मंगलवार, 3 जून 2025

Varanasi main मौसम विभाग ने जारी किया आरेंज एलर्ट

50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती हवाएं 

UP का सबसे गर्म शहर बांदा और बनारस

Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). मौसम विभाग ने आज (मंगलवार) के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में आम नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि हवाएं 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं। साथ ही आकाशीय बिजली, गर्जन और बारिश की भी संभावना जताई जा रही है। इसलिए जरूरी न हो तो घरों में रहें सेफ रहें।

बीएचयू के मौसम विशेषज्ञ प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जब तक मानसून नहीं आता, तब तक गर्मी और तीखी हो सकती है। तापमान में 2 से 3 डिग्री की और वृद्धि हो सकती है। प्रदेश भर में धूल भरी आंधी, लू के थपेड़े और रात में भी गर्मी बढ़ने के प्रबल आसार हैं। 

दरअसल वाराणसी में गर्मी का कहर लगातार जारी है। सोमवार को एक बार फिर बनारस उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे गर्म शहर रहा। बांदा में जहां तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, वहीं बनारस का अधिकतम तापमान 0.9 डिग्री की बढ़त के साथ 42.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

दिन की चिलचिलाती धूप के साथ रात भी तपिश भरी रही। न्यूनतम तापमान भी 2.7 डिग्री की बढ़त के साथ 29.9 डिग्री तक जा पहुंचा। दोपहर में गर्म और धूल भरी हवाएं 32 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं, जिससे लोग बेहाल हो उठे। हालांकि उमस में थोड़ी राहत जरूर महसूस की गई, लेकिन तेज धूप ने लोगों को झुलसा दिया। 


क्या कह रहे हैं चिकित्सक 


तल्ख मौसम और हिट वेव को देखते हुए चिकित्सकों का स्पष्ट कहना है कि स्कूल बंद है, गर्मी की छुट्टियां चल रही है। ऐसे में रिस्क न लें तो बेहतर होगा। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले। वरिष्ठ चिकित्सक डा. आरवी दुबे ने प्रमुख पोर्टल dil India से कहा कि सुबह 10.30 से शाम 4 बजे तक बहुत जरूरी न हो तो घर में ही रहें। भर पेट पानी का सेवन‌ करें, बाहर से आएं तो नींबू पानी, नमक चीनी का शर्बत या मेडिकल से खरीदा ओआरएस का प्रयोग करें। आंखों में जलन महसूस हो तो ठंडे पानी से आंखें और चेहरे को धोएं। कोई भी मेडिसिन बिना चिकित्सकों के परामर्श के न लें।

सोमवार, 2 जून 2025

Kashi Patrakar Sangh के अरुण मिश्र अध्यक्ष, जितेन्द्र श्रीवास्तव महामंत्री निर्वाचित

प्रेस क्लब चुनाव में चंदन रुपानी का अध्यक्ष पद पर कब्जा, मंत्री बने विनय शंकर सिंह


Varanasi (dil India live). काशी पत्रकार संघ व काशी प्रेस क्लब के लिए हुए चुनाव की पराड़कर स्मृति भवन के गर्दे सभागार में सोमवार को मतगणना हुई। मतगणना के उपरांत निर्वाचन अधिकारी कृष्णदेव नारायण राय ने परिणामों की घोषणा की। इसमें अध्यक्ष पद पर अरुण मिश्र (101) ने अत्रि भारद्वाज (81) को 20 मतों से पराजित किया। इस पद के अन्य प्रत्याशियों में बी. बी. यादव को 52 व सुरेश चन्द्र मिश्र को 25 मत मिले। उपाध्यक्ष के तीन पदों पर सुरेन्द्र नारायण तिवारी (119), सुनील शुक्ला (117) व पुरुषोत्तम चतुर्वेदी (112) विजयी घोेषित किये गये। इस पद के दो अन्य प्रत्याशियों में दिनेश कुमार सिंह को 103 व राजेश यादव को 76 मत मिले। 


महामंत्री पद पर जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (121) ने अखिलेश मिश्र (93) को 28 मतों से हराया। इस पद के एक अन्य प्रत्याशी रामात्मा श्रीवास्तव को 38 मत मिले। मंत्री के दो पदों पर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव (93) व आलोक मालवीय (87) विजयी घोषित किये गये। इस पद के अन्य प्रत्याशियों में मोहम्मद अशफाक सिद्दीकी को 78, आलोक कुमार श्रीवास्तव को 71, रवीन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को 43 व दिलीप कुमार को 32 मत मिले। कोषाध्यक्ष पद पर जयप्रकाश श्रीवास्तव (135) ने पंकज त्रिपाठी (117) को 18 मतों से हराया। 


कार्यसमिति सदस्य 

कार्यसमिति के दस पदों के लिए कैलाश यादव (180), विनय कुमार सिंह (170), उमेश गुप्ता (148), सुरेश गांधी (133), विजय शंकर गुप्ता ‘बच्चा’ (130) छवि किशोर मिश्र (125), राकेश सिंह (123) एमडी जावेद (107), अरुण कुमार सिंह (99) व आनन्द कुमार मौर्य (99) विजेता घोषित किये गये। इस पद के एक अन्य प्रत्याशी राजेश राय को 94 मत मिले। संघ के कुल 286 सदस्यों में से 258 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया। 

काशी प्रेस क्लब: चंदन रूपानी अध्यक्ष 

वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष पद पर चन्दन रूपानी (140) ने सुशील कुमार मिश्र (76) को 64 मतों से हराया। उपाध्यक्ष पद पर देवकुमार केशरी (144) ने राजू सिंह ‘दुआ’ (71) को 73 मतों से परास्त किया। मंत्री पद पर विनय शंकर सिंह (158) ने मुन्ना लाल साहनी (53) को 105 मतों से हराया। संयुक्त मंत्री पद पर अभिषेक सिंह (113) ने अमित शर्मा (49) को 64 मतों से परास्त किया। इस पद के एक अन्य प्रत्याशी हरिबाबू श्रीवास्तव को 45 मत मिले। प्रबन्ध समिति के पांच पदों पर अरविन्द कुमार, दिनेश सिंह, मनोज कुमार राय, रौशन जायसवाल व संजय गुप्त निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये। क्लब के कुल 235 सदस्यों में से 220 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया।

VKM Varanasi news: work Shop में समस्याओं को कम समय में सुलझाने की युक्तियाँ और तकनीकें की गई साझा

संस्थान की प्रगति में नॉन-टीचिंग स्टाफ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण- प्रो. रचना श्रीवास्तव

Varanasi (dil India live). VKM (वसंत कन्या महाविद्यालय) में आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) की ओर से गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए ‘सिर्फ 30 मिनट में करें अपनी सबसे बड़ी चुनौती का समाधान, व्यावहारिक उपकरणों के साथ’ (“Solve Your Biggest Challenge in Just 30 Minutes with Practical Tools”) विषयक एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य कार्यस्थल पर आने वाली व्यावहारिक समस्याओं को कम समय में सुलझाने की युक्तियाँ और तकनीकें साझा करना था। कार्यक्रम का प्रारम्भ VKM की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि संस्थान की प्रगति में नॉन-टीचिंग स्टाफ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस प्रकार के वर्कशॉप को कर्मचारियों के व्यावसायिक विकास के लिए आवश्यक बताया। 


वर्कशॉप का संचालन यंग स्किल्ड इंडिया के संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जी.ए.एन. इंडिया के अध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने गैर शैक्षणिक कर्मचरियों को कार्यस्थल पर सरल लेकिन प्रभावशाली उपकरणों और रणनीतियों के प्रयोग से अधिक उत्पादकता प्राप्त करने की विधियों से परिचित कराया, जिनकी मदद से वे जटिल तकनीकी चुनौतियों को मात्र 30 मिनट में हल कर सकते हैं।


सत्र के अंत में कर्मचारियों को समूहों में बाँटकर रियल-टाइम समस्या समाधान गतिविधियाँ करवाई गईं, जिससे उन्हें सीखने के साथ-साथ समस्याओं को मिलकर हल करने का अनुभव भी मिला। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक बताया।

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें आयोजकों ने प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी के लिए सराहना व्यक्त की। इस अवसर पर IQAC के सदस्य उपस्थित रहे।

घायल ने BHU ट्रामा सेंटर में तोड़ा दम तो Ramnagar में हुआ Road जाम

गोलाघाट के मुकेश पर 10 मई की रात हुआ था हमला

घायल तभी से था ट्रामा सेंटर में भर्ती पुलिस के आश्वासन पर समाप्त हुआ जाम, अपराधियों की बदलेगी धाराएं, दर्ज होगा अब हत्या का मुकदमा 


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). रामनगर थाना क्षेत्र के गोलाघाट निवासी मुकेश चौहान पर 10 मई की रात हमला हुआ था जिसमें उसे गंभीर चोटें आईं थीं। हमला तब हुआ जब वो अपनी मां का दवा लेने निकले थे। परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुरानी रंजिश के चलते नंदलाल यादव ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर मुकेश चौहान को लाठी-डंडे से बुरी तरह मारपीट कर अधमरा कर दिया। तब से उसका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा था लेकिन मुकेश चौहान की आज सोमवार की सुबह इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में मौत हो गई। मौत की जानकारी मिलते ही परिवार में जहां कोहराम मच गया। वहीं, मोहल्ले के लोग आक्रोशित होकर  रामनगर चौराहे को जाम कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर प्रभारी निरीक्षक रामनगर राजू सिंह व एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी ने समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित लोग मानने को तैयार नहीं हुए। बाद में डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल पहुंचे।


सूचना मिलने के बाद पहुंचे डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल ने आक्रोशित लोगों से वार्ता कर न्याय दिलाने का भरपूर आश्वासन दिया। उसके बाद लोग सड़क से किनारे हुए और ट्रैफिक को सामान्य किया जा सका। इस दौरान लोग फंसे रहे। आक्रोशित जनता बार-बार न्याय की मांग करती रही। आक्रोशित लोगों की मांग थी कि घटना में शामिल दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाए। आरोपियों को फांसी हो और उनके मकान पर बुलडोजर चलाया जाए। 

इस पूरे प्रकरण में घायल मुकेश के भाई सूरज चौहान ने 15 मई को रामनगर थाने में केस रजिस्टर्ड करवाया था। पुलिस ने धारा 109, 352, 351 (2) के तहत मुकदमा पंजीकृत कर नन्दलाल उर्फ पप्पू को अरेस्ट कर 18 मई को जेल भेज दिया था। पुलिस ने परिजनों को आश्वस्त किया है कि दर्ज केस में लगाई गई धाराएं हत्या की धाराओं में तब्दील कर दी जायेगी।

Crime News: सिरफिरे आशिक ने माशूका के Papa को भारी गोली

मौके पर ही तोड़ दिया दम, हत्यारा फरार, पुलिस कर रही तलाश 

  • आशिकी से हत्या तक की जानिए पूरी स्टोरी सरफराज अहमद से 


Madhya Pradesh (dil India live). मध्य प्रदेश के मैहर जिले में एक सिरफिरे आशिक ने लड़की के पिता की गोली मार कर हत्या कर दी। गोली लगने से घटनास्थल पर ही जब  उनकी मौत हो गई तो आशिक आराम से फरार हो गया। पूरा मामला रामनगर थाना क्षेत्र के रामचुआ गांव का बताया जा रहा है। देर रात पुलिस ने आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी मगर समाचार लिखे जाने तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। 

जानिए आशिकी और मौत की पूरी कहानी

महेंद्र सिंह की पुत्री रीवा में रहकर पढ़ाई करती थी। इसी दौरान उसके मोबाइल पर अनजान नंबर से मिस्ड कॉल आया। जब उसने कॉल बैक किया तो उसकी बात ध्रुव से हुई। ये छोटी सी बातचीत अब हमेशा होने लगी और अच्छी दोस्ती हो गई। इसके बाद कब दोस्ती प्यार में बदल गई दोनों को पता ही नहीं चला। साल 2023 में दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं, एक-दूसरे से मेल मुलाकात होती रहीं। कभी-कभार आरोपी उसके गांव भी मिलने आता रहा, लेकिन पिता ने इस रिश्ते का विरोध किया, जिसका खामियाजा उसे बीती रात अपनी जान से हाथ धो कर भुगतना पड़ा।


जिस ध्रुव ने महेंद्र सिंह को गोली मारी है वह उनकी बेटी से विवाह करना चाहता था, लेकिन उन्हें यह रिश्ता बिल्कुल पसंद नहीं था। लिहाजा उन्होंने कई बार मना किया, फिर भी वह उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था। बार-बार परेशान करने पर गुस्से में आकर महेंद्र सिंह ने ध्रुव कुमार की पिछले दिनों पिटाई कर दी थी, जिससे वह उनसे रंजिश मानकर मौके की तलाश कर रहा था, ताकि वह उन्हें रास्ते से हटा सके। बीती रात वह अपने बाइक सवार दोस्त के साथ पहुंचा और महेंद्र को लक्ष्य करके सीने में गोली मार दी और मौके पर ही महेंद्र ने जब दम तोड़ दिया तो फरार हो गया। 

तो इनकी रुह को पहुंची होगी तकलीफ़ 

सिरफिरे आशिक के इस कारनामे ने न सिर्फ अपनी मोहब्बत को कलंकित किया बल्कि लैला मजनू, शीरी फरहाद और रोमियो जूलियट जैसे सच्चे आशिकों की रूह को भी तकलीफ़ दी है। जैसा की सभी जानते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। पुलिस आज नहीं तो कल इस कथित आशिक को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे डाल ही देगी।

रविवार, 1 जून 2025

बाहुबली रहे Mukhtar Ansari के बेटे Abbas ansari की विधायकी खत्म

सियासी संकट के दौर से गुज़र रहा मुख्तार का कुनबा 

सजा के बाद छुट्टी में खुला सचिवालय, विधानसभा अध्यक्ष ने अब्बास की सीट की रिक्त, चुनाव आयोग को भेजी जानकारी 

अब उमर अंसारी की सियासत में हो सकती है इंट्री, मऊ सीट पर रहेगी सभी की नज़र 

  • Sarfaraz Ahmad/Mohd Rizwan 

Lucknow (dil India live). बाहुबली विधायक रहे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी सियासी संकट के दौर से गुज़र रहे हैं। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद भी उनके कुनबे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। हेट स्पीच मामले में कोर्ट से अब्बास अंसारी को शनिवार को सजा का ऐलान हुआ था इसके बाद आज रविवार को यूपी के मऊ से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी औपचारिक तौर पर खत्म कर दी गई। इसके लिए रविवार को छुट्टी के दिन लखनऊ में सचिवालय खोला गया। यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना सचिवालय पहुंचे और उन्होंने उनकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। चुनाव आयोग को इसकी सूचना भेज दी गई है। अब इस विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर सबकी नजर है। विकल्प के तौर पर मुख्तार कुनबा ऊपरी अदालत में तो जाएगा ही साथ ही अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी की सियासी इंट्री के भी चांस बढ़ते दिखाई दे रहें हैं। हालांकि इसकी अभी कोई मजबूत पुष्टि नहीं हुई है।


हेट स्पीच में अब्बास को सजा, यह है पूरा मामला 

शनिवार को गत विधानसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण देने और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के मामले मे फैसला सुनाया गया था। उस फैसले में अदालत ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में अब्बास अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई। साथ ही अलग-अलग धाराओं में दर्ज मामले में दोषी पाते हुए कोर्ट ने अब्बास अंसारी पर जुर्माना भी ठोंका है। इससे पहले मऊ जिले के सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसला के लिए 31 मई की तिथि नियत की थी। 

मंसूर अंसारी को भी कोर्ट ने दी सजा

इस मामले में अब्बास अंसारी के साथी अब्बास के चाचा मंसूर अंसारी को भी सजा सुनाई गई है। अब्बास अंसारी के साथ ही मंसूर अंसारी को भी धारा 120 बी भादवि के तहत 6 माह की सजा सुनाई है और एक हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।

पूरा मामला मऊ के शहर कोतवाली क्षेत्र का है। मामले में अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी और अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। आरोप था कि बीते 3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने हेट स्पीच दिया। नगर के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान उन्होंने कहा था कि मऊ चुनाव के बाद हिसाब-किताब होगा। 

Hazrat Lathshahi Baba फिर आएंगे अगले बरस

लाटशाही दरबार से झोली भर कर लौटे जायरीन

लाटशाही बाबा का तीन दिवसीय उर्स अकीदत और एहतराम संग सम्पन्न 
हज़रत लाट शाही बाबा रहमतुल्लाह अलैह के दर पर जुटे जायरीन 

मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live)। सर्किट हाउस स्थित हज़रत सैय्यद मुख्तार अली शाह शहीद उर्फ लाटशाही बाबा (रह.) का तीन दिवसीय उर्स रविवार को फजर की नमाज के साथ सम्पन्न हो गया। उर्स के दौरान बाबा के दर पर अकीदत का सैलाब उमड़ा हुआ था। शनिवार की रात से रविवार की सुबह तक जायरीन बाबा के दर पर अपनी अकीदत लुटाते दिखाई दिए। आलम यह था कि सर्किट हाउस, कचहरी के साथ ही आसपास के इलाके की सड़क पर पांव रखने भर की भी जगह नहीं थी। इससे पूर्व शाम को सूफी जाफर हसनी के उल्फत बीबी के हाता सिथत दौलतखाने से चादर-गागर का जुलूस निकला, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचा। यहां बाबा की मजार पर चादरपोशी कर अकीदतमंदों ने मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआएं मांगी।


 तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, फातेहा व लंगर का दौर चलता रहा। उर्स के मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों संग बंगाल, बिहार, हरिद्वार, दिल्ली, अजमेर सहित पूर्वाचल भर से हजारों अकीदतमंदों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाकर दुआएं व मन्नतें मुराद मांगी। उर्स के दौरान जहां दोनों वर्गों के लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था वहीं उर्स को देखते हुए लगे मेले में सभी ने अस्थाई दुकानों से खरीदारी की। बच्चे झूला वह चरखी का लुत्फ उठाते दिखाई दिए। सुबह बाबा के दर पर अमन, मिल्लत और देश की खुशहाली एवं तरक्की की दुआओं संग उर्स संपन्न हो गया।

दस बजते-बजते आस्ताने के आसपास सन्नाटा पसरा गया कुछ चुनार के नानखताई, बिस्कुट वाले और कप व बर्तन वाले ही बचे थे जो सामान समेटते नज़र आएं। बाबा के दर से तमाम लोग ऐसे भी थे जो सिर्फ साल में एकाध बार ही उर्स के मौके पर आ पातें हैं उन तमाम लोगों ने फिर आने का वादा करके बाबा से विदा लिया। 


दरअसल हज़रत लाटशाही शहीद बाबा (रह.) का असली नाम सैय्यद मुख्तार अली शाह था। सूफी जाफर हसनी की मानें तो बाबा फतेहपुर के रहने वाले थे। हज़रत लाटशाही बाबा सन् 1742 में बनारस आए। आप काशी नरेश के शिवपुर परगना के शहर काजी बने। राजा चेतसिंह ने बाबा के इंसाफ और बहादुरी के चलते अपनी सल्तनत में सिपहसालार बनाया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1782, 1784 व 1786 में राजा चेतसिंह की ओर से जंग लड़ी। जंग में अंग्रेजों ने अपनी हार मानते हुए संधि की। इसके बाद अंग्रेजों की ओर से दूसरा गवर्नर भेजा गया। 1798 में उसने धोखे से जंग छेड़ दी। इस जंग में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए सैय्यद मुख्तार अली शाह लाटशाही बाबा राजा तेज सिंह के कुनबे को बचाते हुए खुद शहीद हो गए। राजा चेतसिंह की ओर से उन्हें लार्ड गवर्नर नियुक्त होने के कारण इनका नाम बाद में लाटशाही बाबा पड़ गया। आज बाबा को मानने वाले देश दुनिया में फैले हुए हैं। उर्स के दौरान बाबा से अकीदत रखने वाले देश के कोने कोने से कचहरी, अर्दली बाजार व पक्की बाजार पहुंचते हैं। उर्स के दौरान इन इलाकों के तक़रीबन सभी घरों में मेहमान होते हैं।