Varanasi (dil India live)। स्वामी विवेकानंद जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) के अवसर पर शनिवार को डीएवी पीजी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई ई एवं एच के तत्वावधान में एक दिवसीय विशेष शिविर में भाषण प्रतियोगिता एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. सतीश सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारतीय सनातन धर्म के ज्ञान वेदान्त को दुनिया भर में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वें हमेशा यह मानते थे कि भारतीय युवाओं में इतना सामर्थ्य है कि वह भारत को फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर सकते है। उन्हें सिर्फ 100 ऐसे भारतीय युवाओं की आवश्यकता थी जो ज्ञान के साथ साथ आध्यात्मिक भी हो। उन्होंने यह भी कहा कि विवेकानंद मानते थे कि वह ज्ञान किसी काम का नही जो समाज निर्माण में अपनी भूमिका नही निभा सकता है।
मुख्य अतिथि महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व इतना विशाल था कि वे सिर्फ भारतीय युवाओं के ही नही बल्कि विदेशियों के लिए भी आदर्श बन गए थे। हम सब एक है, सबमें ईश्वर का वास है यह अनुभूति उन्हें गुरुकृपा से ही प्राप्त हुई थी।
इसके पूर्व स्वयंसेवकों ने भाषण प्रतियोगिता में स्वामी विवेकानंद के अवदान पर चर्चा की। प्रतियोगिता में बीए प्रथम वर्ष की प्राची तिवारी प्रथम, सक्षम राय एवं आर्यन शुक्ला द्वितीय एवं प्रशांत तिवारी तृतीय स्थान पर रहे। कार्यक्रम का संयोजन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. बंदना बालचंदनानी एवं स्वागत डॉ. कल्पना सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपाचार्य प्रो. संगीता जैन, प्रो. मधु सिसौदिया, डॉ. रामेंद्र सिंह, डॉ. संजीव वीर सिंह प्रियदर्शी आदि सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक शामिल रहे।
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