सैकड़ों साल कदीमी जुलूस में शहर भर की अंजुमनें करेंगी शिरकत
- मोहम्मद रिजवान
Varanasi (dil India live). इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के कर्बला के सफर की याद में बुधवार को सदर इमामबाड़ा लाट सरैया में अमारी और दुलदुल का जुलूस उठाया जाएगा। इस जुलूस में शहर भर की सभी अंजुमनें शिरकत करेंगी और नौहाख्वानी व मातम करेंगी। जुलूस में वाराणसी सहित आस-पास के शिया समुदाय के लोग शिरकत करेंगे। वहीं समाचार लिखे जाने तक शिया बहुल इलाकों में मजलिसों का दौर जारी रहा। इस संबंध में शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 28 तारीख सन 60 हिजरी को इमाम हुसैन अपने कुनबे के साथ मदीने से कर्बला के लिए रवाना हुए थे। यह उनका अंतिम सफर था। इस सफर के दौरान वो 2 मुहर्रम सन 61 हिजरी को कर्बला पहुंचे थे। वहां उस दौर का जालिम बादशाह यजीद ने उन्हें उनके 71 साथियों के साथ शहीद कर दिया था। फरमान हैदर ने बताया कि इस दौरान इमाम हुसैन के 6 माह के बच्चे को भी शहीद किया गया। जिसके लिए पानी मांगने को इमाम हुसैन जंग के मैदान में पहुंचे थे। जहां हमला नामक शख्स ने ऊंट का शिकार करने वाले तीन फल के तीर से मारकर उनके 6 महीने के बेटे अली असगर को शहीद किया था।
फरमान हैदर ने बताया- इसी की याद में लाट सरैया स्थित सदर इमामबाड़े से बुधवार को दिन में 1 बजे सफर-ए-हुसैनी का जुलूस उठाया जाएगा। अमारी के इस जुलूस में शहर की नामचीन सभी अंजुमनें शिरकत करेंगी।
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