रविवार, 29 सितंबर 2024
आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहे हैं पूर्वांचल के अधिकांश क्रीड़ांगन एवं व्यायामशालाएँ: दिलीप कुमार सिंह
Ghazipur (dil India live)। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी मे विज्ञान संकाय के शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विषय के शोधार्थी दिलीप कुमार सिंह ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक "पूर्वाञ्चल के व्यायामशालाओं एवं क्रीड़ागनों की वर्तमान स्थिति का सर्वेक्षणात्मक अध्ययन" नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि व्यायामशालाओं और क्रीड़ांगनों का महत्व केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये समाज के समग्र विकास और आर्थिक उन्नति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, हालांकि पूर्वांचल क्षेत्र की व्यायामशालाओं एवं क्रीड़ांगनों की वर्तमान स्थिति में कई चुनौतियाँ हैं। यहाँ के अधिकतर क्रीड़ांगन एवं व्यायामशालाएँ आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहे हैं। हालाँकि, कुछ क्षेत्रों में सुधार के प्रयास जारी हैं, जैसे कि कुछ नए स्टेडियमों का निर्माण और मौजूदा सुविधाओं का नवीनीकरण किया गया है। खेलों को प्रोत्साहन देने और स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं, लेकिन अभी भी संसाधनों और सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी दिलीप कुमार सिंह ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति के चेयरमैन व महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबन्ध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह , मुख्य नियंता प्रोफेसर (डॉ०)एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक डॉ० अनुराग सिंह एवं शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० लवजी सिंह, डॉ० ओमदेव सिंह गौतम, प्रोफे० (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ० रामदुलारे, डॉ० कृष्ण कुमार पटेल, डॉ० अमरजीत सिंह, प्रोफे०(डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ० योगेश कुमार, डॉ०शिवशंकर यादव, डॉ० कमलेश, रणविजय सिंह, प्रदीप सिंह, एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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