रविवार, 24 जनवरी 2021

दोनों वर्ग के लोगों के जुटने से माहौल हुआ गंगा जमुनी

हजरत रहीम शाह के उर्स में चढ़ी अकीदत की चादर 

वाराणसी(मो.रिज़वान/दिल इंडिया) हजरत रहीम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिन तक चलने वाला 94 वां उर्स गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश करता नज़र आया। कौन हिन्दू है कौन मुसलमान। अलग अलग ये पहचान करना भी कोई चाहे तो मुश्किल था। सभी धर्म और मज़हब के लोग बाबा के रंग में रंगे नज़र आये। 

जुमे को फजर की नमाज़ के बाद शुरु हुए उर्स का इतवार को तीसरा दिन था। तमाम ज़ायरीन उर्स में पूरी अकीदत के साथ पहुँचे हुए थे। बेनियाबाग स्थित बाबा के आस्ताने पर फातिहा पढ़ने और मन्नतों की चादर चढ़ाने के लिए अकीदतमंदों की आस्था देखते ही बन रही थी।  सज्जादानशीन मोहम्मद सैफ रहीमी की अगुवाई में हुए उर्स में सरकारी चादर के साथ ही कपड़ा मार्केट समेत तमाम तंज़ीमों और अकीदतमंदों की भी चादर बाबा के दर पर पेश की गई। 

दरगाह के दोनों ओर आस्थायी दुकाने सजाई गईं थी। मेले में बाहर से आये जायरीन ने भी खरीदारी की। दरगाह को विद्युतीय झालरों से पहले ही आकर्षण ढ़ंग से सजाया गया है। इससे पहले इतवार को फज्र की नमाज़ के बाद कुरआन ख्वानी हुई जिसमें काफी लोग जुटे। 10:30 बजे कुल शरीफ व रंग महफ़िल का आयोजन हुआ। इसके बाद दिव्य लंगर  चला। बाद नमाज ईशा महफिले समा में मौलाना ज़कीउल्लाह क़ादरी ने अपनी नूरानी तकरीर से लोगों को फैज़याब किया।

1 टिप्पणी:

Imtiyaz khan ने कहा…

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