Varanasi (dil India live). जामा मस्जिद नदेसर में मुत्ताहिदा उलमा कौंसिल बनारस के ज़ेरे एहतमाम तमाम मस्लकों के उलमा-ए-किराम का इसलाहे मुआशरा व इत्तेहाद ए उम्मत के आयोजन में एकजुट दिखाई दिए। आयोजन में कौंसिल के उलमा-ए-किराम ने अपने अपने मौज़ूवात पर खिताब किया। इज्लास की सदारत क़ौसिल के मौलाना हारून रशीद नक़्शेबंदी कर रहे थे तो ख़िताब मौलाना अहसन जमील मदनी, मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी, मौलाना सैयद ज़फरुल हुसैनी ने प्रोग्राम में क़ौसिल के शामिल उलमा ए किराम के अहम मौज़ुवात, इत्तेहाद ए उम्मत पर जोर दिया। कहां कि आज वक्त की ज़रूरत है की हम सब एक प्लेटफार्म पर आएं। आयोजन में शुक्रिया मौलाना इश्तियाक अली ने किया।
उलमा ए किराम के मुफ़ीद कलिमात से मिल्लत को फ़ैज़ेआब हासिल हुआ, मस्जिद के इमाम व ख़तीब मौलाना आसिफ़ ने क़ौसिल के अग़राज मक़ासिद और क़ौम मिल्लत की ज़रूरत और क़ौसिल की कार्यक्रदगी और क़ौसिल का तार्रुफ करवाते हुए निज़ामत फ़रमाई। जलसा सद्र हज़रत मौलाना हारून रशीद नक़्शेबंदी ने दुआएं कर प्रोग्राम का समापन किया। कौंसिल मस्जिद के इमाम व ख़तीब व मस्जिद कमेटी के तमाम ज़िमेदारानों खूसूसी मोहम्मद असलम, व तमाम मस्लक के हाज़िरीने मस्जिद तमाम मस्लक के उलमा-ए-किराम और तमाम सामेएइन और राब्ता कमेटी के साथियों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करतीं है जिनकी कोशिशों से यह प्रोग्राम बहुत कामयाब रहा। जिसमें कमेटी के ज़िम्मेदारों से मनाज़िर हुसैन, नदीम अहमद, फ़ैसल एक़बाल, आकिब, इरफान, आबिद, शौकत अली, कैफ़ी, शमशाद व अन्य बहुत से साथियों ने शिरकत किया व ज़िम्मेदारियों का निर्वाह किया।
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