जुमे की नमाज संग बड़े कुल की रस्म पूरी
सम्पन्न हुआ हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813 वां उर्स
@Mohd Rizwan
Ajmer (dil India live). सूफी संत Hazrat Khwaja Moinuddin Hasan chishti (ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती) सरकार ग़रीब नवाज़ के 813 वां उर्स व मेला बड़े कुल की रस्म के साथ शुक्रवार को संपन्न हो गया। इस दौरान जुमे को लाखों जायरीन ने जुमा की खास नमाज अदा की। नमाज के दौरान देश दुनिया में अमन, मिल्लत और तरक्की की दुआएं की गई।
इससे पहले जुमा की नमाज को लेकर अकीदतमंदों में काफी उत्साह नजर आया। नमाज के बाद नमाजियों ने मुल्क में अमन चैन, भाइचारा और कौमी एकता के लिए दुआएं की। उर्स की समाप्ति के साथ ही जायरीन गरीब नवाज के 800 वर्ष पहले दिए गए पैगाम मोहब्बत, इंसानियत और भाइचारे का संदेश लेकर अगले साल उर्स में फिर से आने की ख्वाहिश लेकर लौटने शुरू हो गएं।
शुक्रवार को ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की आखिरी बड़े कुल की रस्म के दौरान दरगाह की दरों दीवारों को गुलाब जल के केवड़े से धोया गया। इसके बाद दरगाह में खुद्दाम ने आपस में एक दूसरे को उर्स की मुबारकबाद देते हुए दस्तारबंदी की, इसके साथ ही उर्स और मेले के समापन का ऐलान किया गया। उर्स की छठी पर दरगाह में हाजिरी देने के लिए आए लाखों जायरीन जुमा के बड़े कुल शरीफ के इंतजार में अजमेर में रुके हुए थे। शुक्रवार को जुमा की नमाज में एक लाख से अधिक जायरीन ने नमाज अदा की। इनमें हजारों जायरीन ने कायड़ विश्राम स्थली में नमाज अदा की। यहां भी जायरीन के नमाज अदा करने के लिए इंतजाम किए गए थे।
जुमा की नमाज अदा करने के लिए नमाजियों में खासा उत्साह नजर आया। 11 बजे से ही नमाजी दरगाह में शाहजहानी मस्जिद में सफ (लाइन) बनाते दिखाई दिए। धीरे-धीरे नमाजियों की संख्या बढ़ती गई और कतारें पूरे दरगाह परिसर से होते हुए दरगाह बाजार, धान मंडी, देहली गेट से पार हो गई। इधर अंदर कोट और नला बाजार में भी कतारें लग गई। इसके अलावा होटल और गेस्ट हाउस की छतों पर भी अकीदतमंदों ने नमाज अदा की। जुमा की नमाज के बाद जो जिस प्रदेश और शहर से आया था वो देर रात तक अपने घरों को, या ख्वाजा फिर बुलाना अगले बरस अजमेर में...की सजाएं बुलंद कर लौटता दिखाई दिया।
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