नफ्स तकब्बुरघमण्डबुख्ल जैसे बुरे एखलाक से पाक साफ हो जाता है। सब्रजद्दोजेहद जो अपने नफ्स के साथ जेहाद करता है वो सब अल्लाह को राज़ी और उसकी खुश्बूदी हासिल करने के लिए है। ताकि रोज़दार अल्लाह के करीब हो जाये और उसकी जिंदगी बेहतरीन और खुशगवार हो जाये। ऐ अल्लाह हम सबकी रमज़ान की इबादत और रोज़ा कुबूल कर ले..आमीन।

            मौलाना अज़हरुल क़ादरी


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