मंगलवार, 7 जनवरी 2025

Desh Duniya में आज मनाया जा रहा है Khwaja Garib Nawaz का उर्स

ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह को याद कर रही है दुनिया 


मोहम्मद रिजवान 
Varanasi (dil India live). Ajmer के साथ ही ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह सरकार ग़रीब नवाज़ का सालाना उर्स देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। अजमेर में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जायरीन पहुंचे हुए हैं जो उर्स में नहीं आ सके हैं वो जहां हैं वहीं से ख़्वाजा को याद कर रहे हैं। सोमवार की रात अजमेर में अकीदतमंदों ने गुलाब जल व केवड़े से छींटे की रस्म अदा की। इस दौरान पूरा माहौल नूरानी लग रहा था। आज दरगाह अजमेर में छठी का कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इस दौरान शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी चादर पेश की।
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की पेश की गई चादर



दरअसल अजमेर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का 813 वां उर्स आज अपने शबाब पर है। देशभर से आए जायरीन चादर और गुलाब के फूल पेश करने के अलावा इबादत में जुटे हुए हैं। समूची दरगाह सूफियाना कलाम से गूंज रहा है। सोमवार को पांच रजब की रात जायरीन गुलाब जल और केवड़े से कुल के छींटे देंते नज़र आएं। कुल की विधिवत रस्म आज मंगलवार को अदा की जाएगी। बीती 25 जमादिस्सानी यानि 28 दिसम्बर को बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा चढ़ाने के साथ आगाज़ हुआ था। चांद दिखने पर 1 जनवरी से उर्स की विधिवत शुरूआत हुई। उर्स में दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन की सदारत में लगातार महफिल और मजार शरीफ पर गुस्ल देने का सिलसिला तब से जारी है। चौथी महफिल रविवार को हुई थी। पांच रजब यानि सोमवार को मध्यरात्रि से गुलाब जल और केवड़े से अकीदतमंद दरगाह शरीफ में छींटे देंते नज़र आएं। उर्स में पड़ोसी मुल्क से 89 ही जायरीन इस बार आएं हैं। हालांकि इंडिया के साथ पाकिस्तान में भी घर घर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह सरकार ग़रीब नवाज़ की फातेहा हो रही है। 


आज मंगलवार छह रजब को छठी शरीफ की महफिल सुबह 11 बजे महफिल खाने में शुरू हो गई जो समाचार लिखे जाने तक जारी थी। आज ज़ोहर के वक्त से कुरानख्वानी 1 बजे, कुल की महफिल और मजार शरीफ पर फातेहा की रस्म होगी। उर्स की सदियों पुरानी परम्परा अनुसार दागोल की रस्म भी अदा की जाएगी। कलंदर-मलंग महफिल खाने में रस्म के तहत कुछ देर दीवान की गद्दी पर बैठेंगे। बड़े कुल की रस्म 10 जनवरी को होगी। इसमें गुलाबजल, केवड़े से समूची दरगाह की धुलाई की जाएगी। कुल के छींटे और विभिन्न रस्म में भाग लेने के लिए हजारों जायरीन बसों, ट्रकों, कार-जीप और ट्रेनों से अजमेर पहुंचे हैं। कायड़ विश्राम स्थली सहित दरगाह बाजार, नला बाजार, मदार गेट, देहली गेट, गंज, महावीर सर्कल तक जायरीन का सैलाब उमड़ा हुआ है।

उर्स के दौरान 10 जनवरी को जुमे की नमाज होगी। दरगाह की शाहजहांनी, अकबरी, संदली मस्जिद सहित आसपास के इलाकों में जायरीन नमाज अदा करेंगे। और बड़े कुल शरीफ के साथ उर्स अगले साल तक के लिए सम्पन्न हो जाएगा।

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