सोमवार, 10 मार्च 2025

झांसी की रानी कविता स्त्री के शौर्य और बल को करती है रेखांकित

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान ने मनाया महिला दिवस 



Lucknow (dil India live). उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी आज 9 मार्च 2025 को उद्गगार सभागार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। संगोष्ठी में पद्म भूषण सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाओं में स्त्री विमर्श पर विस्तृत चर्चा हुई। पंडित छतीश द्विवेदी कुंठित ने कहा कि सुभद्रा जी ने झांसी की रानी कविता के माध्यम से स्त्री के शौर्य और बल को रेखांकित करते हुए उनके अंदर उत्साह और ऊर्जा का संचार पैदा किया। प्रोफेसर अशोक राय ने कहा की खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी ऐसी वीरांगना चरित्र को कविता के माध्यम से विश्व पटल पर नारी के स्वावलंबी एवं उनमें आत्म बल के साथ संघर्ष करने की सोच को विकसित करती है 

सुनील सेठ ने कहा कि आज आवश्यकता है कि नारी को अपने आत्म सम्मान और गौरव की रक्षा करने का समय है जिसकी नसीहत सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं से लोगों को प्रेरित करती है। रचना तिवारी एवं अंचला पांडे साथ ही प्रज्ञा श्री ने अपने विचारों को विस्तार पूर्वक रखा। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन जाने-माने हास्य कवि डॉक्टर अशोक राय अज्ञान ने किया और अंत में सभागार में उपस्थित सभी जनमानस के प्रति आभार व्यक्त किया।

Ramzan mubarak (9) खुद पर कंट्रोल रखने का नाम रमज़ान

खाने पीने से दूर रहें, अपने अंदर लाएं बदलाव 

Varanasi (dil India live). रब ने हम सबको रमज़ान के महीने में जो-जो रहमतें नाज़िल की हैं, हम सब उसका तसव्वुर भी नहीं कर सकते। रमज़ान में एक माह का रोज़ा हम पर फ़र्ज़ कि़या गया है। आईये जाने कि रोज़ा क्या है। रोज़े के माने यह हैं कि खाने पीने से दूर रहना साथ ही साथ अपने अन्दर बदलाव लाना, खुद पर नियंत्रण या कन्ट्रोल रखना। रोज़े में तीन चीज़ों से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है। अब यह देखे कि यह तीनों चीजें ऐसी हैं जो हमारे लिए जाएज़ और हलाल हैं, अब रोज़े के दौरान आप इन हलाल और जाएज़ चीज़ों से तो परहेज़ कर रहे हैं, न खां रहे हैं न पी रहे है, लेकिन जो चीज़ें पहले से हमारे लिए हराम थीं यानी झूठ बोलना, ग़ीबत करना, बदनिगाही करना यह सब चीज़ें पहले से हमारे लिए जाएज़ नही थीं, हराम थीं, वह सब रोज़े के दौरान हो रही है। रोज़ा रखा है और झूठ बोल रहे हैं, रोज़ा रखा है और ग़ीबत कर रहे हैं, रोज़ा रखा है और बदनिगाही कर रहे हैं, रोज़ा रखा है और वक्त पास करने के लिए फि़ल्में देख रहे हैं, क्या यह रोज़ा हुआ, हरगिज़ नहीं, क्यों कि रोज़े के दौरान हलाल चीज़ों से तो परहेज़ कर रहे हैं लेकिन हराम चीज़ों को अपनाए हुए हैं। हदीस शरीफ़ में नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहे वसलम ने इरशाद फ़रमाया है कि अल्लाह तआला फ़रमाता है कि जो शख्स रोज़े की हालत में झूठ बोलना न छोड़े तो मुझे ऐसे शख्स का भूखा और प्यासा रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। रमज़ान नाम सब्र का है, सच का है, जकात का है, अमन और नेकी का है,

 रमज़ान में वो सारे काम होते है जिससे रब और उसका रसूल खुश होता है। इसलिए ऐ रोज़ेदारों अल्लाह और उसके रब को राज़ी करना चाहते हो तो हराम चीज़ो से, दुनियावी चीज़ो से बचते हुए तकवा आखितयार करो, नकी के रास्ते पर चलो और रोज़ा रखो। बहरहाल अल्लाह तआला हम सबको सही माने में रोज़ा रखने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए, नेकी की राह दिखाये।..आमीन।

      मौलाना अबु सईद क़ासमी

रविवार, 9 मार्च 2025

Ramzan ka 8 roza मुकम्मल, मंगल को पूरा होगा अशरा

मस्जिद बुद्धू छैला समेत कई मस्जिदों में तरावीह मुकम्मल 


मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live). मुक़द्दस रमजान का पहला अशरा रहमतों का अपनी रफ़्तार में है। रहमत का पहला अशरा मंगलवार को शाम में मुकम्मल होगा। इसी के साथ मस्जिदों में नमाजे तरावीह मुकम्मल होने का दौर भी तेज़ हो चला है। इतवार को मस्जिद बुद्धू छैला में हाफ़िज़ कुददूस ने तरावीह मुकम्मल करायी। इस दौरान लोगों ने उनका जोरदार खैरमकदम किया। गुलपोशी का भी दौर देखने को मिला। नमाजे तरावीह मुकम्मल होने के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर फोटो भी तरावीह मुकम्मल होने का वायरल हो गया। 

ऐसे ही 6 रमज़ान को छोटी मस्जिद डिठोरी महाल में तरावीह हाफिज शाहरुख ने मुकम्मल करायी। उनकी तमाम नमाजियों ने मुसाफा और गुलपोशी कर हौसला अफजाई की। मस्जिद याकूब शहीद नगवा में हाफिज मोहम्मद ताहिर की अगुवाई में हाफ़िज़ आसिफ दस रमज़ान को तरा़वीह खत्म होगी। ऐसे ही दस रमज़ान को शहर बनारस में एक दर्जन मस्जिदों में तरावीह मुकम्मल होगी।

Aman or Millat की पहल, होली पर जुमे की नमाज़ का बदला वक्त

शहर काजी का ऐलान : होली पर जुमे की नमाज़ दो बजे से होगी अदा



Varanasi (dil India live). बनारस शहर हमेशा से अमन और मिल्लत की कद्र करता रहा है। शहर के अमन और मिल्लत को आंच न आए इसके लिए सदा दोनों कौमें पहल करती रही हैं। ताज़ा खबर होली और जुमे की नमाज़ को लेकर है। होली पर जुमे की नमाज़ दो बजे अदा करने का फैसला लिया गया है। शहर काजी बनारस ने यह ऐलान किया है। उन्होंने प्रेस नोट जारी करते हुए लिखा है कि इंतेज़ामिया मसाजिद से अपील किया गया है कि 14 मार्च 2025 को जुमा व होली का त्योहार एक साथ पड़ जाने के कारण वाराणसी ज़िला प्रशासन की गुज़ारिश पर ओलमा ए किराम व मुफ्तियान ए एज़ाम से मशवरे के बाद यह फैसला लिया गया है कि उक्त आने वाले जुमा को जिन मस्जिदों में जुमे की नमाज़ दिन में 2 बजे से पहले अदा की जाती है उन मस्जिदों में जुमे की नमाज़ दिन में 2 बजे कर दी जाए और जिन मस्जिदों में दिन में 2 बजे या 2 बजे के बाद जुमा की नमाज़ अदा की जाती है वहां अपने समय अनुसार अदा की जाए ताकि ज़िला प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग मिल सके। और दोनों अमन और मिल्लत के साथ सम्पन्न हो जाए। शहर काजी मौलाना जमील अहमद रिज़वी ने मस्जिद इंतेज़ामिया कमेटी से गुज़ारिश किया है कि अपनी अपनी मस्जिद में आने वाले 14 मार्च को जुमा के वक्त का पहले से ऐलान कर दें ताकि अवाम को मालूम हो जाए। किसी को कोई दिक्कत न हो।

सात दिवसीय विशेष एनएसएस शिविर स्वच्छता जागरूकता संग सम्पन्न

एनएसएस स्वयंसेवको ने किया पौधरोपण 



Varanasi (dil India live). राजकीय प्राथमिक विद्यालय, छित्तूपुर खास में विशेष एनएसएस शिविर के सातवें दिन 'स्वास्थ्य और स्वच्छता जागरूकता' कार्यक्रम चलाया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य “स्वास्थ्य और स्वच्छता “ के बारे में जागरूकता के लिए सभी को प्रेरित करना तथा स्वच्छता के सही तरीकों को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. शशि प्रभा कश्यप की अगुवाई में, सूचनात्मक वार्ता और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करने के लिए कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी।

इस दौरान मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और आधिकारिक तौर पर सत्र शुरू किया। कार्यक्रम का समन्वय एनएसएस स्वयंसेवक भाविका मोहिनानी ने किया I

सत्र एक "पौधा रोपण अभियान" पर आधारित था। इस सत्र में कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. शशि प्रभा कश्यप ने आम, नीम और  अगले सत्र की अतिथि वक्ता प्रो. सरिता मिश्रा, एमएस (आयुर्वेद), पीएचडी, पूर्व एसआर आईएमएस, बीएचयू और संस्थापक ब्लिसवेदस, वाराणसी थीं। डॉ मिश्रा ने स्वास्थ्य, आयुर्वेद और महिलाओं के स्वास्थ्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा, आयुर्वेद स्वास्थ्य की भविष्यवाणी है। उन्होंने स्वास्थ्य, पाचन संबंधी समस्याओं, त्वचा और बालों के झड़ने जैसे कॉस्मेटिक स्वास्थ्य मुद्दों पर जोर दिया है। उन्होंने भूख, भूख के प्रकार और विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं, उनके कारण और रोकथाम पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि पाचन तंत्र हमारे शरीर का दूसरा मस्तिष्क है और हमारा प्रजनन स्वास्थ्य पाचन तंत्र द्वारा नियंत्रित होता है। उन्होंने हमारे अच्छे स्वास्थ्य से संबंधित कई टिप्स दिए।  मैडम ने शरीर के वजन और उम्र के हिसाब से शरीर की पानी की क्षमता के बारे में बात की और रोजाना त्वचा में तेल लगाने, नाक खींचने और कई अन्य तथ्यों जैसे स्वस्थ सुझाव साझा किए।

व्याख्यान के बाद एक जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित किया गया। स्वयंसेवकों ने अपने स्वास्थ्य और दिन-प्रतिदिन की जीवन शैली के बारे में सवाल पूछे। इसके बाद एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया गया, जिनके नाम भूमि कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, संजना भंडारी, तनिष्क भगत, अर्पिता राय हैं और ओजस्वी यादव द्वारा "स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों" के विषय पर एक नाटक सुनाया गया। हमारे अतिथि वक्ता ने नाटक की सराहना की। एनएसएस शिविर के अंतिम दिन दूसरा सत्र सांस्कृतिक कार्यक्रम पर आधारित था। इस सत्र में हमारे एनएसएस स्वयंसेवकों अवनि वर्मा, मेघा प्रजापति, नवनीता भक्त, कुमारी द्वारा एक समूह नृत्य तैयार किया गया और प्रस्तुत किया गया, एनएसएस स्वयंसेवक ओजस्वी यादव द्वारा एक सुंदर स्वलिखित कविता सुनाई गई, अवनि वर्मा और कुमारी सना यादव नामक एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा युगल नृत्य किया गया, भाविका मोहिनानी और संजना यादव नामक एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा युगल गीत गाया गया और उसके बाद स्मृति सुधा सत्पथी नामक एनएसएस स्वयंसेवक द्वारा भारत की एक संस्कृति की खोज पर एक एकल नृत्य प्रस्तुत किया गया जो पश्चिमी ओडिशा है जो संबलपुरी पर आधारित था। सत्र बहुत जानकारीपूर्ण और तथ्यों से भरा था जो हमारे दैनिक जीवन में मदद करेगा। एक सम्मानित अतिथि और उत्साही स्वयंसेवकों की उपस्थिति ने दिन को अविस्मरणीय और परिवर्तनकारी बना दिया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ शशि प्रभा कश्यप  अंत में, कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिससे वातावरण देशभक्ति, एकता और गौरव की गहरी भावना से भर गया।

फिर बेलगाम हुए अपराधी कारोबारी को मारी गोली

बड़ागांव में बाइक सवार तीन हमलावरों ने कारोबारी को मारी गोली






Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। बड़ागांव थाना क्षेत्र के अहरक में रविवार को बाइक सवार तीन हमलावरों ने एक सराफा कारोबारी को सरेराह गोली मार दी। गोली युवक के कंधे पर लगी और वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा। वारदात के बाद हमलावर फरार हो गए और परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। देखते ही देखते पुलिस सक्रिय हो गयी। बड़ागाँव के अहरक में बदमाशों की गोली से घायल लोगों को देखने अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस. चिनप्पा भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने घटना की संपूर्ण जानकारी ली।

उधर बड़ागांव पुलिस ने घायल सर्राफ विकास पुत्र सियाराम को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार जारी है। वहीं मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी मामले की पड़ताल समाचार लिखे जाने तक कर रहे थे। एसीपी और एडीसीपी अहरक गांव में दो थानों की फोर्स लेकर पहुंचे। पुलिस विवाद समझने के साथ ही हमलावरों की तलाश कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस ने खंगाला और हमला करने वाले की तलाश कर रही है।

Ramzan mubarak (8) गुनाहों से रोज़ेदार को बचाता है मुक़द्दस रमज़ान

इबादत की कसरत होती है इस पूरे महीने

Varanasi (dil India live)। रमज़ान की रहमतों और बरकतों का क्या कहना। रमज़ान तमाम अच्छाइयां अपने अंदर समेटे हुए आता है। रमज़ान का रोज़ा रोज़ेदारों के लिए रहमत व बरकत का न सिर्फ सबब बनकर आता है, बल्कि इस महीने में तमाम परेशानियां और दुश्वारियां बंदे की दूर हो जाती हैं। नेकी का रास्ता ऐसे खुला रहता है कि फर्ज़ और सुन्नत के अलावा नफ्ल इबादत और मुस्तहब इबादतों की भी बंदा कसरत करता है। रोज़ा कितने तरह का होता है इसे कम ही लोग जानते हैं। तो रमज़ान के रोज़े को तीन तरह से समझे। मसलन पहला, आम आदमी का रोज़ा: जो खाने पीने और जीमाह से रोकता है। दूसरा खास लोगों का रोज़ा: इसमें खाने पीने और जीमाह के अलावा अज़ा को गुनाहों से रोज़ेदार बचाकर रखता है, मसलन हाथ, पैर, कान, आंख वगैरह से जो गुनाह हो सकते हैं, उनसे बचकर रोज़ेदार रहता है। तीसरा रोज़ा खवासुल ख्वास का होता है जिसे खास में से खास भी कहते हैं। वो रोज़े के दिन जिक्र किये हुए उमूर पर कारबन भी रहते हैं और हकीकतन दुनिया से अपने आपको बिलकुल जुदा करके सिर्फ और सिर्फ रब की ओर मुतवज्जाह रखते हैं। रमज़ान की यह भी खसियत है कि जब दूसरा अशरा पूरा होने वाला रहता है तो, 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ करते है। जिसका नाम एतेकाफ है। एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानि मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार। पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। रमज़ान में एतेकाफ रखना जरूरी। एतेकाफ नबी की सुन्नतों में से एक है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना। हदीस और कुरान में है कि एतेकाफ अल्लाह रब्बुल इज्ज़त को राज़ी करने के लिए रोज़ेदार बैठते है। एतेकाफ सुन्नते रसूल है। हदीस व कुरान में है कि हजरत मोहम्मद रसूल (स.) ने कहा कि एतेकाफ खुदा की इबादत में रोज़ेदार को मुन्हमिक कर देता है और बंदा तमाम दुनियावी ख्वाहिशात से किनारा कर बस अल्लाह और उसकी इबादतों में मशगूल रहता है। इसलिए जिन्दगी में एक बार सभी को एतेकाफ पर बैठना चाहिए। या अल्लाह ते अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने और दीगर इबादतों को पूरा करने की तौफीक दे।..आमीन।

             डा. साजिद अत्तारी

(वरिष्ठ दंत चिकित्सक, बड़ी बाजार वाराणसी)

मस्जिद 'दाल' कच्चीबाग में तरावीह मुकम्मल, इमामे तरावीह का इस्तकबाल

कल मुकम्मल होगा रमज़ान का पहला अशरा ककरमत्ता में भी मुकम्मल हुई तरावीह, हुआ शबीना  Varanasi (dil India live). मस्जिद ‘दाल’ कच्चीबाग में तराव...