शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

गुड फ्राइडे की चर्चेज में शुरु हुई प्रार्थना



धरती रो पड़ी, कलवारी में ईसा शहीद हुए

वाराणसी (अमन/दिल इंडिया लाइव) गुड फ्राइडे की विशेष आराधना व प्रार्थना देश दुनिया में आज सुबह से ही चर्जेज़ व गिरजाघरों में शुरु हो गई। इस दौरान जहाँ प्रभु ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने की मार्मिक इतिहास का वर्णन हुआ वहीं इसे सुनकर लोगों की आंखों में सहज ही आंसु भर आया। बनारस में प्रोटेंसटेंट मसीही समुदाय के चर्चेज़ में प्रार्थना दोपहर 12 बजे से शुरु हुई तो कैथलिक चर्चेज़ में 3 बजे से क्रूस पर प्रभु यीशु को चढ़ाये जाने की मार्मिक गाथा का मंचन, क्रूस मार्ग की आराधना संग शुरु होगी। सेंट मेरीज़ महागिरजा में बिशप यूज़ीन जोसेफ़ प्रार्थना सभा की अगुवाई करेंगे।

इसलिए मनाया जाता है गुड फ्राइडे 

ये वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर, जो कलवारी नमक स्थान पर स्थित है, क्रुस पर चद़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी पवित्र मौत को सभी हर साल गुड फ्राइडे के रुप में मनाते हैं। चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजॉन व रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि यीशु मसीह को घोर यातना दी गई, और क्रूस पर उन्हे चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से कि कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती रो पड़ी मगर चमत्कार तीसरे ही दिन हुआ जब ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे।

क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन

क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको की आज के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मसीहियों का ये विश्वास है की आज के दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

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