शनिवार, 21 सितंबर 2024

खुशमिजाजी के कारण वाराणसी में डिमेंशिया के मरीज कम- प्रो. सत्यगोपाल

विश्व अल्जाइमर दिवस पर डीएवी में हुई संगोष्ठी

Varanasi (dil India live)। विश्व अल्जाइमर दिवस के अवसर पर शनिवार को डीएवी पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य एवं डिमेंशिया के विषय विशेषज्ञ प्रो. सत्यगोपाल जी ने कहा कि डिमेंशिया कोई अभिशाप नही है, इसे नियंत्रित किया जा सकता है बशर्ते मरीज के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए, उन्हें अपनेपन का एहसास दिलाएं और कभी अकेला ना छोड़े। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था में अल्जाइमर के रोगी ज्यादा मिलते है, जिनमे भूलने की बीमारी बढ़ जाती है। स्वयं द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार प्रो. सत्यगोपाल ने बताया कि वाराणसी में डिमेंशिया अल्जाइमर के रोगी काफी कम है, इसके पीछे का मुख्य कारण उनका खुशमिजाज जीवन शैली है साथ ही साथ तीज त्योहार, धार्मिक उत्सवों की अधिकता और उम्रदराज लोगों के साथ अच्छा व्यवहार भी है। वहीं जम्मू कश्मीर राज्य में सबसे अधिक डिमेंशिया के मरीज मिले, जिसका मुख्य कारण लंबे समय से स्थानीय लोगों में उत्साह की कमी और हिंसा, आतंकवाद के कारण एक दूसरे से कमतर संपर्क रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ती उम्र में डिमेंशिया अल्जाइमर से बचना है तो नियमित रूप से कम से कम आठ घण्टे की नींद लेना बेहद जरूरी है। 

अध्यक्षता करते हुए उपाचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि जीवन शैली में बदलाव भी इस तरह की बीमारियों का प्रमुख कारण है, व्यवहारिक पक्ष देखें तो एकाकी परिवार का बढ़ता चलन भी इसके लिए जिम्मेदार है। इस अवसर पर एम.ए. की विद्यार्थी मिनहाज और युक्ति ने अल्जाइमर पर कविता भी सुनाईं। कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को पुरस्कृत भी किया गया।संयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. ऋचारानी यादव ने किया। संचालन डॉ. अखिलेन्द्र कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कल्पना सिंह ने किया। कार्यक्रम में डॉ. ऐश्वर्या उपाध्याय, डॉ. अनुप्रिया सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

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