सोमवार, 16 सितंबर 2024

सरकार की आमद मरहबा, मुख्तार की आमद मरहबा...की सदाओं संग नबी की यौमे पैदाइश पर निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी

अकीदत व शानो-शौकत के साथ निकला जुलूस, उमड़ा जनसैलाब 

  • जगह जगह होती रही नूर की बारिश 





















Varanasi (dil India live)। सोमवार को सरकार की आमद मरहबा, मुख्तार की आमद मरहबा, प्यारे की आमद मरहबा, मीठे की आमद मरहबा, सच्चे की आमद मरहबा, अच्छे की आमद मरहबा, ज़रा ज़ोर से बोलों मरहबा, दिल खोलकर बोलो मरहबा...की सदाओं संग नबी की यौमे पैदाइश पर जुलूस ए मोहम्मदी शानो-शौकत के साथ रेवड़ी तालाब से निकाला गया। इस दौरान जुलूस में उमड़ा जनसैलाब देखते ही बन रहा था। ईद मिलादुन्नबी (पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.) के जन्म दिन पर निकले इस जुलूसे मोहम्मदी में आपसी सद्भाव और देश प्रेम का जज्बा भी देखने को मिला। शहर में निकले जुलूस में शामिल लोग इस्लामिक झंडे के साथ राष्ट्रीय ध्वज भी लहराते हुए चल रहे थे। इसमें हिंदू भाइयों ने भी बढ़-चढ़ कर सहयोग किया। मुस्लिम इलाकों में पूरी रात नातिया कलाम और हमदो सना की महफ़िले गुलज़ार रही। वहीं इस दौरान वरुणा पार के अर्दली बाजार में अंजुमन फैजाने नूरी की ओर से दो दिवसीय जलसा व नातियां मुशायरा मिल्लत की नज़ीर पेश करता नजर आया। यहां पर एक ओर खूबसूरत मॉडल सजाया गया था तो दूसरी ओर खूबसूरत सजावट लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। यहां हिंदू मुस्लिम एक साथ कंधे से कंधा मिलाएं खड़े नजर आये। उधर ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाला जुलूसे मोहम्मदी में भी अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा हुआ था। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा जुलूस है। इसमें वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों के लोग भी शामिल होते है। इसके चलते सोमवार को लाखों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए। हाथों में इस्लामिक और तिरंगा झंडा था तो लबों पर सरकार की आमद मरहबा...और नार-ए-तकबीर और नारे रेसालत की सदाएं बुलंद हो रही थी। रेवड़ी तालाब मैदान से सुबह 7.30 बजे निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी भेलूपुर, रविंद्रपुरी, शिवाला, गौरीगंज, मदनपुरा, गौदोलिया, मैदागिन, कबीरचौरा होते बेनियाबाग पहुंच कर सभा में परिवर्तित हो गया। मरकज़ी दावते इस्लामी जुलूसे मोहम्मदी कमेटी का जुलूस बेनियाबाग मैदान पहुंचा। जहां पर मौलाना अब्दुल हादी खान हबीबी की सदारत में जलसा हुआ जिसका संचालन मौलाना हसीन अहमद हबीबी कर रहे थे। तकरीर और दुआ के साथ जुलूस समाप्त हो गया। तकरीर में पैगंबर साहब के जीवन के बारे में बताया गया और उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलने की बात कही गई। इसके अलावा देश और दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआ की गई। शुक्रिया अबु ज़फ़र रिजवी ने दिया। उधर शहर काजी मौलाना जमील अहमद की अगुवाई में निकला जुलूस रेवड़ी तालाब से अपने पुराने रास्तों से होकर पुनः रेवड़ी तालाब पहुंच कर सम्पन्न हुआ। इसके पहले देर रात से रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, दालमंडी, नई सड़क, अर्दली बाजार आदि जगहों पर जगह-जगह लगे स्टेज पर अंजुमनों ने नातिया कलाम पेश किया। नबी की शान में पेश किए गए नातिया कलाम में विजेता अंजुमनों को इनाम भी दिया गया। उधर दावते इस्लामी हिंद इंडिया की ओर से पूरी रात इजतेमा का आयोजन किया गया। दावते इस्लामी इंडिया के निगरा और मेम्बर्स ने नबी पर दुरूद और सलाम के साथ ही देश दुनिया की तरक्की, दुनिया में अमन और मिल्लत के लिए दुआएं भी मांगी। यह आयोजन फजर की नमाज के बाद संपन्न हुआ। उधर मिल्लत कमेटी का नातिया मुकाबला नई सड़क में सोमवार सुबह तक चला। नातिया मुकाबला इतवार की मध्यरात्रि शुरू हुआ जो सोमवार को नतीजे की घोषणा के बाद नबी पर सलाम भेजने के बाद खुसूसी दुआखवानी के बाद सम्पन्न हुआ। इस दौरान राहत अली, मोहम्मद आजम, सरफराज खान, तनवीर खान, हबीबुल्लाह, फैज अली, फ़ज़ल बनारसी, हाजी अब्दुल हक, साजिद खान, इमदाद अली सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे। ऐसे ही दालमंडी के समाजसेवी गुलाम अशरफ व शाहनवाज खान शानू की अगुवाई में नई सड़क लंगड़े हाफिज मस्जिद के नीचे मिल्लत कमेटी की जानिब से लंगर चलाया गया। यहां बबलू कुरैशी लोगों का स्वागत कर रहे थे। उधर दालमंडी व्यापार मंडल की ओर से लंगरे मोहम्मदी का आयोजन नया चौक में किया गया था जहां तमाम लोग तबर्रुक का लुत्फ उठाते दिखाई दिए। ऐसे ही अर्दली बाजार में कई जगहों पर लंगर चलता रहा व लोगों में तबर्रुक तकसीम किया जा रहा था। तबर्रुक लेने सभी वर्गों के लोग उमड़े हुए थे। ऐसे ही अन्य इलाकों में भी जुलूस निकाला गया।

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