गुरुवार, 26 सितंबर 2024

Banaras Sangit news: लयोत्सव का समारोहपूर्वक भव्य समापन




Varanasi (dil India live). नादश्री म्यूजिक अकादमी का दो दिवसीय भव्य अवनद्ध वाद्य समारोह लयोत्सव का समापन सत्र मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सभागार में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में देश भर के जाने माने ६ तबला वादक कलाकार शामिल हुए, जिन्होंने ३ खंडों में बंटे वार्ता सत्र के कार्यक्रम में छात्रों के बीच तबले की विरासत और परंपरा पर चर्चा की।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रथम दिन पंडित नंदकिशोर मिश्र, पंडित दीपक सहाय, एवं पंडित किशन रामडोहकर का तबला वादन हुआ। आपके संग हारमोनियम और सारंगी की संगत में आनंद किशोर मिश्र, ध्रुव सहाय एवं मोहित सहानी ने मधुर संगत प्रदान की। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में प्रथम दिवस के सभी अतिथि कलाकारों को एक विशेष वार्ता सत्र के लिए आमंत्रित किया गया, जहां सभी ने बारी बारी से काशी की प्राचीन तबला वादन पद्धति पर वक्तव्य दिया तथा प्रत्येक वक्तव्य के पश्चात शेष ३ वादकों का तबला वादन हुआ। इसमें क्रमशः पंडित डॉ. मनोज कुमार मिश्र, पंडित कुबेर नाथ मिश्र एवं समापन देश के वरिष्ठतम तबला वादकों में से पंडित पूरन महाराज के तबला वादन से हुआ। कार्यक्रम में संगतकर्ता के अंकित मिश्र एवं मोहित सहानी ने बखूबी अपनी भूमिका निभाई।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री पंडित राजेश्वर आचार्य ने अपने वक्तव्य कौशल से ज्ञान की सरिता को प्रवाहित किया। आपने तबला के इतिहास पर, तथा विषयानुसार मुख्यतः पंडित अनोखे लाल मिश्र, पंडित सामता प्रसाद मिश्र तथा पंडित किशन महाराज के जीवन पर प्रकाश डाल कर उससे प्रेरणा ले कर संगीत के क्षेत्र में अनूठा कार्य करने की सीख दी तो वहीं नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल ने अपने ऊर्जापूर्ण वक्तव्य से सभी पूर्वज वादकों की स्मृतियों को पुनः जीवंत कर दिया। 


नादश्री की संयोजिका मीना मिश्रा ने डॉक्टर राजेश्वर आचार्य तथा अन्य वक्ताओं का स्वागत एवं सम्मान किया। संयोजिका ने बताया की कार्यक्रम के खत्म होने के पश्चात बुधवार को बैठक में संस्थान के सभी कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम के सफलता पूर्वक आयोजन के लिए धन्यवाद दिया गया, तथा हर वर्ष "लयोत्सव" को और भी भव्य और विस्तृत स्वरूप में आयोजित करने की प्रेरणा दी गई। इस बैठक में संदीप केवले द्वारा लायोत्सव के वार्ता सत्र से निकले निष्कर्ष पर चर्चा की और छात्रों को सभी आयामों से अवगत कराया ।

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