सभी ने पुरानी पेंशन के लिए की आवाज़ बुलंद
वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। अटेवा पेंशन बचाओ मंच उ.प्र.के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधुजी एंव महामंत्री डा.नीरजपति त्रिपाठी के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदो के साथ ही जनपद वाराणसी अटेवा के संयुक्त निर्णय के उपरांत वाराणसी में भी 1 अप्रैल को सभी पदाधिकारी, शिक्षक/कर्मचारी/अधिकारी, विगत वर्षों की भांति अपने- अपने कार्यस्थल पर अपनी बाहों मे काली पट्टी बांध कर विभागीय कार्य करते हुए एन पी एस का विरोध किया एंव सरकार से एन पी एस को तत्काल समाप्त करते हुए लाखों कर्मचारियों के हित मे पुरानी पेंशन बहाली की मांग किया।
अटेवा के जिला संयोजक विनोद यादव ने कहा
कि नई पेंशन व्यवस्था में 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नही है। हमारे बुढ़ापे की लाठी भविष्य की सुरक्षा रूपी पेंशन की गारंटी उन कंपनियों पर निर्भर है जो शेयर बाजार में विश्वास करते हुए, देश के शिक्षक कर्मचारियो की मेहनत की कमाई को शेयर बाजार में लगाते है, जिसका हश्न सबके सामने है। शेयर बाजार से आय की कोई निश्चित गारंटी नही है।
ज़िला मंत्री बी एन यादव ने कहा कि 1अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारी अपने आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा के प्रति बेहद चिंतित है। कर्मचारी के वेतन से काटी गई राशि की जिम्मेदारी सरकार अपने ऊपर नहीं लिया है, नई पेंशन व्यवस्था अगर अच्छी होती तो देश के जनप्रतिनिधि सबसे पहले पुरानी व्यवस्था को छोड़कर नई व्यवस्था अपनाते। आज सरकार एक देश एक विधान की बात कर रही है तो विधायक व सांसद पुरानी व्यवस्था व शिक्षक कर्मचारी को नई पेंशन क्यो दे रही है।पुरानी पेंशन व्यवस्था को हासिल करने के लिए सभी शिक्षक कर्मचारियों को एकजूट होकर सतत प्रयास की जरूरत है।भिक्षा नही अधिकार चाहिए,पुरानी पेंशन बहाल चाहिए।
आज काला दिवस पर विरोध करने वालों में जिला संयोजक विनोद यादव, जिला मंत्री बी एन यादव, जिला सह संयोजक डॉ एहतेशामूल हक, जिला कोषाध्यक्ष चंद्र प्रकाश गुप्त, ज़िला संगठन मंत्री जफर अंसारी, नगर अध्यक्ष गुलाब चंद कुशवाहा, जिला मीडिया प्रभारी रामचंद्र, अजय यादव, प्रमोद पटेल इत्यादि थे।
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