रोजेदारों ने किया हिन्दू बहन का अंतिम संस्कार
मेरठ (दिल इंडिया लाइव)। कोई हिन्दू, न मुसलमां, न ईसाई है, गुलशने हिंद में मिलजुल कर बहार आयी है...।
कोरोना महामारी से पैदा हुए हालात में ग़म और खौफ के बीच
सौहार्द का मंज़र भी दिखाई दिया। घर से शमशान तक हिन्दुस्तानी तहज़ीब तब देखने को मिली जब एक हिन्दू बहन की अर्थी लिये मुसिलम रोज़ेदार सड़क पर नज़र आये।
दरअसल कोविडा संकट काल में अपनों ने भी मुंह मोड़ लिया है। सुख-दुख की क्या पूछना, जो अपना होने का दम भरते नहीं थकते थे, आज के हालात में वो अपनों को कंधा देने तक नहीं आ रहे हैं। एक ओर जहां अपने दूरी बना रहे हैं, वहीं मुस्लिम समाज के लोगों ने हिंदू बहन का अंतिम संस्कार कराकर सौहार्द की मिसाल भी पेश की है।
हापुड़ रोड रामनगर निवासी सुषमा अग्रवाल कई दिनों से बुखार से ग्रस्त थीं। वह घर में रहकर इलाज करा रही थीं। बुधवार सुबह उनकी मृत्यु हो गई है। जब अपने नहीं पहुँचे तो उनकी शव यात्रा में मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए। उन्होंने सूरजकुंड पहुंचकर अंतिम संस्कार कराया। शव यात्रा में शामिल परवेज ने बताया कि हम सब पड़ोसी हैं और परिवार के साथ रहते हैं।
एक-दूसरे का सुख दु:ख में पूर्ण सहयोग करते हैं। आज इस मुश्किल घड़ी में अपने पड़ोसियों को सहयोग के लिए उनके साथ आए हैं। इस दौरान शकील, अहमद अंसारी, तसलीम, जावेद सिद्दीकी आदि ने कहा कि हमने कोई एहसान नहीं किया है बाल्कि इस्लाम में पड़ोसी के जो अधिकार है बस उसे ही अदा किया है।
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