नबी के जश्न में रौशन हुआ सारा जहां
- नबी की आमद की खुशी में पेश हुए नातिया कलाम
- उलेमा की नूरानी तकरीर सुन फैज़याब हुए लोग, देर रात तक जारी रहा कलाम और सलाम का दौर
|
नबी की पैदाइश की खुशी में कुछ इस तरह निकला जुलूस |
|
सराय हडहा से निकला यौमुन्नबी कमेटी का जुलूस |
Varanasi (dil India live). इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर, हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) की यौमे पैदाइश की खुशी और जश्न का आगाज़ इतवार की शाम से ही हो गया जो पूरी रात चलता रहा। सोमवार को अल सुबह रेवड़ी तालाब से जुलूसे मोहम्मदी सलाम और कलाम पेश करते हुए रेवडीतालाब से निकाला जाएगा। जिसमें शहर भर की अंजुमने शिरकत करेंगी।
इससे पहले इतवार को मुस्लिम बाहुल्य इलाके रौशनी और सजावट से इतराते नज़र आये। इस दौरान सारा जहां नबी की मोहब्बत और अकीदत लुटाता नज़र आया। हर तरफ नूर की बारिश और डायसों से नबी की शान में कलाम पेश किया जा रहा था। जहां शायरों का जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा था। अर्दली बाज़ार मुख्य रोड पर मौलाना शमशुद्दीन साहब की अगुवाई में अंजुमन फैजाने नूरी की ओर से तकरीर और नातिया मुशायरा देर रात शुरू हुआ जिसमें शायर कलाम पेश करते दिखाई दिए। मध्यरात्रि तक शायरों के कलाम फिजा में खुशबू बिखेरते नजर आएं। यहां नबी की शान में एक से एक उम्दा कलाम गूंजता रहा। उधर मरकजी यौमुन्नबी कमेटी की ओर से ईद मिलादुन्नबी पर, आज किसकी आमद से हर तरफ उजाला है, आखिरी पयंबर है और नूर वाला है... व, आमीना का लाल देखो जगमग जगमग करता है...। जैसे कलाम सुनाई दिए। यह सिलसिला समाचार लिखे जाने तक जारी था।
इससे पहले बेनियाबाग के पूर्वी छोर हड़हा मैदान से मरकजी यौमुन्नबी कमेटी ने जुलूस निकला यह जुलूस नबी की आमद की खुशी में इस्लामी तराना पेश करते हुए सराय हाड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मस्जिद खुदा बख्श जायसी, कुरैशबाग मस्जिद, उस्ताद बिसमिल्लाह खान मार्ग होकर बंशीधर कटरा पहुंचा। जुलूस की अगुवाई कमेटी के अध्यक्ष शकील अहमद बबलू, पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग कर रहे थे। जुलूस के बाद मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल कादरी ने नबी की सीरत पर रौशनी डालते हुए उनके मोज्जों को बयां किया। कहा कि नबी की 63 साल की जिंदगी पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उन्होंने जिस इस्लाम की नींव रखी थी वो आज पूरी दुनिया में दरख्त बनकर लहरा रहा है। जरुरत है कि हम नबी के बताए हुए रास्तों पर चलें। इस दौरान महमूद खां, आगा कमाल, राशिद सिददीकी, रेयाज़ अहमद नूर, मोदस्सिर अहमद, मो. इमरान, मोहम्मद अबरार खान, शकील अहमद सिद्दीकी, अब्दुल अलीम, इमरान अहमद, दिलशाद अहमद दिल्लू, अजहर आलम अज्जू, गुडडू आदि मौजूद थे। ऐसे ही अर्दली बाजार, पक्की बाजार, मकबूल आलम रोड, नदेसर, लल्लापुरा, हबीबपुरा, नई सड़क, दालमंडी, सराय हड़हा, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, शक्कर तालाब, जलालीपुरा, कोयला बाजार, पीलीकोठी, चौहट्टा लाल खां, बड़ी बाजार आदि इलाकों में विद्युतीय सजावट की गई थी जहां नबी के जश्न के कलाम की गूंज फिजा में खुशबू बिखेर रही थी।
उधर दालमंडी के समाजसेवी गुलाम अशरफ व शाहनवाज खान शानू की अगुवाई में नई सड़क लंगड़े हाफिज मस्जिद के नीचे मिल्लत कमेटी की जानिब से नई सड़क पर लंगर चलाया गया। यह जानकारी बबलू कुरैशी ने दी। दालमंडी व्यापार मंडल की ओर से लंगरे मोहम्मदी का आयोजन नया चौक में किया गया था जहां तमाम लोग तबर्रुक चखते दिखाई दिए। ऐसे ही कई जगहों पर लंगर चलता रहा व लोगों में तबर्रुक तकसीम किया जा रहा था।
वरुणा पार के जुलूस का वक्त बदला
सीएम आगमन को देखते हुए थाना कैंट पर मीटिंग में तय हुआ है कि जुलूस अब शाम की बजाय दोपहर में निकलेगा। कल 16 सितंबर को जो जुलूस निकलेगा उसका समय बदल कर 1 बजे कर दिया गया है। 16 सितंबर जोहर बाद पुलिस लाइन चौराहा पक्की बाजार मस्जिद दायम खान के बाहर से जुलूस निकलेगा और अरदली बाजार वाले जुलूस से मिलेगा और भोजुबीर होते हुए सर्किट हाउस से कचहरी चौराहा होते हुए पक्की बाजार पुलिस लाइन चौराहे पर समाप्त होगा। ऐसे ही सूफी नगर, मकबूल आलम रोड, अर्दली बाजार आदि के जुलूस दोपहर में ही निकलेंगे शाम से पहले सम्पन्न हो जाएंगे। उधर रेवड़ी तालाब का जुलूस सुबह फजर की नमाज के बाद निकलेगा।
(सरफराज अहमद/मो. रिजवान)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें