रविवार, 31 जनवरी 2021

विनोद बागी अध्यक्ष,भारतेन्दु तिवारी उपजा के जिला महामंत्री

उत्तर प्रदेश पत्रकार एसोसिएशन का चुनाव 

वाराणसी(दिल इंडिया)। उपजा वाराणसी इकाई का द्विवार्षिक चुनाव सर्वसम्मति के साथ राविवार को सम्पन्न हुआ। शिवपुर स्थित उपजा कार्यालय पर सम्पन्न हुए चनाव में उपजा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री विनोद कुमार बागी जी नें सभी नवनिर्वाचित सदस्यों का आभार ब्यक्त करते हुए कहा कि आज उपजा वाराणसी इकाई के सभी सदस्यगणों नें चुनाव में समय से पहुँचकर कार्यक्रम को सफल बनाया है।जिससे संगठन को बहुत मजबूती मिली है।हम सभी सदस्यगणों से उम्मीद करते है कि आप सभी लोग हमेशा ऐसे ही संगठन के हर कार्यक्रम में आकर मजबूती प्रदान करते रहेंगे।आज भारी संख्या में उपजा के सभी सदस्यगणों को देखकर मुझे बहुत खुसी है।वही उपजा के नवनिर्वाचित जिला महामंत्री श्री भारतेन्दु तिवारी नें कहा कि हमें उपजा वाराणसी इकाई को और मजबूत करना है।इसके लिए हम दिनरात मेहनत करते रहेंगे।आज सर्वसम्मति के साथ चुनाव सम्पन्न हुआ है।इसके लिए हम उपजा के सभी सदस्यगणों का हार्दिक आभार ब्यक्त करता हूं।आज के चुनाव में नवनिर्वाचित हुए सभी पदाधिकारियों व सदस्यगणों में जिला अध्यक्ष श्री विनोद कुमार बागी(युग सत्य)जिला महामंत्री श्री भारतेन्दु तिवारी(बिन्दु प्रकाश)जिला उपाध्यक्ष श्री सुधीर दुबे,श्री माया शंकर दुबे(अमर उजाला)श्री अनिल जायसवाल(बिन्दु प्रकाश) सत्येंद्र प्रकाश उपाध्याय(अमर उजाला)जिला मीडिया प्रभारी श्री अजीत नारायण सिंह(हिन्द भाष्कर)जिला-संगठन मंत्री मनीष चतुर्वेदी जिला-मंत्री पद पर श्री अनिल पाठक,श्री अजय चौबे,श्री जितेंद्र प्रताप सिंह,श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव व कार्यकारिणी सदस्य पद पर श्री ज्ञान प्रकाश सिंह,श्री उत्पल मुखर्जी,सुवेश कुमार सिंह,श्री पवन तुलस्यान, संजय तिवारी,मनोज गिरी,श्री जवाहर जायसवाल,श्री रमेश कुमार,श्री संजय शर्मा,श्री सुनील जी नवनिर्वाचित चुने गए।चुनाव के दौरान उपजा के श्री महेंद्र विश्वकर्मा,श्री आरुणि सिन्हा,श्री गौरव श्रीवास्तव,शाहनवाज खान,जमील अख्तर,रेयाज खान,बिरेन्द्र विश्वकर्मा, बच्चा लाल,आनन्द मिश्रा,शिवम चतुर्वेदी,सोनू जी सहित उपजा के सभी सदस्यों नें अपनें नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष श्री विनोद बागी जी को माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया।कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री श्री भारतेन्दु तिवारी नें किया।

शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

टीकाकरण से किसी को कोई परेशानी नहीं: डा. राम विलास दुबे


पूर्व अपर निदेशक स्वास्थ्य को कोरोना का टीका लगाया गया

वाराणसी (दिल इंडिया)। पूर्व अपर निदेशक स्वास्थ्य, वाराणसी मंडल, डा. राम विलास दुबे को कोरोना का टीका लगाया गया। डा. दुबे का टीकाकरण पूरी तरह सफल रहा। डा. रामविलास दुबे ने मीडिया को बताया कि उनका टीकाकरण पूरी तरह सफल रहा। उन्होने कहा कि मैं बिलकुल सामान्य हूं, टीका जीवन रक्षक है। उन्होने देश दुनिया के लोगों से अपील किया कि वो टीका लगवाये। टीकाकरण से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है बल्कि टीका जिन्दगी बचाने के लिए लगाया जा जहा है ताकि किसी को फिर कोरोना महामारी न झेलना पड़े। डा. दुबे ने कहा कि पहले पोलियों टीकाकरण के दौरान भी हो हल्ला, विरोध प्रदर्शन होता था मगर आज पोलियो टीकाकरण की देन है पोलियो मुक्त है हमारा देश भारत।

गुरुवार, 28 जनवरी 2021




पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार ने डाककर्मियों को किया सम्मानित

वाराणसी(दिल इंडिया)। डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में 72 वां  गणतंत्र  दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।  इस अवसर पर वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने  कैंट प्रधान डाकघर कैम्पस स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर ध्वजारोहण किया और सराहनीय सेवाओं के लिए 12 डाककर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने  कहा कि आज ही के दिन हमने संविधान के तहत लोकतान्त्रिक व्यवस्था को अंगीकार कर देश के प्रत्येक नागरिक के कल्याण एवं सर्वोन्मुखी विकास का संकल्प लिया था। ऐसे में संविधान में प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी विवेकपूर्ण अनुपालन आवश्यक है। आज के दिन हम सभी को लोकतंत्र की उपलब्धियों का उत्सव मनाना चाहिए और एक शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं प्रगतिशील भारत के निर्माण में स्वयं को समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक और सरकारी व्यवस्था के अंग दोनों रूप में, संविधान द्वारा स्थापित तंत्र की मजबूती हेतु कार्य करते हुए  हमारा दायित्व होना चाहिए कि सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं आम जन  तक पहुंचें और इसके लिए हमें अधिक प्रभावी और प्रतिबद्ध रूप में कार्य करना होगा।

सहायक निदेशक प्रवीण प्रसून ने कहा कि,  डाक विभाग आम जन से जुड़ा हुआ है, ऐसे में गणतंत्र में इसकी भूमिका और भी अहम हो जाती है। इस अवसर पर वाराणसी पश्चिमी डाक मंडल के अधीक्षक डाकघर राम मिलन, लेखा अधिकारी महेंद्र प्रताप वर्मा , संतोषी राय, पोस्टमास्टर कैंट प्रधान डाकघर रमाशंकर वर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।   

 इनका हुआ सम्मान 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सराहनीय सेवाओं हेतु क्षेत्रीय कार्यालय से श्री प्रकाश गुप्ता, राजेन्द्र प्रसाद यादव, नरेंद्र राम, राहुल कुमार वर्मा, मनीष कुमार, ललित कुमार सिंह, शंभू प्रसाद गुप्ता एवं मंडलीय कार्यालय से सर्वेश पांडेय, वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर से  संतोष दूबे, कपिलमुनि शुक्ला, राम आसरे यादव व महेंद्र प्रसाद को सम्मानित किया।

मदर हलीमा सेंट्रल स्कूल में गणतंत्र दिवस

हिंदुस्तान का नागरिक होना गर्व की बात:नोमान हसन

वाराणसी(दिल झाडया)। हमें गर्व है के हम भारत जैसे मुल्क के शहरी और बाशिंदे हैं। ये अज़ीम मुल्क दुनिया  का सबसे ख़ूबसूरत तहज़ीब का मुल्क है। यहाँ की मिट्टी में प्यार,अपनापन , देशभक्ति, भाईचारा का समावेश है । ये देश दुनिया और समाज को हमेशा एक ख़ास संदेश देता है। वेशभूषा,भाषा, सम्प्रदाय,मत , रीति रिवाज अलग होते हुए भी यहाँ के नागरिकों में जो सद्भाव और एक दूसरे के धर्मों के प्रति असर भाव मिलता है वो असाधारण और अनुकरणीय है। ऐसी मिसाल विरले ही मिलती है । ये बातें मदर हलीमा सेंट्रल स्कूल में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर निदेशक नोमान हसन ने गणमान्य नागरीकों अध्यापक और अध्यापिकाओं के बीच कहा। इस अवसर पर अबुज़र सिद्दीक़ी,समरीन, कविता,सदफ अकील, ने अपने विचार रखे। अध्यापक अध्यापिकाओं ने देश भक्ति  से ओतप्रोत गीत और ग़ज़ल प्रस्तुत कर श्रोताओं से ख़ूब वाहवाही लूटी। स्कूल में कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के न होने से अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम तो नही हुये किन्तु टीचर्स के प्रस्तुति से यौमे जमहुरियह में चार चाँद लग गया इस गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का संचालन प्रिया एवं नाज़ ने किया प्रिन्सिपल सानिया फ़ातिमा ने अतिथियों का स्वागत करते हुये बताया कि मदर हलीमा फ़ाउंडेशन में भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में सत्र 2021-22 हेतु आवेदन स्वीकार किये जा रहे हैं जिसकी अंतिम ति




थि  15 फ़रवरी है।

बुधवार, 27 जनवरी 2021

विश्वनाथ मंदिर के महंत आमरण अनशन पर

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत की पत्नी भी अनशन में साथ

वाराणसी(दिल इंडिया)। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी का अनशन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। वो गणतंत्र दिवस से सपत्नीक अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने बताया कि मन्दिर प्रशासन द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार के कारण वो और उनकी नेत्र ज्योति खो चुकी पत्नी आमरण अनशन पर हैं। पैतृक संपत्ति और मंदिर के विग्रह को बिना उनकी जानकारी दिये जाने के सम्बंध में इस आमरण अनशन की शुरुआत हुई।

डॉ. कुलपति ने सोशल मीडिया पर जारी अपने वीडियो में बताया कि 26 जनवरी से शुरू हुआ ये आमरण अनशन उनकी अंतिम सांस तक जारी रहेगा। जिसमें वो और उनकी नेत्रहीन पत्नी शामिल है। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई धर्म की लड़ाई है।अन्याय, अनीति और अधर्म जब अपने चरम पर पहुंच जाता है तो उसके खिलाफ आवाज उठानी ही पड़ती है।

डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि पैतृक आवास का जर्जर हिस्सा गिर जाने के कारण बाबा काशी विश्वनाथ की कई रजत मूर्तियां मलबे में दब गयीं। इसके साथ बाबा का सिंहासन और अन्य मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त हो गयीं। जिसे एक कमरे में बंद कर दिया गया। उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हें, उनके चचेरे भाई और मंदिर प्रशासन को दे दी गयी है। इसके साथ ही कमरें की तीन चाबियां भी बनायीं। उन्हें सभी तीनों को दिया गया। ऐसे में डॉ. कुलपति का आरोप है कि बिना उनकी जानकारी के कुछ रजत प्रतिमाएं उनके भाई को दे दी गयीं। अन्नकुट पर भी बाबा की खण्डित चांदी की मूर्ति की पूजा के लिए बाध्य किया गया।

कुलपति तिवारी ने बताया कि मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने उनसे आशीर्वाद लेने के बहाने दो कॉरिडोर में स्थित दो मंदिर तोड़ने के लिए दस्तखत कराया और मन्दिर तोड़ दिया। मंदिर में रखे हुए विग्रहों की जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि जब इस बाबत उनसे पूछा गया तो उन्हें कहा गया कि इसके बदले उन्हें दो मन्दिर बनवा के दे दिया जायेगा।

मंगलवार, 26 जनवरी 2021

मदरसा खानम जान में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना





लहराया तिरंगा गूंजा देश का तराना

वाराणसी (दिल इंडिया)। 26 जनवरी को मदरसा खानम जान अराबिक स्कूल में गणतंत्र दिवस झ्ंडोराहण संग धूमधाम से मनाया गया। झस मौके पर जहां तिरंगा शान से लहरा रहा था वही देश का तराना फिज़ा में गूंज रहा था। मुख्य आतिथि विनोद कुमार सिंह एसडीएम वाराणसी विकास प्राधिकरण ने ध्वजारोहण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मदरसा खानम जान के संस्थापक शाहबुद्दीन लोदी ने आए हुए अतिथियों का अंग वस्त्र देकर स्वागत किया। मदरसा इंचार्ज इरफाना यासमीन ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। आए हुए सभी अतिथियों का मदरसा प्रबंधक दानिश शहाब ने माला पहना कर सम्मान  किया। इस मौके पर धन्यवाद मदरसा के प्रधानाचार्य नईमुद्दीन ने किया।

कार्यक्रम में शिरकत करने वाले प्रमुख लोगों में अभय सिंह, सिंचाई आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री विजय शंकर पांडे, पूरे खंड शिक्षा अधिकारी श्री महेंद्र यादव, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव हिफाज़त हुसैन, अखलाक अहमद टीटी, मोंटी, राजेश यादव, मोहम्मद तय्यब, सुभाष यादव, फहीम मुख्य थे। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने किया।

रविवार, 24 जनवरी 2021

दोनों वर्ग के लोगों के जुटने से माहौल हुआ गंगा जमुनी

हजरत रहीम शाह के उर्स में चढ़ी अकीदत की चादर 

वाराणसी(मो.रिज़वान/दिल इंडिया) हजरत रहीम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिन तक चलने वाला 94 वां उर्स गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश करता नज़र आया। कौन हिन्दू है कौन मुसलमान। अलग अलग ये पहचान करना भी कोई चाहे तो मुश्किल था। सभी धर्म और मज़हब के लोग बाबा के रंग में रंगे नज़र आये। 

जुमे को फजर की नमाज़ के बाद शुरु हुए उर्स का इतवार को तीसरा दिन था। तमाम ज़ायरीन उर्स में पूरी अकीदत के साथ पहुँचे हुए थे। बेनियाबाग स्थित बाबा के आस्ताने पर फातिहा पढ़ने और मन्नतों की चादर चढ़ाने के लिए अकीदतमंदों की आस्था देखते ही बन रही थी।  सज्जादानशीन मोहम्मद सैफ रहीमी की अगुवाई में हुए उर्स में सरकारी चादर के साथ ही कपड़ा मार्केट समेत तमाम तंज़ीमों और अकीदतमंदों की भी चादर बाबा के दर पर पेश की गई। 

दरगाह के दोनों ओर आस्थायी दुकाने सजाई गईं थी। मेले में बाहर से आये जायरीन ने भी खरीदारी की। दरगाह को विद्युतीय झालरों से पहले ही आकर्षण ढ़ंग से सजाया गया है। इससे पहले इतवार को फज्र की नमाज़ के बाद कुरआन ख्वानी हुई जिसमें काफी लोग जुटे। 10:30 बजे कुल शरीफ व रंग महफ़िल का आयोजन हुआ। इसके बाद दिव्य लंगर  चला। बाद नमाज ईशा महफिले समा में मौलाना ज़कीउल्लाह क़ादरी ने अपनी नूरानी तकरीर से लोगों को फैज़याब किया।

सुकन्या समृद्धि योजना:बालिकाओं के सशक्तिकरण में निभा रही अहम भूमिका: कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग ने वाराणसी के 190 गाँवों को बनाया सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम 

वाराणसी (दिल इंडिया)। बालिकाएं आने वाले कल का भविष्य हैं। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अभी से उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से सुदृढ़ करने की जरूरत है। इसमें 'सुकन्या समृद्धि योजना'  महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उक्त उद्गार 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' पर वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये। इस दिवस को विशेष बनाने के लिए डाकघरों के साथ विभिन्न स्कूलों व ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजन कर डाक विभाग द्वारा बालिकाओं को सम्मानित किया गया, उनके सुकन्या समृद्धि खाते खुलवाकर उन्हें उपहार भी दिए गए।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि समाज में बालिकाओं का स्थान अहम है। सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ है। श्री यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र  में अब तक लगभग 1 लाख 75 हजार बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाये जा चुके हैं और 190 गाँवों को संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बनाया जा चुका है। श्री यादव ने कहा कि, इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बालिकाओं के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी।




वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री सुमीत कुमार गाट ने कहा कि, किसी भी डाकघर में न्यूनतम 250 ₹ से दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया जा सकता है। इसमें  एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये जमा किये जा सकते हैं। वहीं, वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री राम मिलन ने बताया कि, सुकन्या की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। सहायक निदेशक श्री शम्भू राय ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी  प्रावधान है।

शनिवार, 23 जनवरी 2021

संस्कारशाला में हुआ सम्मान



भारत विकास पारिषद के बालिका सप्ताह का हुआ समापन

वाराणसी (दिल इंडिया)। भारत विकास परिषद काशी प्रांत की वाराणसी शाखा की ओर से बालिका सप्ताह के पांचवां दिन संस्कारशाला के रूप में मनाया गया। इसमें बच्चियों को आत्मरक्षा के जहाँ गुर सिखाए गये, वही दूसरी ओर एनीमिया के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गयी। इस दौरान आयोजनो में हिस्सा लेने वाली बालिकाओं को पुरस्कृत भी किया गया।

 दरअसल भारत विकास परिषद काशी प्रांत की वाराणसी शाखा द्वारा महिला एवं बाल विकास के लिए नव वर्ष 2021 में नई पहल की गई थी, जिसमें 16 जनवरी से 21 जनवरी  तक “राष्ट्रीय बालिका सप्ताह “मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बालिकाओं के विकास एवं स्वास्थ्य के लिए ( एनीमिया मुक्ति के लिए) कार्य करना एवं लोगो को प्रेरित करना था।

शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

बिहार में बसपा को लगा बड़ा झटका

विधायक ज़मा खाँ बसपा छोड़ टीम नीतिश में शामिल

भभुआ (खालिद अनवर/दिल इंडिया)। बसपा चैनपुर के विधायक ज़मा खां बसपा छोड़ कर टीम नीतिश का हिस्सा बन गये हैं। उन्होंने जदयू की प्राथमिक सदस्यता भी अपने समर्थकों के साथ जनता दल युनाइटेड के अगुवा नीतिश कुमार के समक्ष लेली। ज़मा खां के बसपा छोड़ने की अटकले काफी दिनो से चल रही थी। सूत्र यह भी बता रहे थे कि शामिल होने के साथ ही ज़मा खाँ को कोई बड़ा पद भी मिल सकता है। संभव है कि जल्द ही इसकी भी घोषणा जल्द होगी। 

मिशन 2022 को सफल बनाने की मुहिम

कांग्रेस ने वाराणसी में जुझारू अधिवक्तओ की उतारी टीम

अशोक कुमार सिंह बने विधि विभाग के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष

वाराणसी(दिल इंडिया)। कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में 2022 में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए अभी से मिशन 2020 की जीत का खाका तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग ने पदाधिकारियो की लिस्ट जारी की जिसमें पूर्वंचल के अधिवक्तओ में खास पकड़ रखने वाले वाराणसी के धौरहरा निवासी अशोक कुमार सिंह एडवोकेट को कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग का वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है। तो वही विरेन्दर कुमार प्रजापति को प्रदेश महासचिव व सैयद अशफाक हुसैन (शान) को मण्डल अध्यक्ष अजीत कुमार मद्धेशिय , इकबाल अहमद , अनिल कुमार सिंह व मंजू राय को प्रदेश सचिव और दलित चेहरा व बनारस बार के उपाध्यक्ष अशोक कुमार को जिला अध्यक्ष तो वही राजेश कुमार गुप्ता को महानगर अध्यक्ष मनोनीत किया गया। उक्त पदाधिकारियो को घोषित किये जाने पर पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, पूर्व विधायक अजय राय, महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौवे जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केशरी, महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, शहाबुद्दीन लोदी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव  हसन मेहंदी कब्बन, जितेंद्र सेठ, अजय सिंह शिवजी, आशिष सिंह आदि कांग्रेस नेताओ ने हर्ष व्यक्त किया है। 


रहीम शाह बाबा का उर्स शुरु


हजरत रहीम शाह के दर पर जुटे बाबा के दीवाने

वाराणसी(दिल इंडिया) हजरत रहीम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिन तक चलने वाला 94 वां उर्स जुमे को फजर की नमाज़ के बाद पूरी अकीदत के साथ शुरू हो गया। बेनियाबाग स्थित बाबा के आस्ताने पर फातिहा पढ़ने और मन्नतों की चादर चढ़ाने के लिए अकीदतमंदों का हुजूम इस दौरान सुबह से ही उमड़ा हुआ था। दूरदराज से आए तमाम श्रद्धालुओं ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाई। रात में तकरीर और नात-ए-पाक का नजराना बाबा की शान में पेश किया जायेगा।

इससे पहले हजरत रहीम शाह बाबा के उर्स का आगाज कुरानख्वानी से हुआ। जुमे की नमाज के बाद महफिल-ए-शमा का आयोजन किया गया। शाम को चादरपोशी और मगरिब की नमाज के बाद मीलाद शरीफ होगा। मीलाद शरीफ में बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल होंगे। सुबह से देर रात तक बाबा के दर पर फातिहा पढ़ने वालों की भीड़ हर साल उमड़ती है। उर्स में आने वालों का  सज्जादानशीन मोहम्मद सैफ रहीमी अपनी टीम के साथ इस्तेकबाल करते दिखाई दिये। 

दरगाह पर लगा रहा मेला 

दरगाह के दोनों ओर आस्थायी दुकाने सजाई गईं थी। मेले में बाहर से भी जायरीन ने खरीदारी की। उधर दरगाह को विद्युतीय झालरों से पहले ही आकर्षण ढ़ंग से सजाया गया है।

निकलेगी चादर होगी कव्वाली

 मोहम्मद शाहिद ने बताया कि 22 को फज्र के बाद कुरआन ख्वानी हुई। जुमा बाद महफिले समा, असर बाद चादर पोशी की जायेगी। मगरिब बाद मिलाद शरीफ, ईशा बाद तकरीर व लंगर, उसी तरह दूसरे दिन 23 को फज्र में कुरआन ख्वानी, बाद नमाज असर ग़ुस्ल मजार शरीफ, बाद नमाज मगरिब सरकारी चादर पोशी व मिलाद शरीफ, बाद नमाज ईशा लंगर व महफिले समा होगा। तीसरे रोज़ 24 को फज्र में कुरआन ख्वानी के बाद 10:30 बजे कुल शरीफ व रंग महफ़िल, लंगर  फिर बाद नमाज ईशा महफिले समा होगा। उर्स का समापन कुरान की तेलावत व मुल्क की हिफाजत, अमन और मिल्लत के लिए दुआ के साथ होगा।

गुरुवार, 21 जनवरी 2021

अपने खर्च से बचत कर करें दूसरों की मदद

भारत विकास परिषद का राष्ट्रीय बालिका सप्ताह में हुआ सेवाकार्य


वाराणसी (दिल इंडिया)। अगर हम अपने रोज़ के खर्च से थोड़ी सी रकम बचा कर गरीब और ज़रूरतमंद लोगों की मदद का मन बना लें तो मुझे यकीन है कि धरती पर कोई भी इंसान भूखा और परेशान नहीं रहेगा। यह बातें भारत परिषद काशी प्रांत की वाराणसी शाखा की संयोजिका मृदु मेहरोत्रा ने कही। वो भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बालिका सप्ताह के अंतर्गत ग़रीब बच्चियों को  ऊनी वस्त्र, बिस्कुट एवं चिप्स वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी। इस दौरान जरूरतमंद बाच्चियों में गर्म कपड़े, बिस्कुट एवं चिप्स आदि बांटी गई।

बुधवार, 20 जनवरी 2021


परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों ने चिरईगांव खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा


वाराणसी(दिल इंडिया)। चिरईगांव विकासखंड के श्री खंड विकास अधिकारी चिरईगांव को परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों ने कायाकल्प के अंतर्गत 14 पैरामीटर का कार्य संबंधी विज्ञापन उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष रविंद्र नाथ यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मिला,जिसमें विकासखंड चिरईगांव के सभी प्रधानाध्यापकों द्वारा कई बार ग्राम प्रधान एवं संबंधित ग्राम सचिवों से संपर्क कर विद्यालयों में कायाकल्प के अंतर्गत कार्य कराए जाने हेतु अनुरोध किया जाता रहा परंतु, अभी तक विद्यालयों में 14 पैरामीटर कार्य संपन्न नहीं हो पाया है इस संबंध में अधिकांश हेड मास्टरों ने संगठन को अवगत भी कराया है संगठन यह अनुरोध करता है कि विद्यालयों में कायाकल्प के अंतर्गत 14 पैरामीटर के कार्य कराए जाने हेतु संबंधित को निर्देशित करते हुए अपने स्तर से कार्य करवाएं।

        प्रतिनिधि मण्डल में रविंद्र नाथ यादव, राजीव कुमार उपाध्याय, संतोष कुमार,महेंद्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।

लाॅकडाउन में बढ़ी घरेलू हिंसा

शोध में आयी महिलाओं के साथ भेदभाव की बात

वाराणसी (प्रताप बहादुर सिंह/दिल इंडिया) कोविड19 के दौर में महिलाओं पर जितने भी शोध हुए उन सभी में महिलाओं के साथ भेदभाव की बात सामने पायी गयी है। इसके अलावा विभिन्न शोध में यह बात भी सामने आई है कि लाॅकडाउन में महिलाओं पर कामकाज का बोझ बढ़ गया। उक्त बातें बुधवार को दिल्ली के मिरांडा हाउस काॅलेज की प्राचार्य डाॅ. बिजयलक्ष्मी नन्दा ने डीएवी पीजी काॅलेज के आईक्यूएसी सेल के तत्वावधान में स्त्री विमर्श सेल द्वारा ‘महामारी में लैंगिक विभेदः चुनौतियाॅ एवं संभावनाए‘ विषय पर आयोजित एक दिवसीय आनलाइन विशेष कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता कही। डाॅ. नन्दा ने कहा कि महामारी के दौर में लैंगिक आधार पर महिलाएं दोहरी मार की शिकार हुई। उन पर काम का बोझ तो बढ़ा ही साथ ही वें घरेलू हिंसा की भी शिकार हुई, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में विभिन्न प्रकार के शोध अध्ययनों में यह भी साफ हुआ कि नारी शक्ति अपनी निर्णायक वादी भूमिका से सहानभूति की ओर अग्रसर हो गयी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हाल के समय में महिला साक्षरता के मामले में काफी साकारात्मक बढ़ोतरी हुई है।

कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक डाॅ. शिव बहादुर सिंह ने किया। स्वागत एवं विषय स्थापना संयोजिका डाॅ. स्वाती सुचरिता नन्दा, संचालन डाॅ. कल्पना सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. पारूल जैन ने दिया। इस अवसर पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से नारीविद भी कार्यशाला में उपस्थित रही, जिनमें मुख्य रूप से प्रोफेसर रंजना शील, प्रोफेसर मधु कुशवाहा, प्रोफेसर सोनाली सिंह, डाॅ. प्रियंका झा, डाॅ. जाह्नवी सिंह, डाॅ. जी. उमा आदि सहित महाविद्यालय की महिला अध्यापिकाएं एवं छात्राए उपस्थित थी


नृत्य नाटिका ने मोहा सबका मन

राष्द्रीय बालिका सप्ताह में हुए अनेक आयोजन



वाराणसी (दिल इंडिया)। भारत विकास परिषद काशी प्रांत की वाराणसी शाखा  द्वारा महिला एवं बाल विकास के लिए नव वर्ष में नई पहल के तहत चलाये जा रहे राष्ट्रीय बालिका सप्ताह में कार्यक्रम में तृतीय दिन बच्चियों ने जहां नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया वहीं प्रहसन व व्याख्यान  का भी आयोजन किया गया। 

मृदु मेहलोत्रा की अगुवाई में हुए आयोजन में संस्कारित बेटियां महकता घर आँगन, राष्ट्र के उत्थान में बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ, शिक्षित  कन्या है वरदान आदि विषयों पर बेटियों ने अपनी प्रतिभा व्याख्यान व प्रहसन के माध्यम से व्यक्त की। चतुर्थ दिन, ऊनी वस्त्रों का वितरण होगा, तो पांचवें दिन 21 जनवरी को शाखा के  सप्ताह समापन दिवस को संस्कार शाला के रूप में मनाया जाएगा।

मंगलवार, 19 जनवरी 2021

शंभू नाथ निषाद ने छोड़ा बसपा

भारतीय जनता पार्टी की ली सदस्यता


वाराणसी (दिल इंडिया)। शिवपुर विधानसभा के चिरईगांव मंडल के सराय मोहना ग्राम सभा में प्रबुद्धजन निषाद समाज गोष्टी एवं सम्मान समारोह के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री  अनिल राजभर और जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा की अध्यक्षता  में निषाद समाज बहुजन समाज पार्टी के पूर्व निषाद समाज के जिला अध्यक्ष बसपा के पूर्व सेक्टर महासचिव श्री डॉक्टर शंभूनाथ निषाद को भाजपा में शामिल कराया गया। डॉक्टर शंभू नाथ निषाद ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की ।

 कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने निषाद समाज के लोगों को अंग वस्त्र एवं माला से सम्मानित किया । उक्त अवसर पर जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ,जिला मंत्री शिवानंद राय,कमलेश मौर्य,मुन्ना निषाद,शिवआसरे विश्वकर्मा, शेखर राजभर व अरविंद मिश्रा उपस्थित रहे । 

सोमवार, 18 जनवरी 2021

मदरसों में है तमाम समस्याएं

मदरसों की समस्याओ से अधिकारी हुए रुबरु

वाराणसी(दिल इंडिया)। मदरसों की समस्याओं को लेकर मदरसों से जुड़े तमाम लोगों की एक बैठक मदरसा खानम जान अर्दली बाजार में सोमवार को हुई। बैठक में उपस्थित लोगों ने  जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद, उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण, वाराणसी मंडल, संजय मिश्रा को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

बैठक में उपस्थित अनुदानित एवं मान्यता प्राप्त मदरसों के प्रबंधको ने छात्रों द्वारा विभिन्न योजनाओं को ऑन लाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल खुलने से मदरसा एवं छात्रों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मदरसा वालों ने मिड डे मील, परीक्षा कराने के बाद विभाग द्वारा समय से भुगतान ना होना जैसी कई महत्वपूर्ण समस्याओं से क्रमवार विभाग के संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्या रखी।संबंधित अधिकारियों ने उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार कर क्रमवार समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया।



बैठक में शहाबुद्दीन लोदी, मोहम्मद आरिज गुड्डू, दानिश शहाब , परवेज़ खान, सहित वाराणसी के अधिकांश मदरसों के लोगों ने अपनी बात रखी।

भारत विकास परिषद समाज के उत्थान के लिए प्रयासरत

भारत विकास परिषद का बालिका सप्ताह:दूसरा दिन


वाराणसी (दिल इंडिया)। भारत विकास परिषद काशी प्रांत की वाराणसी शाखा की ओर से राष्ट्रीय बालिका सप्ताह के अंतर्गत दूसरे दिन सोमवार को हीमोग्लोबिन  टेस्ट के उपरांत बच्चियों को लोहे की कढ़ाई व गुडचना का वितरण किया गया एवं इसके फ़ायदे बताए गए। भारत विकास परिषद काशी प्रांत की संयोजिका मृदु मेहरोत्रा ने इस अवसर पर जहाँ कार्यक्रम की सफलता के लिए भारत विकास परिषद काशी प्रांत की संयोजिका डा शिप्रा धार की सराहना की और कहा कि उनके ही कुशल नेतृत्व में इतना बड़ा कार्यक्रम संभव हुआ। भारत विकास परिषद समाज के उत्थान के लिए प्रयासरत है। इस दौरान अंत में पढ़ने लिखने वाली लड़कियों को स्टेशनरी का वितरण भी किया गया।

रविवार, 17 जनवरी 2021

“बेटी है तो सृष्टि है “ संग बालिका सप्ताह का आगाज़





भारत विकास परिषद ने कराया हीमोग्लोबिन की जांच

वाराणसी (दिल इंडिया)। भारत विकास पीरषद वाराणसी शाखा की ओर से “बेटी है तो सृष्टि है “कार्यक्रम के साथ भारत विकास परिषद काशी प्रांत की वाराणसी शाखा का बालिका सप्ताह का आगाज़ राविवार को हो गया। इस मौके पर बच्चियों का हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाया गया साथ ही उन्हें एनिमिया से मुक्त रहने की विस्तृत जानकारी दी गई। शाखा की संयोजिका मृदु मेहरोत्रा ने बताया कि भारत विकास परिषद काशी प्रांत की “वाराणसी शाखा”  द्वारा महिला एवं बाल विकास के लिए नव वर्ष 2021 में नई पहल की गई है। यह आयोजन 21 जनवरी तक मनाया जाएगा। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बालिकाओं के विकास एवं स्वास्थ्य के लिए ( एनीमिया मुक्ति के लिए) कार्य करना एवं लोगों को प्रेरित करना है। शाखा की महिला संयोजिका मृदु मेहरोत्रा ने बताया कि द्वितीय दिन 18 जनवरी को, लोहे की कढ़ाई तथा गुड़ चना एवं उपयोगी स्टेशनरी का वितरण किया जायेगा। 

जन्मोत्सवः में जुटे जैनी




भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर: आचार्य प्रमोद कुमार जैन

वाराणसी (दिल इंडिया)। श्री दिगम्बर जैन महासमिति वाराणासी संभाग द्वारा कैथी स्थित चंद्रावती गांव में आयोजित श्री 1008 चंद्र प्रभु जन्मोत्सवः के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिंदू विश्वविधालय के निर्देशक आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने व्यक्त किये। इस अवसर पर श्री दिगम्बर जैन महासमिति वाराणसी संभाग द्वारा काशी के विभूतियों को जैन रत्न से नवाजा गया।  जैन दर्शन के रास्ट्रीय स्तर के विद्धवान प्रोफसर कमलेश कुमार जैन, प्रोफ़ेसर अशोक कुमार जैन, प्रोफ़ेसर फूल चंद प्रेमी, प्रोफ़ेसर प्रदुम्भ शाह, डॉ निर्मला जैन, श्री ऋषभ चंद जैन, डॉ अमित जैन, डॉ इंदु जैन  स्रुषी पंखुरी जैन को  जैन रत्न सम्मानं से नवाजा गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे कैण्ट विधायक श्री सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि आज चंद्र प्रभू भगवान के जन्मोत्सवः में शामिल हो कर और विद्ववानों का सानिध्य  पा कर स्वयं को अत्यंत गर्वान्वित महसूस कर रहे है । आज संपूर्ण विस्व को अहिंसा परमो धर्म को अपनाने की जरुरत है । मुख्य अतिथि आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने स्रुषी पंखुरी जैन के संघर्ष पर उसको आशिर्वाद देते हुए कहा कि 65% विकलांगता के बाउजूद काशी हिंदू विस्वविद्यालय जैसे संसथान की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सम्मान्नित दो दो बार की गोल्ड मेडलिस्ट को सम्माँनित करते हुए उनको अत्यन्त प्रसन्ता हो रही है।इस तरह की प्रतिभाए काशी और भारत का नाम रोशन करेगी।इस संदर्भ में ज्ञात है कि रिषर्च स्कोलर स्रुषी पंखुरी जैन  अपनी पढ़ाई के साथ साथ  जरुरत मंद को मुफ्त शिक्षा भी दे रही  है । इस अवसर पर नगर के कर्मठ चेस्ट रोग स्पेस्लिस्ट डॉ कुमार उत्सव सामरिया द्वारा 500 कॅरोना मरीजो को ढीक करने के कारण  कॅरोना योद्धा के रूप में जैन रत्न सम्मानं से विभूषित किया गया। इस अवसर पर श्री दिगम्बर जैन महासमिति के अध्यछ डॉ के के जैन संपूर्ण कार्यक्रम की अध्यछता करते हुए बताया कि महासमिति सेवा,सद्भावना ,और समंवय को ध्यान में रखती हुई भगवन के जन्मोत्सवः को सेवा दिवस के रूप में मनाती है।संपूर्ण कार्यकर्म का कुशल संचालन सामिति के महामंत्री श्री राकेश जैन द्वारा किया गया। 

इस अवसर पर चंद्रावती गाँव वालों को प्रसाद वितरण और कम्बल भी किया गया। धन्यवाद् ज्ञापन सामिति के उपाध्यछ श्री विजय कुमार जैन,श्री प्रदीप चंद जैन द्वारा दिया गया। विनोद कुमार जैन,प्रमोद कुमार बागरा,पंडित मनीष जैन,प्रतिक जैन,आशा जैन द्वारा  पूजन व्यवस्था कुशलता पूर्वक सम्पन कराई गई। अतिथ्यो को प्रतिक चिन्ह कार्यक्रम संयोजक  चार्टेड अकाउंटेंट विनय जैन और डॉ के के जैन और राकेश जैन द्वारा प्रदान किया गया।

जोसफ को बुरी तरह पीटने पर केस दर्ज




बीएचयू के सुरक्षा अधिकारी पर एफआईआर

वाराणसी (दिल इंडिया)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सरसुंदरलाल अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर नर्सिंग ऑफिसर शालिनी जोसफ के पुत्र ऋषभ जोसफ को बुरी तरह मारने पीटने के मामले में बीएचयू के सुरक्षा अधिकारी समेत जुड़ा हुआ है। ऋषभ ने कई लोगों के खिलाफ लंका थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। थाने में दी गई तहरीर में बीएचयू के सुरक्षा अधिकारी विनय कुमार और अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध बिना किसी आरोप के मारपीट करने और शारीरिक और मानसिक प्रतड़ना का केस दर्ज कराया है। इस संदर्भ में पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। अब देखना यह है कि वो कार्रवाई कब तक करती है। 

ये है पूरा मामला

ऋषभ की मां और बीएचयू की कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर नर्सिंग ऑफिसर शलिनी जोसफ ने दिल इंडिया को बताया कि मेरा बेटा रोज़ सुबह जॉगिंग के लिए जाता है। 12 जनवरी की सुबह भी वह जॉगिंग के लिए घर से निकला था। उसी दौरान अरविंदो कालोनी के पास वह अपना शू लेस बाँधने के लिए झुका तभी प्राक्टर कार्यालय की जीप आ गयी। उसमें सुरक्षा अधिकारी विनय कुमार मौजूद थे जिन्होंने ऋषभ को गाड़ी में बैठा लिया और उसे चीफ प्रॉक्टर कार्यालय ले गए। 

शालिनी जोसफ ने आरोप लगाते हुए बताया कि वहां एक कमरे में बंद करके मेरे बेटे को सुरक्षा अधिकारी और 4 से 5 की संख्या में मौजूद लोगों ने लाठी डंडों से पीटा और उसके प्राइवेट पार्ट में भी रॉड से मार दिया। इसके बाद 7 बजे सुबह मुझे बीएचयू चौकी से फोन आया। मैंने बेटे से बात की तो उसने बताया कि मैं ठीक हूं मां पर मैं वहां पहुंची तो चौकी इंचार्ज ने कहा कि आप के बेटे ने कोई क्राइम नहीं किया है। किसी ने कम्प्लेन की थी कि उसके घर के सामने कोई ट्वायलेट कर रहा है उसी लिए उन्हें यहाँ लाये थे पूछ-ताछ को। 

उसके बाद मैं ड्यूटी गयी लेकिन शाम में घर आयी तो बेटे की तबियत ठीक नहीं लगी। उससे पूछा तो उसने सब कुछ बताया जिसके बाद मैंने बीएचयू ट्रामा सेंटर में उसका चेकअप कराया और दवा भी दिलाई पर अभी भी उसके प्राइवेट पार्ट में सूजन है और वो दर्द में हैं। मैंने इसकी कम्प्लेन प्राक्टर कार्यालय में की तो उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया पर करवाई नहीं हुई, उसके बाद जब चौकी पहुंची तो उन्होंने भी मना कर दिया। इस पर मैंने 14 जनवरी को लंका थाने पर तहरीर दी जिसके बाद सत्यता की जांच कर एफआईआर दर्ज की गयी है। 

मुझे बस न्याय चाहिए

शालिनी जोसफ ने आरोप लगाया कि मैंने जब विनय कुमार को फोन करके पूछा कि किसी लड़के को रात में उठाया था, तो उन्होंने कहा हाँ उठाया था, लेकिन जब हमने कहा कि वो मेरा बेटा था तो उन्होंने साफ़ इंकार कर दिया और उसके बाद कई सारे फोन मुझे समझौता करने के लिए आ रहे हैं पर मुझे न्याय चाहिए।

क्या कह रहे चीफ प्राक्टर

बीएचयू के चीफ प्रॉक्‍टर प्रोफेसर आनंद कुमार चौधरी ने बताया कि‍ युवक, युवक की मां और सुरक्षाकर्मि‍यों के बयान में वि‍रोधाभास है। युवक की मां की शि‍कायत पर 3 सदस्‍यीय कमेटी गठि‍त कर दी गयी है। ये कमेटी 10 दि‍न के अंदर अपनी रि‍पोर्ट देगी, जि‍सके आधार पर जो भी दोषी पाया जाएगा उसके वि‍रुद्ध कार्रवाई की जाएगी

मसीही समुदाय में रोष

ऋषभ जोसफ को बुरी तरह पीटने की खबर जब मसीही समुदाय को हुई तो उनमें रोष व्याप्त हो गया। रोमन कैथालिक ही नहीं बाल्कि प्रोटेसटेंट मसीही भी नाराज़ हैं सभी की मांग है कि घटना की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की जाये।

शनिवार, 16 जनवरी 2021

बनारसी हैण्डलूम सिल्क में परम्परा व आधुनिकता का खूबसूरत समन्वय: पोस्टमास्टर जनरल

कृष्ण कुमार यादव ने 'बनारसी हैण्डलूम सिल्क-बनारस का गौरव' पर जारी किया



आवरण

वाराणसी(दिल इंडिया)। बनारसी हथकरघा और उस पर बनी बनारसी साड़ी व रेशम बनारस की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने के साथ-साथ यहाँ की कला और संस्कृति से भी देश-दुनिया को परिचित कराया। आज भी हैंडलूम से निर्मित बनारसी सिल्क साड़ियाँ परंपरा व आधुनिकता का खूबसूरत समन्वय प्रदर्शित करती हैं। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने "बनारसी हथकरघा रेशम -बनारस का गौरव" पर विशेष आवरण व विरूपण जारी करते हुए व्यक्त किया। वाराणसी प्रधान डाकघर में डाक विभाग और प्रयाग फिलाटैलिक सोसाइटी के तत्त्वावधान में आज 16 जनवरी को आयोजित इस कार्यक्रम को ज़ूम एप के माध्यम से भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी प्रसारित किया गया। 

पोस्ट मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, वाराणसी से जुड़ी तमाम विभूतियों, संस्थानों और विविध विषयों पर डाक विभाग ने समय-समय पर डाक टिकट और विशेष आवरण जारी किए हैं, जिनके माध्यम से आगामी पीढ़ियाँ भी अपनी समृद्ध  संस्कृति व विरासत से रूबरू होंगी। बनारस रेशम पर भी वर्ष  2009 में डाक टिकट जारी हो चुका है। श्री यादव ने कहा कि, बनारसी हथकरघा रेशम कला एक प्राचीन और गौरवशाली परम्परा है। हजारों वर्षों से यहाँ के बुनकरों ने बनारसी बिनकारी की मूल परम्परा को जीवित रखते हुए इसमें बहुत से प्रयोग भी किये हैं। एक जिला, एक उत्पाद के तहत भी बनारस में इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे में इस विशेष आवरण के माध्यम से बनारसी हैंडलूम सिल्क की प्रसिद्धि देश-दुनिया में और भी विस्तार पायेगी। 

वाराणसी पूर्वी मण्डल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री सुमीत कुमार गाट ने बताया कि, इस विशेष आवरण की कीमत ₹25 है और इसे    फिलेटलिक ब्यूरो में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। सहायक निदेशक श्री प्रवीण प्रसून ने कहा कि आज के बच्चों  और युवा पीढ़ी को फिलेटली के माध्यम से अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ा जा सकता है। प्रयाग फिलाटैलिक  सोसाइटी के सचिव श्री राहुल गांगुली ने डाक विभाग द्वारा इस विशेष आवरण जारी किए जाने पर आभार व्यक्त किया और लोगों को फिलेटली से जुड़ने की अपील की।

 इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक श्री सुमीत कुमार गाट, सहायक निदेशक श्री प्रवीण प्रसून, सहायक डाक अधीक्षक आर के चौहान, सुरेश चंद्र, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर सुबलेश सिंह, जनसंपर्क निरीक्षक अरविंद पांडेय, हरिशंकर यादव, राहुल वर्मा, एसपी गुप्ता, रामचंद्र यादव सहित तमाम अधिकारी -कर्मचारी व फिलेटलिस्ट मौजूद रहे।

जाने शीतलहर को लेकर मौसम विभाग ने क्या कहा? कब मिलेंगी राहत

उत्तर प्रदेश में शीतलहर का अलर्ट जारी

नई दिल्ली (हिमांशु राय/दिल इंडिया)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर तराई इलाकों तक शीतलहर को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अलीगढ़, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बहराइच, श्रावस्ती हरदोई, गोण्डा, बस्ती, संतकबीरनगर और गोरखपुर मे शीतलहर के कारण तापमान और गिर सकता है। इसके अलावा बाराबंकी औऱ कानपुर में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है।दिन के पारे में चार डिग्री गिरावट के साथ इस बार लोहड़ी पर लोगों को पिछले साल के मुकाबले ज्यादा ठंड का अनुभव करना पड़ा। मौसम विभाग ने अगले पांच दिन कड़ाके की सर्दी पड़ने का अनुमान जताया है। दिन का पारा औसतन चार-पांच डिग्री कम चल रहा है।

 देश की राजधानी दिल्ली से लेकर समस्त उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड जारी है। भारतीय मौसम विभाग की माने तो अगले दो दिनों तक ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि आज तड़के सुबह उत्तरी राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंड़ीगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार में घना कोहरा दर्ज किया गया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम में भी सुबह साढ़े पांच बजे घना कोहरा देखा गया। मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर भारत में और ठंड पड़ने के आसार है। शुष्क मौसम और उत्तर पश्चिम हवाओं की वजह से देश के उत्तर पश्चिम हिस्सों के ज्यादातर इलाकों में अगले तीन-चार दिन तक न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।

शीतलहर की फिर दी चेतावनी

मौसम विभाग ने फिर कहा है कि कुछ दिनों के लिए शीतलहर चल सकती है। भारी बर्फवारी के बाद श्रीनगर में पारा माइनस 7.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यही वजह है कि यहां डल झील एकदम जम गई है। दिल्ली के पालम इलाके में सुबह 6.2 डिग्री और सफदरजंग में दो डिग्री तापमान दर्ज किया गया।जनवरी के बाद यह पहली बार है कि पारा इतनी नीचे गिरा हो। मौसम विभाग की माने तो अगले दो-तीन दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहने वाला है।

शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

जाने इज्तेमा में क्या बताया गया

कैसे करेंगे मोआशरे की इस्लाह


वाराणसी(दिल इंडिया)। दावते इस्लामी की ओर से मसिजद अली रज़ा में एक नूरानी इज्तेमा का आयोजन जुमे की रात किया गया। इस इज्तेमा में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इस्लामी भाईयों ने भी न सिर्फ शिरकत की बाल्कि उन्होंने सीखा कि किस तरह से वो अपना और अपने मोआशरे की इस्लाह कर सकते हैं। कैसे इस्लाम के दायरे में रहते हुए हम दुनियावी काम के साथ ही पांच वक्त की नमाज़ की पाबंदी करें और किस तरह लोगों को नमाज़ और दीगर इबारतों की दावत दें। इस दौरान डा. साजिद ने कहा कि अपनी जिन्दगी को अगर सवारना चाहते हो तो इस्लाम के सीधे सच्चे रास्ते पर लौट आओ। यह आयोजन नबी पर सलाम और मुल्क में अमन व मिल्लत की दुआये मांगी मई।

भारत विकास परिषद काशी प्रांत जाने क्या करने जा रहा

वाराणसी शाखा में मनेगा बालिका सप्ताह

वाराणसी (दिल इंडिया)। भारत विकास परिषद काशी प्रांत की “वाराणसी शाखा”  द्वारा महिला एवं बाल विकास के लिए नव वर्ष 2021 में नई पहल की गई, 16 जनवरी से 21 जनवरी  तक राष्ट्रीय बालिका सप्ताह मनाया जाएगा। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बालिकाओं के विकास एवं स्वास्थ्य के लिए ( एनीमिया मुक्ति के लिए) कार्य करना एवं लोगों को प्रेरित करना है। शाखा की महिला संयोजिका मृदु मेहरोत्रा ने बताया कि 17  जनवरी से 21 जनवरी तक के कार्यक्रम चलेगा। इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस क्रम में प्रथम दिन 17 जनवरी को 10 से 18 वर्ष की बालिकाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाया जायेगा। द्वितीय दिन 18 जनवरी को, लोहे की कढ़ाई तथा गुड़ चना एवं उपयोगी स्टेशनरी का वितरण किया जायेगा। तृतीय दिन 19 जनवरी को, बच्चियों से नृत्य नाटिका, प्रहसन व व्याख्यान होगा। जिसका विषय रहेगा, संस्कारित बेटियां महकता घर आँगन, राष्ट्र के उत्थान में बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ, शिक्षित  कन्या है वरदान। 20 जनवरी को ऊनी वस्त्रों का वितरण किया जायेगा। तो पांचवें दिन 21 जनवरी को शाखा के सप्ताह समापन दिवस को संस्कार शाला के रूप में मनाया जाएगा।

            

National Girl Child Week

भारत विकास परिषद का 24 को राष्ट्रीय बालिका दिवस

वाराणसी (दिल इंडिया)। भारत विकास परिषद् की महिला एवं बाल विकास प्रकल्प की ओर से राष्ट्रीय बालिका सप्ताह का आयोजन (National Girl Child Week) 16 से 21 तारीख तक किया गया है। साथ ही 24 जनवरी को महिला एवं बाल विकास प्रकल्प का एक राष्ट्रीय आभासीय आयोजन बेटी है तो सृष्टि है, मनाया जायेगा। परिषद की डा. शिप्रा धर ने बताया कि 
राष्ट्रीय बालिका सप्ताह (National Girl Child Week) में प्रत्येक दिन सभी शाखाओं में कुछ न कुछ कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम का आगाज सभी शहरों में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस या प्रेस रिलीज के माध्यम से होगा।
17 को हमारे आसपास की स्लम में रहने वाली जितनी बच्चियां है या अगर किसी शाखा ने कोई गांव या बच्चों को गोद लिया है तो उस स्थान पर जाकर बच्चियों का हीमोग्लोबिन टेस्ट हो जाए ताकि हमारा पहला संकल्प एनीमिया मुक्त भारत पूरा हो सके।बच्चियों की उम्र 10 वर्ष से 18 वर्ष तक होनी चाहिए इस दौरान18/1/2021 को बच्चियों द्वारा एक स्किट या नृत्य नाटिका या भाषण का आयोजन किया जायेगा। इसका विषय है...

1- संस्कारित बेटियां महकता घर आंगन

2- राष्ट्र के उत्थान में बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ

3- शिक्षित कन्या है वरदान

 डा शिप्रा ने बताया कि ये कार्यक्रम हमारे आसपास की जो बस्तियां हैं उनकी बच्चियां या फिर जिन शाखाओं ने बच्चियों या फिर किसी गांव को गोद लिया है उनकी बच्चियों के बीच ही कराया जायेगा, ताकि उनके मन में भी समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना जागृत हो सके। 19/1/2021 को बच्चियों को स्टेशनरी  सामग्री, लोहे की कढ़ाई और गुड़ चना, का वितरण होगा। बच्चियों और उनके परिजन को थोड़ा एनीमिया और कुपोषण के बारे में बताया जाएगा। 20/1/2021 को ऊनी वस्त्रों का वितरण किया जायेगा।21/1/2021 को एक संस्कारशाला का आयोजन हैं जिसमें बच्चियों को  good touch bad touch, menstrual hygiene health, बच्चियां अपने परिवार को कैसे संगठित और सुव्यवस्थित रख सकती हैं। इस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

डा शिप्रा ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि हमारे उपरोक्त सभी कार्यक्रम में बच्चियों के साथ-साथ उनके परिजन भी आएं ताकि उन्हें भी यह समझ में आए कि भारत विकास परिषद् एक ऐसी संस्था है जो एक स्वस्थ, समर्थ और संस्कारित भारत का निर्माण करने का निरंतर प्रयास कर रही हैं और अपने इन प्रयासों द्वारा हम कुछ एक परिवारों में ,हो सकता है कि दूरगामी कुछ सुधार ला सकें। इस बहाने इतने और  परिवारों से हमारा संपर्क बढ़ेगा। हो सकता है हमारे इन छोटे-छोटे प्रयासों से देश में एक क्रांतिकारी परिवर्तन भी आ सके। सभी कार्यक्रमों का कोलाज बनाकर उसे 24 तारीख के कार्यक्रम में दिखाया जाएगा । जो कार्यक्रम परिषद् के अलावा किए गए बच्चों द्वारा होंगे इसे वरीयता दी जाएगी। प्रत्येक शाखा कम से कम दो बच्चियों को गोद लेगी। जिस भी बच्ची को गोद लिया जाएगा उसे तब तक सहायता देनी है जब तक कि वह स्वयं आत्मनिर्भर ना हो जाए।

गुरुवार, 14 जनवरी 2021

श्रद्धालुओं ने लगायी पुण्य की डुबकी



मकर संक्रांति के साथ माघ मेले का आगाज

प्रयागराज (दिल इंडिया)। मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला आस्था का मेला माघ मेला कोरोना महामारी के बीच गुरुवार को संगम के निकट शुरू हो गया। संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था भारी पड़ रही है। इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पुण्य की डुबकी लगाती नजर आयी।
माघ मेला के पहले स्नान पर्व यानी मकर संक्रांति पर संगम सहित गंगा तथा यमुना के सभी स्नान घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह के समय संगम व आसपास के घाटों पर श्रद्धालु कम नजर आए। लेकिन सुबह सात बजे के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती गई। संगम के अलावा गंगा के अक्षयवट, काली घाट, दारागंज, फाफामऊ घाट पर भी स्नान चलता रहा। सूर्य सुबह 8.30 बजे उत्तरायण हुआ और मकर राशि में प्रवेश कर गया। 

माघ मेले के दौरान होंगे 6 स्नान

माघ मेले के दौरान छह प्रमुख स्नान होंगे। इसकी शुरूआत मकर संक्रांति से आज हो गई है। इस दौरान श्रद्धालु कोरोना महामारी से बेफिक्र नजर आ रहे थे। हाड़मास कपा देने वाली सर्दी के बावजूद पहले स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। मेला क्षेत्र में साधु संतों के पंडाल में भजन पूजन का दौर भी शुरू हो गया है। वैसे माघ मेला 27 जनवरी के आसपास रंग में आएगा। 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा है और इस दिन से एक महीने का कल्पवास शुरू हो जाता है।
प्रशासन का अनुमान है कि इस बार साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। मेला क्षेत्र में कोरोना की गाइडलाइन को पूरा कराने के लिए सभी तैयारियां की गई है। सभी तीर्थ पुरोहितों से आने वाले कल्पवासियों का ब्योरा लेकर इसे वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

माघ मेला में कोविड-19 गाइडलाइन के चलते इनकी संख्या पिछले स्नान पर्व से कम है पर, आस्था में कहीं कोई कमी नहीं दिखी। उधर, इसी तरह कानपुर, वाराणसी, फरुर्खाबाद और गढ़मुक्तेश्वर में भी श्रद्धालु सुबह से ही पुण्य की डुबकी लगाने स्नान घाटों पर पहुंचने लगे।

मेले भर रहेगा व्यापक इंतेज़ाम

मेले में हर साल की तरह इस बार 5 पांटून ब्रिज, 70 किमी चेकर्ड प्लेटें बिछाई गई है। कोरोना को देखते हुए 16 पॉइंट्स बनाये गए है। हर जगह पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात है। मेले में बिजली, पानी और स्वच्छता के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, मेले में हर तरह से तैयारी पूरी है। सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम हैं। कोविड संक्रमण को देखते हुए तैयारी और बेहतर की गई है। सभी को गाइडलाइन जारी की गई है।
नहीं होगा मंगालिक कार्य
14 जनवरी के बाद मलमास के कारण रूके हुए मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस बार गुरु शुक्र अस्त के चलते विवाह आदि मांगलिक कार्य अप्रैल से होंगे। 

बुधवार, 13 जनवरी 2021

पर्व मनाने से पहले जाने ये बड़ी बाते

क्या है मकर संक्रांति 

गीता में लिखे मकर संक्रांति के तीन रहस्य भी जाने

गाजीपुर (हिमांशु राय/दिल इंडिया)। संक्रांति में मकर सक्रांति का महत्व ही अधिक माना गया है। माघ माह में कृष्ण पंचमी को मकर सक्रांति देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग सांस्कृतिक रूपों में मनाई जाती है। आइए यहां हम जानते हैं कि मकर संक्रांति में क्या क्या है महत्वपूर्ण और क्या है इसके रोचक तथ्‍य।

मकर संक्रांति का अर्थ : मकर संक्रांति में 'मकर' शब्द मकर राशि को इंगित करता है जबकि 'संक्रांति' का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते हैं। चूंकि सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस समय को 'मकर संक्रांति' कहा जाता है।

वर्ष में होती है 12 संक्रांतियां : 

पृथ्वी साढ़े 23 डिग्री अक्ष पर झुकी हुई सूर्य की परिक्रमा करती है तब वर्ष में 4 स्थितियां ऐसी होती हैं, जब सूर्य की सीधी किरणें 21 मार्च और 23 सितंबर को विषुवत रेखा, 21 जून को कर्क रेखा और 22 दिसंबर को मकर रेखा पर पड़ती है। वास्तव में चन्द्रमा के पथ को 27 नक्षत्रों में बांटा गया है जबकि सूर्य के पथ को 12 राशियों में बांटा गया है। भारतीय ज्योतिष में इन 4 स्थितियों को 12 संक्रांतियों में बांटा गया है। इसमें से 4 संक्रांतियां महत्वपूर्ण होती हैं- मेष, तुला, कर्क और मकर संक्रांति।

इस दिन से सूर्य होता है उत्तरायन : 

चन्द्र के आधार पर माह के 2 भाग हैं- कृष्ण और शुक्ल पक्ष। इसी तरह सूर्य के आधार पर वर्ष के 2 भाग हैं- उत्तरायन और दक्षिणायन। इस दिन से सूर्य उत्तरायन हो जाता है। उत्तरायन अर्थात इस समय से धरती का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है, तो उत्तर ही से सूर्य निकलने लगता है। इसे सोम्यायन भी कहते हैं। 6 माह सूर्य उत्तरायन रहता है और 6 माह दक्षिणायन। मकर संक्रांति से लेकर कर्क संक्रांति के बीच के 6 मास के समयांतराल को उत्तरायन कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने भी उत्तरायन का महत्व बताते हुए गीता में कहा है कि उत्तरायन के 6 मास के शुभ काल में जब सूर्यदेव उत्तरायन होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है, तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त होते हैं। यही कारण था कि भीष्म पितामह ने शरीर तब तक नहीं त्यागा था, जब तक कि सूर्य उत्तरायन नहीं हो गया।

फसलें लहलहाने लगती हैं  

इस दिन से वसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है और यह पर्व संपूर्ण अखंड भारत में फसलों के आगमन की खुशी के रूप में मनाया जाता है। खरीफ की फसलें कट चुकी होती हैं और खेतों में रबी की फसलें लहलहा रही होती हैं। खेत में सरसों के फूल मनमोहक लगते हैं।

संपूर्ण भारत का पर्व

 मकर संक्रांति के इस पर्व को भारत के अलग-अलग राज्यों में वहां के स्थानीय तरीकों से मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे लोहड़ी, खिचड़ी पर्व, पतंगोत्सव आदि कहा जाता है। मध्यभारत में इसे संक्रांति कहा जाता है। पूर्वोत्तर भारत में बिहू नाम से इस पर्व को मनाया जाता है।

तिल-गुड़ के लड्डू और पकवान

सर्दी के मौसम में वातावरण का तापमान बहुत कम होने के कारण शरीर में रोग और बीमारियां जल्दी लगती हैं इसलिए इस दिन गुड़ और तिल से बने मिष्ठान्न या पकवान बनाए, खाए और बांटे जाते हैं। इनमें गर्मी पैदा करने वाले तत्वों के साथ ही शरीर के लिए लाभदायक पोषक पदार्थ भी होते हैं। उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक का प्रसाद बांटा जाता है।

स्नान, दान, पुण्य और पूजा

 माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी त्यागकर उनके घर गए थे इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से पुण्य हजार गुना हो जाता है। इस दिन गंगासागर में मेला भी लगता है। इसी दिन मलमास भी समाप्त होने तथा शुभ माह प्रारंभ होने के कारण लोग दान-पुण्य से अच्छी शुरुआत करते हैं। इस दिन को सुख और समृद्धि का माना जाता है।

पतंग महोत्सव का पर्व

यह पर्व 'पतंग महोत्सव' के नाम से भी जाना जाता है। पतंग उड़ाने के पीछे मुख्य कारण है कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना। यह समय सर्दी का होता है और इस मौसम में सुबह का सूर्य प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा व हड्डियों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। अत: उत्सव के साथ ही सेहत का भी लाभ मिलता है।

ऐतिहासिक तथ्‍य

 हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति से देवताओं का दिन आरंभ होता है, जो आषाढ़ मास तक रहता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का ही चयन किया था। मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं। महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था इसलिए मकर संक्रांति पर गंगासागर में मेला लगता है। इसी दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर एक महीने के लिए जाते हैं, क्योंकि मकर राशि का स्वामी शनि है। इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत करके युद्ध समाप्ति की घोषणा की थी। उन्होंने सभी असुरों के सिरों को मंदार पर्वत में दबा दिया था। इसलिए यह दिन बुराइयों और नकारात्मकता को खत्म करने का दिन भी माना जाता है।

वार युक्त संक्रांति

 ये बारह संक्रान्तियां सात प्रकार की, सात नामों वाली हैं, जो किसी सप्ताह के दिन या किसी विशिष्ट नक्षत्र के सम्मिलन के आधार पर उल्लिखित हैं; वे ये हैं- मन्दा, मन्दाकिनी, ध्वांक्षी, घोरा, महोदरी, राक्षसी एवं मिश्रिता। घोरा रविवार, मेष या कर्क या मकर संक्रान्ति को, ध्वांक्षी सोमवार को, महोदरी मंगल को, मन्दाकिनी बुध को, मन्दा बृहस्पति को, मिश्रिता शुक्र को एवं राक्षसी शनि को होती है। कोई संक्रान्ति यथा मेष या कर्क आदि क्रम से मन्दा, मन्दाकिनी, ध्वांक्षी, घोरा, महोदरी, राक्षसी, मिश्रित कही जाती है, यदि वह क्रम से ध्रुव, मृदु, क्षिप्र, उग्र, चर, क्रूर या मिश्रित नक्षत्र से युक्त हों।

नक्षत्र युक्त संक्रांति 27 या 28 नक्षत्र को सात भागों में विभाजित हैं- ध्रुव (या स्थिर)- उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपदा, रोहिणी, मृदु- अनुराधा, चित्रा, रेवती, मृगशीर्ष, क्षिप्र (या लघु)- हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजित, उग्र- पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपदा, भरणी, मघा, चर- पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा, स्वाति, शतभिषक क्रूर (या तीक्ष्ण)- मूल, ज्येष्ठा, आर्द्रा, आश्लेषा, मिश्रित (या मृदुतीक्ष्ण या साधारण)- कृत्तिका, विशाखा। उक्त वार या नक्षत्रों से पता चलता है कि इस बार की संक्रांति कैसी रहेगी।

देवताओं का दिन प्रारंभ

 हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति से देवताओं का दिन आरंभ होता है, जो आषाढ़ मास तक रहता है। कर्क संक्रांति से देवताओं की रात प्रारंभ होती है। अर्थात देवताओं के एक दिन और रात को मिलाकर मनुष्‍य का एक वर्ष होता है। मनुष्यों का एक माह पितरों का एक दिन होता है। उनका दिन शुक्ल पक्ष और रात कृष्ण पक्ष होती है।

सौर वर्ष का दिन प्रारंभ

इसी दिन से सौर वर्ष के दिन की शुरुआत मानी जाती है। हालांकि सौर नववर्ष सूर्य के मेष राशि में जाने से प्रारंभ होता है। सूर्य जब एक राशि ने निकल कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तब दूसरा माह प्रारंभ होता है। 12 राशियां सौर मास के 12 माह है। दरअसल, हिन्दू धर्म में कैलेंडर सूर्य, चंद्र और नक्षत्र पर आधारित है। सूर्य पर आधारित को सौरवर्ष, चंद्र पर आधारित को चंद्रवर्ष और नक्षत्र पर आधारिक को नक्षत्र वर्ष कहते हैं। जिस तरह चंद्रवर्ष के माह के दो भाग होते हैं- शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष, उसी तरह सौर्यवर्ष के दो भाग होते हैं- उत्तरायण और दक्षिणायन। सौरवर्ष का पहला माह मेष होता है जबकि चंद्रवर्ष का महला माह चैत्र होता है। नक्षत्र वर्ष का पहला माह चित्रा होता है।

गीता में लिखे हैं मकर संक्रांति के 3 रहस्य

सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करने को संक्रांति कहते हैं। वर्ष में 12 संक्रांतियां होती है जिसमें से 4 संक्रांति मेष, तुला, कर्क और मकर संक्रांति ही प्रमुख मानी गई हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है इसीलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं। गीता में इसका क्या महत्व है जानिए 3 रहस्य। उत्तरायण में शरीर त्यागने से नहीं होता है पुनर्जन्म* : मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तरायन का महत्व बताते हुए गीता में कहा है कि उत्तरायन के 6 मास के शुभ काल में, जब सूर्य देव उत्तरायन होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है, तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त हैं। इसके विपरीत सूर्य के दक्षिणायण होने पर पृथ्वी अंधकारमय होती है और इस अंधकार में शरीर त्याग करने पर पुनः जन्म लेना पड़ता है। यही कारण था कि भीष्म पितामह ने शरीर तब तक नहीं त्यागा था, जब तक कि सूर्य उत्तरायन नहीं हो गया। माना जाता है कि उत्तरायण में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति को सद्गति मिलती है।

देवताओं का दिन प्रारंभ

हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति से देवताओं का दिन आरंभ होता है, जो आषाढ़ मास तक रहता है। कर्क संक्रांति से देवताओं की रात प्रारंभ होती है। अर्थात देवताओं के एक दिन और रात को मिलाकर मनुष्‍य का एक वर्ष होता है। मनुष्यों का एक माह पितरों का एक दिन होता है। उनका दिन शुक्ल पक्ष और रात कृष्ण पक्ष होती है।


दो मार्ग का वर्णन

जगत में दो मार्ग है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। देवयान और पितृयान। देवयान में ज्योतिर्मय अग्नि-अभिमानी देवता हैं, दिन का अभिमानी देवता है, शुक्ल पक्ष का अभिमानी देवता है और उत्तरायण के छः महीनों का अभिमानी देवता है, उस मार्ग में मरकर गए हुए ब्रह्मवेत्ता योगीजन उपयुक्त देवताओं द्वारा क्रम से ले जाए जाकर ब्रह्म को प्राप्त होते हैं। पितृयान में धूमाभिमानी देवता है, रात्रि अभिमानी देवता है तथा कृष्ण पक्ष का अभिमानी देवता है और दक्षिणायन के छः महीनों का अभिमानी देवता है, उस मार्ग में मरकर गया हुआ सकाम कर्म करने वाला योगी उपयुक्त देवताओं द्वारा क्रम से ले गया हुआ चंद्रमा की ज्योत को प्राप्त होकर स्वर्ग में अपने शुभ कर्मों का फल भोगकर वापस आता है।...लेकिन जिनके शुभकर्म नहीं हैं वे उक्त दोनों मार्गों में गमन नहीं करके अधोयोनि में गिर जाते हैं।

शराब बिक्री के खिलाफ बेटियों और महिलाओं ने उठाई आवाज

नुक्कड़ नाटक से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का दिया संदेश

वाराणसी(दिल इडिया)। आशा ट्रस्ट, लोक समिति व प्रेरणा कला मंच वाराणसी द्वारा बालिकाओं की शिक्षा सुरक्षा के लिये आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम में प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने बुधवार को रोहनियाँ क्षेत्र के चंदापुर,असवारी पयागपुर और हरपुर गाँव में बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा व महिला हिंसा, लैंगिक भेदभाव पर नुक्कड़ नाटक किया। महिला हिंसा और लड़कियों की शिक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक 'बढ़िये और बढाइये व कमला का कमाल' के मंचन में कलाकारों ने जीवंत अभिनय कर दर्शकों के दिलों को भी झकझोर कर रख दिया। कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व बेटी बचाओ का संदेश दिया। कलाकारों ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रति जागरूक किया। इस दौरान गाँव की महिलाओं ने कहा कि महिलाओं की भारतीय समाज में आदिकाल से पूजा होती रही है, लेकिन पुरुष प्रधान सोच होने के कारण महिला को वो सम्मान नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि बेटी ही पढ़-लिखकर दो कुल का नाम रोशन करती हैं और वंश को बढ़ाती है। बेटी के महत्व को तभी समझा जा सकता है, जब एक सास, बहू के साथ मां बनकर खड़ी हो। कहा कि हम नवरात्र में कन्याओं का पूजन करते हैं, इसके बावजूद कन्या भ्रूण हत्या को अंजाम देते हैं। इस सोच को बदलना होगा। बेटियों के मान-सम्मान, स्वास्स्थ्य व सुरक्षा पर बेटों के समान अवसर प्रदान करना चाहिए। 

इस अवसर पर लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा नाटक का उद्देश्य समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों से लोगों को अवगत कराना व उन्हें समझाना कि बेटी किसी पर बोझ नहीं हैं। वह भी सामाजिक जीवन का आधार है और बेटियों को भी शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए। ताकि वह एक सम्मानपूर्ण जीवन व्यतीत कर सके।। पॉक्सो जैसे मजबूत कानून के रहते हुए भी आज औरतो, लड़कियां, बच्चियों की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी के प्रति सत्ता और प्रशासन की भूमिका में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। कार्यक्रम में शामिल गाँव की सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों ने प्रधानमंत्री से महिला हिंसा रोकने, प्रदेश में शराबबन्दी तथा लैंगिक भेदभाव को रोकने की अपील किया।

कार्यक्रम में मुख्यरूप से नन्दलाल मास्टर, मैनब बानो, सीमा, शकुंतला, सुनील, राजेश गौंड़, पंचमुखी, अजीत कुमार, रंजीत, संदीप,अजय पाल, गोविंदा, सशांक द्विवेदी, विजय प्रकाश, प्रमोद पटेल, शिवकुमार, सोनू, अमित, रामबचन, सोनी, अनीता,  आशा, सरोज, मुकेश झंझरवाल आदि लोग शामिल थे





लोहड़ी क्या है, जाने लोहड़ी की कहानी



दुल्ला भट्टी वाला हो...गीत पर झूमेगा सारा जहां

नगाड़े की थाप पर होगा, गिददा व भांगड़ा

वाराणसी (दिल इंडिया)। पंजाब समेत देश दुनिया को रोमांचित कर देने वाला पर्व लोहड़ी, आज रात 13 जनवरी को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। सिखो और पंजाबियों का यह पर्व दुनिया भर में रहने वाले भारतवंशी धूमधाम के साथ मनाते हैं। यह पर्व गली मुहल्लों से लेकर पंचसितारा होटलों तक में पंजाबी लिवास पहनकर सेलीब्रेट किया जाता है। यही वजह भी है कि लोहड़ी पंजाब में मनाई जाये या देश दुनिया के किसी भी हिस्से में, मगर पूरा नज़ारा पंजाब का ही देखने को मिलता है। लेकिन बहुत सारे लोग हैं जो नहीं जानते हैं कि लोहड़ी क्यों मनाई जाती है। दिल इंडिया आपको यहाँ बताने जा रहा है लोहड़ी की पूरी कहानी, एक रिर्पोट...।

क्या है लोहड़ी

लोहड़ी की कहानी उस दिलदार डाकू दुल्ला से शुरु होती है, जो  दूसरों की मदद करता था। एक बार दुल्ला के कुछ डाकू साथी अमीरों को लूटा और विवाहिता को भी लूट लिया। उन्होंने नव-विवाहिता को उठाकर दुल्ला के सामने पेश भी किया। जिससे दुल्ला डाकू काफी नाराज हुआ और उसे उसके पिता को लौटाने को कहा। लेकिन, लड़की के पिता ने उसे स्वीकार ही नहीं किया। फिर ससुराल वालों को देने गए तो वे भी उसे अपनाने से इतराने लगे। ऐसे में डाकू ने उसी दिन से विवाहिता को अपनी बेटी के रूप में अपना लिया और उसकी शादी धूमधाम से की। उसी दिन नई फसल हुई थी जिसका सभी ने उत्सव मनाया। उसी दिन से लोहड़ी मनाने की परंपरा शुरू हो गयी। एक अन्य मान्यता है कि दुल्ला दुष्ट अमीरों से धन लूट कर गरीब लड़कियों की शादी कराता था, जिससे गरीब गिददा और भांगड़े की खुशी में डूब जाते थे। यही वजह है जिसकी आज नई शादी होती है या जिसके घर बच्चा होता है लोहड़ी उसी की होती है।  

लोहड़ी के ये हैं पारंपरिक गीत

लोहड़ी के अपने पारंपरिक गीत भी हैं, जो आज तक गाया जाता है। जिसके बोल है, सुंदरिए मुंदरिए तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो.....

लोहड़ी पर गुरुद्वारो में सजता है दीवान

लोहड़ी पर गुरुद्वारों में विशेष तौर पर दीवान सजाया जाता है। ऐतिहासिक गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग, वाराणसी के प्रबंधक सरदार महेन्द्रर सिंह ने कहते हैं कि लोहड़ी पर गुरुद्वारो में भी दीवान सजाया जाता है। वाराणसी में इस बार गुरुद्वारा नीचीबाग में लोहड़ी पर धमाल होगा। रात में सिख समाज के लोग अलाव जलाकर इसके चारों ओर भांगड़ा और गिद्दा नृत्य करेंगे। खास बात यह है कि लोग सामुहिक तौर पर गीत गाकर डांस तो करते ही साथ ही साथ आग में रेवड़ी, मूंगफली, मखाना जैसे भोग भी डालते हैं और खुब खुशियां मनाते हैं।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...